गुरु नानक जयंती पर हम अमिताभ बच्चन केउस स्टेटमेंट को याद कर रहे हैं, जब उन्होंने खुद को आधा सरदार बताया था।   अमिताभ ने अपनीसिख विरासत को याद करते  हुए अपनी सिख विरासत के बारे में बात की थी।  उनकी मां एक पंजाबी थी, मामा गुरुद्वारा प्रबंधक थे। 

Amitabh Bachchan revealed he was ‘half-Sardar’: आज 5 नवंबर को गुरु नानक जयंती के मौके पर देशभर में गुरुपर्व मनाया जा रहा है। यहां हम उस घटना के बारे में आपको बता रहे हैं। जब कौन बनेगा करोड़पति के एक एपिसोड में अमिताभ बच्चन ने खुद को आधा सरदार और इस विरासत के बारे में खुलकर बात की थी। अमिताभ बच्चन खुद का आधा सिख बताते हैं, वे अपनी मातृभाषा यानि पंजाब से भी बहुत प्यार करते हैं, उनकी मां एक सिख परिवार से थी।

ये भी पढ़ें- 
कितनी है Virat Kohli और अनुष्का शर्मा की कमाई, Net Worth में जमीन-आसमान का अंतर?

"मुझे लगता है कि मैं आधा सरदार हूं..."

कौन बनेगा करोड़पति में मिलेनियम स्टार कहे जाने वाले बिग भी ने अपने माता-पिता की शादी के बारे में खुलकर बात की थी। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपने रिश्ते को "इंटरकास्ट" कहने में थोड़ी असहजता महसूस होती है। एक कंटस्टेंट कीर्ति से बात करते हुए, उन्होंने कहा, मेरे पिता उत्तर प्रदेश से थे और मेरी मां पंजाब के एक सिख परिवार से थीं। उनका मेरे ऊपर बहुत प्रभाव रहा है। मेरा मानना ​​है कि मैं तो आधा सरदार हूँ। जब मैं पैदा हुआ था, तो मेरी ननिहास में सब कहते थे,, 'किन्ना सोना पुत्तर है, साड्डा अमिताभ सिंह।'"

अमिताभ बच्चन ने दी अपनी सिख विरासत की जानकारी 

अमिताभ ने सिख विरासत पर कहा कि पिछले साल जब गुरुपर्व आया था तो उन्होंने इलाहाबाद में बिताए अपने बचपन और खासकर अपनी मां के बारे में फेसबुक पर आम लोगों को कुछ जानकारी दी थीया। उन्होंने लिखा, "इलाहाबाद में बिताए वे शुरुआती वर्ष, जब माँ मेरे कानों में गुरबानी के शाश्वत पवित्र और दिव्य शब्दों का पाठ किया करती थीं... 'तती वार न जावै...' जैसा कि आप जानते हैं, मेरी मां एक सिख थीं, तेजी कौर सूरी, मेरे दादा सरदार खज़ान सिंह सूरी, मेरी दादी एक सोड़ी थीं, और जिनका परिवार, उनके भाई और मेरी मामा अनंतपुर साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधक थे..."

ये भी पढ़ें-

KL Rahul V/S Athiya Shetty: कौन ज्यादा अमीर, नेट वर्थ में 3 गुना से ज्यादा अंतर

हिंदू पिता और सिख मां के बेटे हैं अमिताभ बच्चन

अमिताभ के पिता, हरिवंश राय बच्चन हिंदी कवि और लेखक थे, उन्होंने मधुशाला की रचना की थी। वे नई कविता साहित्यिक आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति, साल 1976 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्होंने तेजी सिंह से प्रेम विवाह किया था।