सार

गूफी पेंटल ने एक बातचीत में बताया था कि एक शख्स ने उन्हें धमकी भरा लेटर भेजा था और कहा था अगर उन्होंने बुरे काम करने बंद नहीं किए तो वह उनके पैर तोड़ देगा।

एंटरटेनमेंट डेस्क. 'महाभारत' (Mahabharat) में मामा शकुनी (Shakuni Mama) का रोल निभाकर फेमस हुए अभिनेता गूफी पेंटल (Gufi Paintal) नहीं रहे। 78 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वे पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। गूफी के दोस्त और साथी कलाकार ने उनके निधन की पुष्टि की है। गूफी पेंटल ने 'महाभारत' में शकुनी मामा का किरदार इतनी शिद्दत से निभाया था कि लोग आज भी उन्हें इसी नाम से जानते हैं। खास बात यह है कि इस किरदार के चलते लोग उनसे असल में नफरत करने लगे थे। खुद गूफी ने एक बातचीत में यह खुलासा किया था।

गूफी पेंटल ने सुनाया था दिलचस्प किस्सा

एक इंटरव्यू में गूफी पेंटल ने कहा था, "80 के दशक के अंत में जब महाभारत टेलीकास्ट हो रहा था तो मेरे पास शो के फैन्स के हजारों लेटर आते थे। मुझे याद है कि एक जेंटलमैन ने मुझे धमकी दी थी। उसने मुझसे कहा कि मैं बुरे काम बंद कर दूं, नहीं तो वह मेरी टांगें तोड़ देगा। उन दिनों की ख़ास बात यही थी कि लोग भोले थे और मुझे असली शकुनी मामा समझते थे। लोग मेरे किरदार की  वजह से मुझसे नफरत करना पसंद करते थे।"

गूफी ने 48 की उम्र में निभाया था शकुनी का किरदार

गूफी पेंटल ने जिस वक्त 'महाभारत' में मामा शकुनी का रोला निभाया था, उस वक्त वे 48 साल के थे। दुर्योधन बने पुनीत इस्सर के साथ उनकी केमिस्ट्री को लोगों ने ना केवल 1988-1990 के बीच एन्जॉय किया था, बल्कि कोरोना काल में जब 'महाभारत' का री-टेलीकास्ट किया गया, तब भी दर्शक इस शो के दीवाने हो गए थे। 2020 में जब कलर्स चैनल पर यह शो फिर से आया तो गूफी पेंटल ने ख़ुशी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था, “मैं बहुत खुश हूं कि 'महाभारत' कलर्स पर लौट रहा है। मैंने कलर्स के शो 'कर्मफल डाटा शनि' में विश्वकर्मा का रोल भी निभाया है। मेरा मानना है कि लॉकडाउन में पौराणिक शो जीवन की अच्छी शिक्षा और खुद को मोटिवेट करने का सबसे बेहतर जरिया हैं।”

5 जून की सुबह 9 बजे हुआ गूफी पेंटल का निधन

गूफी पेंटल ने 5 जून की सुबह करीब 9 बजे मुंबई के एक हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। वे किडनी और दिल संबंधी बीमारी से जूझ रहे थे। उनके अस्पताल में भर्ती होने के बाद से उनके चाहने वाले लगातार उनकी सलामती की दुआ कर रहे हैं। लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और ही मंजूर था।