सार
रामानंद सागर के सीरियल रामायण की शूटिंग के दौरान एक रोचक घटना घटी जब एक कौए ने शो के एक महत्वपूर्ण सीन को फिल्माने में मदद की। डायरेक्टर रामानंद सागर, कौए के इस अद्भुत व्यवहार से हैरान रह गए और उन्होंने कौए के सामने हाथ जोड़े थे।
एंटरटेनमेंट डेस्क. 37 साल पहले आए रामानंद सागर (Ramanand Sagar) के सबसे पॉपुलर टीवी सीरियल रामायण (Ramayan) का क्रेज आज भी है। जिस तरह से रामानंद सागर ने इसे डायरेक्ट किया था, उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है। बता दें कि भारत में रामानंद सागर की रामायण सनातनियों के लिए सिर्फ एक शो नहीं बल्कि संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने इसमें छोटे से छोटे किरदार को बखूबी पेश किया। फ्लैशबैक स्टोरी सीरीज के तरह आपको रामायण से जुड़ा एक किस्सा बताने जा रहे हैं। ये किस्सा एक कौए से जुड़ा है। बता दें कि एक सीन को शूट करने के लिए रामानंद सागर को कौए को मानाने के लिए उसके आगे हाथ जोड़ने पड़े थे। आइए जानते हैं क्या ये किस्सा...
राम-कागभुशुण्डि सीन शूट करने में रामानंद सागर को आई थी दिक्कत
रामायण के डायरेक्टर रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने शो से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा एक इंटरव्यू में शेयर किया था। उन्होंने बताया था कि उनके पिता को भगवान राम के बचपन का सीन शूट करना था, जो शो का अहम हिस्सा था। प्रेम सागर ने खुलासा किया कि उनके पिता कागभुशुण्डि नामक कौए के साथ राम लला की नटखट बातचीत को शूट करना चाहते थे। सीक्वेंस में वो चाहते थे कि कौआ राम लला के साथ खेले और उनका खाना चुराने की कोशिश करें।
रामानंद सागर ने रामायण की पूरे क्रू से कौआ लाने को कहा
प्रेम सागर ने इंटरव्यू में आगे बताया था कि सीन को शूट करने के लिए उनके पिता ने क्रू के सभी मेंबर्स को बाहर जाकर एक कौआ लाने के लिए कहा था। काफी मेहनत मशक्कत के बाद कुछ क्रू मेंबर्स कौए को पकड़कर सेट पर लाए। हालांकि, इनमें से कुछ उड़ गए और केवल एक कौआ ही बचा। कई लोगों ने रामानंद सागर से कहा कि कौए के पैर बांध दो नहीं तो ये भी उड़ जाएगा। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि उन्हें भगवान पर भरोसा था और फिर उसने कुछ ऐसा किया जो किसी जादू से कम नहीं था।
रामानंद सागर ने जोड़े कौए के सामने हाथ
प्रेम सागर की मानें तो सीन शूट करने के लिए डायरेक्टर कौए के पास गए और बोले-"हे कागभुशुंडि जी, मैं मुसीबत में हूं। मेरी मदद करो। हमें ये एपिसोड अगले हफ्ते भेजना है। इसे लाखों लोग देखेंगे।" जैसे ही उन्होंने कौए से रिक्वेस्ट की वो अचानक बाल कलाकार के चारों ओर घूमने लगा। फिर कौआ उड़ा नहीं बल्कि बच्चे के साथ खेलने लगा और रामानंद सागर को जैसे सीन चाहिए था वैसा परफेक्ट सीन उन्हें मिल गया। इस घटना के बाद सेट पर मौजूद हर कोई हैरान था। जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बता कि कागभुशुण्डि एक कौआ था, जो बड़े होने पर भगवान राम के साथ खेलता था। कौआ भगवान राम का बचा हुआ खाना खाता था क्योंकि वह जानता था कि भगवान राम विष्णु के सातवें अवतार थे।
1988 में शुरू हुआ था रामायण
रामानंद सागर की रामायण का प्रसारण 25 जनवरी 1987 को दूरदर्शन पर हुआ था। इसके नेरेटर अशोक कुमार और संगीतकार रवींद्र जैन थे। शो 31 जुलाई 1988 को ऑफएयर हुआ था। सीरियल में भगवान राम का रोल अरुण गोविल, सीता का किरदार दीपिका चिखलिया, लक्ष्मण का रोल सुनील लहरी ने प्ले किया था। रावण अरविंद त्रिवेदी और हनुमान दारा सिंह बने थे। सीरियल के हर एपिसोड से दूरदर्शन की 40 लाख रुपए की कमाई होती थी। रामायण के एक एपिसोड का बजट 9 लाख रुपए था।
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