आदित्य कुमार ₹1 करोड़ के सवाल का जवाब देकर ‘कौन बनेगा करोड़पति सीज़न 17’ के पहले करोड़पति बन गए। उन्होंने अमिताभ बच्चन से मिलने को लेकर अपनी उत्सुकता साझा की, अपनी सफलता का श्रेय अनुशासन, धैर्य और परिवार के सहयोग को दिया।
KNOW
KBC 17 First Crorepati Aditya Kumar Interview: हाल ही में आदित्य कुमार ने कौन बनेगा करोड़पति सीज़न 17 में 1 करोड़ रुपए जीतकर इतिहास रचा। अब उन्होंने हॉट सीट तक के अपने रोमांचक सफ़र, अमिताभ बच्चन से पहली मुलाकात और ₹1 करोड़ के सवाल का सही जवाब देकर धनराशि जीतने के साथ जुड़ी भावनाओं को साझा किया। एक विशेष बातचीत में उन्होंने अनुशासन, आत्मविश्वास और परिवार को अपनी सफलता की असली ताक़त बताया। पेश है उनसे साक्षात्कार के प्रमुख अंश :
आपकी अमिताभ बच्चन से पहली बातचीत कैसी रही?
सच कहूं तो मैं मंत्रमुग्ध था। उनका आभामंडल असाधारण है—गर्मजोशी से भरा, सम्मानजनक और आत्मविश्वास देने वाला। मुझे लगा था कि मैं घबरा जाऊंगा, लेकिन जिस तरह उन्होंने मुझसे बात की, वह बिल्कुल ऐसे था मानो मैं उन्हें बरसों से जानता हूं।
ऐसी कौन-सी तैयारी थी, जिसने आपको खेल में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद की?
अनुशासन, धैर्य और दबाव की स्थिति में शांत रहने की क्षमता। केबीसी यह साबित करता है कि ज्ञान और अक़्लमंदी सचमुच आपकी ज़िंदगी बदल सकते हैं।
शो का सबसे कठिन पल आपके लिए कौन-सा था?
निश्चित रूप से ₹1 करोड़ का सवाल। भले ही जवाब पता हो, इतनी बड़ी राशि का दबाव आत्मविश्वास हिला देता है। मुझे ठहरना पड़ा, गहरी सांस लेनी पड़ी और खुद पर भरोसा करना पड़ा। वही विश्वास मेरे लिए निर्णायक साबित हुआ।
बहुत लोग अमिताभ बच्चन से मिलने का सपना देखते हैं।आपने उन्हें ग्लैमर से परे कैसे अनुभव किया?
उनकी मौजूदगी चुंबकीय है, लेकिन जिसने मुझे सबसे ज़्यादा छुआ, वह उनकी विनम्रता थी। उन्होंने मुझसे मेरी जिंदगी के बारे में पूछा, कठिन समय में मेरा हौसला बढ़ाया और इस बात की तारीफ की कि मैं अनुमान नहीं, बल्कि ज्ञान से खेल रहा हूँ। सच कहूं तो उनकी वह प्रशंसा मुझे पैसों से भी बड़ा इनाम लगी।
जब स्क्रीन पर ₹1 करोड़ फ्लैश हुआ, उस वक्त आपको कैसा महसूस हुआ?
यह सिर्फ़ पैसों का मामला नहीं था—यह इस बात का सबूत था कि तैयारी, शांति और विश्वास आपको दूर तक ले जा सकते हैं। ₹1 करोड़ एक पड़ाव है, लेकिन असली लक्ष्य ₹7 करोड़ है। दर्शक देखेंगे कि मैं साहस के साथ खेलूँगा क्योंकि मेरे लिए असली जीत यही सफर है।
जीत के बाद सबसे पहला काम आप क्या करना चाहेंगे?
मैं यह खुशी गुजरात के यूटीपीएस उकाई स्थित अपने यूनिट के साथ बांटना चाहता हूं। मेरा परिवार भी यहां है। वे हमेशा मेरे सहारा बने रहे, और यह जीत जितनी मेरी है उतनी ही उनकी भी है।
