सार
फिल्मों का हिट या फ्लॉप होना बेहद अप्रत्याशित होता है। कई फ़िल्में बड़े प्रचार और हाइप के साथ रिलीज़ हुईं, लेकिन पहले ही दिन दर्शकों ने उन्हें नकार दिया। वहीं कुछ फ़िल्में बिना किसी हाइप के रिलीज़ हुईं और लोगों की जुबानी प्रचार से हिट हो गईं। ऐसा हमेशा होता आया है। लेकिन इंटरनेट और सोशल मीडिया के इस दौर में, लोगों की जुबानी प्रचार का प्रभाव कई गुना बढ़ गया है। रिलीज़ से पहले खूब चर्चा बटोरने वाली, लेकिन पहले ही शो के बाद दर्शकों की आलोचना का शिकार हुई 10 फ़िल्में यहां दी गई हैं।
इंडियन 2
28 साल बाद आई 'इंडियन' के सीक्वल 'इंडियन 2' को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह था। लेकिन पहले ही शो के बाद दर्शकों ने फिल्म को नकार दिया। इस तरह फिल्म के तीसरे भाग का भविष्य भी अधर में लटक गया। दर्शकों ने शंकर के सामने ये साबित करने की चुनौती भी रख दी है कि उनका निर्देशन अब भी पुराना नहीं हुआ है। ओटीटी पर रिलीज़ होने के बाद भी फिल्म को दर्शकों का मज़ाक ही सहना पड़ा।
बड़े मियाँ छोटे मियाँ
एक समय बॉलीवुड में हिट फिल्मों के पोस्टर बॉय रहे अक्षय कुमार का हालिया दौर फ़्लॉप फिल्मों का रहा है। 'बड़े मियाँ छोटे मियाँ' उनकी हालिया सबसे बड़ी फ्लॉप फिल्मों में से एक है। अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ स्टारर इस फिल्म में पृथ्वीराज ने विलेन का किरदार निभाया था। 350 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अपने बजट का छठा हिस्सा ही कमाया।
किंग ऑफ कोठ
दूसरी भाषाओं के दर्शकों का ध्यान खींच चुके दुलकर सलमान की 'किंग ऑफ कोठ' को एक पैन-इंडिया फिल्म के तौर पर प्रचारित किया गया था। यह फिल्म जोशी के बेटे अभिलाष जोशी के निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी। लेकिन पहले ही शो के बाद फिल्म का भविष्य तय हो गया। जितना ज़्यादा हाइप था, उतना ही नकारात्मक असर फिल्म पर पड़ा।
आदिपुरुष
'बाहुबली' फ्रैंचाइज़ी की शानदार कामयाबी के बाद प्रभास पर काफी दबाव था। उनकी कोई भी फिल्म अब छोटे बजट या छोटे पर्दे पर नहीं बन रही थी। लेकिन 'बाहुबली' के बाद उन्हें लगातार असफलता का सामना करना पड़ा। 'आदिपुरुष' उनमें से एक थी। बड़े बजट में बनी इस फिल्म को शुरुआत में प्रभास की मौजूदगी का फायदा मिला, लेकिन दर्शकों ने इसे नकार दिया।
तेजस
महिला प्रधान फ़िल्में भारतीय सिनेमा में कम ही बनती हैं। ऐसी फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर प्रदर्शन भी ख़राब रहता है। इसलिए बड़े बजट और बड़े पर्दे पर महिला प्रधान फ़िल्में कम ही बनती हैं। कंगना रनौत स्टारर 'तेजस' ऐसी ही एक फिल्म थी, जिसका निर्देशन सर्वेश मेवाड़ ने किया था। लेकिन यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप रही। 60 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने सिर्फ 6 करोड़ ही कमाए!
बान्द्रा
हाल ही में दिलीप की फिल्मों को लगातार असफलता का सामना करना पड़ा है। 'बान्द्रा' भी उनमें से एक है। 'रामलीला' जैसी हिट फिल्म देने वाले अरुण गोपी और हिट फिल्मों के लेखक उदयकृष्ण की फिल्म होने के कारण 'बान्द्रा' को लेकर काफी हाइप था। लेकिन दर्शकों ने फिल्म को नकार दिया।
गोल्ड
मलयालम की सबसे लोकप्रिय फिल्मों में से एक 'प्रेमम' के निर्देशक अल्फोंस पुत्रन की सात साल बाद आई फिल्म 'गोल्ड' को लेकर दर्शकों में खासा उत्साह था। लेकिन पृथ्वीराज स्टारर यह फिल्म दर्शकों को लुभाने में नाकाम रही। ज़्यादा हाइप होने के कारण दर्शकों ने इसका खूब मज़ाक भी उड़ाया।
मरक्कर: अरबिकदलिന്റെ सिंघम
100 करोड़ के बजट में बनी 'मरक्कर' मलयालम की सबसे महंगी फिल्म थी। इसका निर्देशन मोहनलाल को कई हिट फ़िल्में देने वाले प्रियदर्शन ने किया था। एपिक हिस्टोरिकल एक्शन फ़िल्म होने के बावजूद, यह फिल्म दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाई। हालांकि, इस फिल्म ने राष्ट्रीय और राज्य पुरस्कारों में तीन-तीन पुरस्कार जीते।
गैंगस्टर
'साल्ट एंड पेपर', '22 फीमेल कोट्टयम' और 'इडुक्की गोल्ड' जैसी फिल्मों से चर्चा में आए आशिक अबू ने मम्मूटी को लेकर 'गैंगस्टर' बनाई। फिल्म के प्रचार सामग्री को दर्शकों ने काफी पसंद किया था। यह फिल्म 2014 में रिलीज़ हुई थी। लेकिन सोशल मीडिया के कम सक्रिय होने के बावजूद, फिल्म पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर औंधी गिर गई।
कासनोवा
बड़े हाइप के साथ रिलीज़ हुई और बुरी तरह फ्लॉप रही फिल्मों में मलयालम की 'कासनोवा' (2012) भी शामिल है। बॉबी-संजय की कहानी पर आधारित इस रोमांटिक एक्शन थ्रिलर फिल्म का निर्देशन रोशन एंड्रयूज ने किया था। मोहनलाल को स्टाइलिश अंदाज़ में पेश करने वाली इस बड़े बजट की फिल्म दर्शकों को प्रभावित नहीं कर पाई।