सार

Black Carrots Benefits: कई लोगों ने काली गाजर कभी नहीं देखी या खाई होगी, लेकिन इस गाजर की किस्म एशियाई देशों में काफी पाई जाती है और यह बहुत फायदेमंद भी होती है।

फूड डेस्क : ठंड का मौसम आ गया है और बाजारों में तरह-तरह की सब्जियां मिलने लगी है। जिसमें गाजर (Carrots) बहुत अहम होती है। वैसे तो ऑरेंज वाली गाजर पूरे साल मिलती है, लेकिन सर्दियों में आने वाली मीठी-मीठी लाल गाजर सभी को बहुत पसंद है। इसको सलाद में इस्तेमाल करने के अलावा इसका हलवा और अचार तक बनाया जाता है। लेकिन क्या कभी आपने काले रंग की गाजर (Black Carrots) देखी है? जी हां, भारत और अन्य एशियाई देशों में काले रंग की गाजर अधिक मात्रा में पाई जाती है और सेहत के लिहाज से यह काफी फायदेमंद भी होती है। अब आप सोच रहे होंगे कि काली गाजर खाने में कैसी होती है, यह दिखती कैसी है और इसे कैसे अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है? तो आपके इन्हीं सारे सवालों का जवाब देते हैं और आपको बताते हैं काली गाजर खाने के फायदे (Black Carrots Benefits) और उसके इस्तेमाल के तरीके...

कैसी होती है काली गाजर 
काली गाजर, गाजर का एक कलर कल्टीवेटर है, जिसे वैज्ञानिक रूप से डकस कैरोटा सबस्प के रूप में जाना जाता है। यह चीन और भारत में सबसे ज्यादा पाई जाती है। गाजर पारंपरिक रूप से लाल या नारंगी रंग की होती है, लेकिन गाजर बैंगनी, सफेद, पीले और काले सहित कई रंगों में आ सकती है। काली गाजर जिसे देसी गाजर भी कहा जाता है, वो लाल, नारंगी और बैंगनी सभी प्रकार की गाजर अत्यधिक पौष्टिक होती है।

काली गाजर में मौजूद पोषक तत्व
इस गाजर का काला या गहरा बैंगनी रंग, एंथोस्यानिन्स की वजह से आता है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट होता है और यह एंटीऑक्सिटेंड ब्लूबेरीज, ब्लैकबेरीज और काले अंगूर में भी पाया जाता है। इसके अलावा इसमें फाइबर, पोटैशियम, विटामिन सी, मैंगनीज, विटामिन ए और विटामिन बी भी पाया जाता हैं। यह इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ हड्डियों को भी मजबूत बनाने में मदद करता है। 

ऐसे करें इसका यूज
काली गाजर का स्वाद नारंगी गाजर से अलग होता है। यह ज्यादा मीठी और स्वादिष्ट होती है। हालांकि, ये गाजर बाहर से काले रंग की होती हैं, लेकिन बीच में इसका रंग हल्का होता है। अवध में काली गाजर की खेती बड़े पैमाने पर होती है। लखनऊ के कुछ मिठाई की दुकानों में काली गाजर का हलवा मिलता है। आप घर पर भी इसका हलवा बना सकते हैं। इसे नॉर्मल गाजर के हलवे की तरह ही बनाया जाता है।

काली गाजर की कांजी
आप काली गाजर की कांजी भी बना सकते हैं। इसके लिए आप पहले गाजर को छील लें और फिर इसे अच्छे से पानी में उबाल लें। ठंडा होने के बाद इसमें नमक और सरसों के बीज का पाउडर मिलाकर किसी जार में डाल दें और कुछ समय के लिए धूप में रखें। तैयार है काली गाजर की कांजी, इसे पराठे या चावल के साथ खाएं। काली गाजर की कांजी सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद होती है।

इन रोगों में है फायदेमंद
काली गाजर एक ऐसी सब्जी है जिसमें कैलोरी कम होती है, जिस कारण वजन कम करने के लिए ये बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा रिसर्च में इस बात का खुलासा भी हुआ है, कि इसके एंटीऑक्सिडेंट्स में कैंसर से लड़ने वाले गुण होते हैं। यह आर्थराइटिस के दर्द और हार्ट की समस्या के लिए भी इस्तेमाल की जाती है। काली गाजर का जूस पीने से फैटी लिवर, हाई ब्लड शुगर, हाई बीपी और हार्ट के मांसपेशियों में जकड़न की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।

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