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कार की हर सीट पर होगा एयर बैग, कैसे काम करता ये सेफ्टी फीचर, देश की ये हैं सबसे सुरक्षित कारें
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इसको लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अक्टूबर महीने एक मीटिंग आमंत्रित की है। इस मीटिंग में कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो नए नियमों के मुताबिक गाड़ी में हर सीट के सामने एयर बैग लगाने का निर्देश दिया जा सकता है।
मिड रेंज कारों पर है फोकस
नितिन गडकरी वाली इस मीटिंग में मध्यम रेंज की कारों में 6 एयरबैग्स लगाने पर कोई फैसला लिया जा सकता है। इसको लेकर कार कंपनियों का रुख नकारात्मक है, ऑटो इंडस्ट्री ने इस पर कहा है कि सरकार अगर ऐसा फैसला लागू करती है तो गाड़ियां महंगी हो जाएंगी, इस समय ऑटो इंडस्ट्री वैसे भी संकटकाल से गुजर रही है।
नितिन गडकरी की अध्यक्षता मे होने वाली इस मीटिंग में ऑटो कंपनी के सर्वेसर्वा के अलावा हेवी व्हीकल इंडस्ट्री के अधिकारी भी मौजूद होंगे। उम्मीद के मु़ताबिक केंद्र सरकार की मिड रेंज (3 लाख से 7-8 लाख रुपये तक) की कारों में सेफ्टी फीचर्स बढ़ाने का निर्देश दे सकती है। इसमें मुख्य फोकस सभी सीटों पर एयर बैग्स की सुविधा शुरु करने पर होगा।
क्या होता एयर बैग फीचर
एयर बैग एक सुरक्षा उपकरण है,, जो दुर्घटना की स्थिति में सामने और साइड से प्रकट हो जाता है। इस दौरान गाड़ी को होने वाली क्षति से यात्रियों को बचाता है। एयर बैग नायलॉन का एक बड़ा बैग जैसा होता है, गाड़ी के टकराते समय सेकंड के दसवें हिस्से में यह बाहर निकल आता है। ये बहुत तेजी से फूलता है और यह कार सवारों को एक्सीडेंट से होने वाले नुकसान से बचाता है।
ऑटो डेस्क। देश में कारों का सफर ज्यादा सुरक्षित (Car safety) करने के लिए प्रयास जारी हैं। केंद्र सरकार कार में सेफ्टी को तरजीह देते हुए नई सुरक्षा नीति (सेफ्टी पॉलिसी ) पर आगे बढ़ रही है। नए नियम लागू होने के बाद कारों में कुल 6 एयरबैग (6 airbag in car rules in India) होंगे।
एयर बैग कैसे करता है काम
एयर बैग में एक सेंसर(Sensor) होता है जो कि 25 किलोमीटर से ज्यादा की गति में कार के टकराने को पढ़ लेता है । गलती से बचने के लिए इसमें दो सेंसर लगाए जाते हैं। एक्सीडेंट के समय अत्यधिक फोर्स के समय यह एक्टिव हो जाता है। इसमें एक कंट्रोल यूनिट होता जो फोर्स के समय इसको खुल जाने के लिए आदेशित करता है।
पूरी प्रोसेस सेकंड के दसवें भाग में होती है पूरी
झटके के कारण कार में आगे बैठे हुए यात्रियों का सिर और कंधा जब खुले हुए एयर बैग से टकराता है तो वह छिद्रों के माध्यम से पिचकना शुरू हो जाता है। यह पूरी प्रोसेस सेकंड के दसवें भाग में हो जाती है।
एयर बैग के अंदर होते है गैस बनाने वाले केमीकल
एयर बैग के अंदर गैस प्रोडक्शन करने वाले केमिकल होते हैं और उन्हें एक्टिव करने के लिए इसमें इलेक्ट्रिक से स्पार्क की व्यवस्था रहती है। इसमें नाइट्रोजन/आर्गन/हीलियम गैस केमिकल से निकलता है, जो फ़िल्टर से होते हुए एयर बैग में जाता है। झटके के कारण कार में आगे बैठे हुए यात्रियों का सिर और कंधा जब खुले हुए एयर बैग से टकराता है तो वह छिद्रों के माध्यम से पिचकना शुरू हो जाता है। यह पूरी प्रोसेस सेकंड के दसवें भाग में हो जाती है।
वोक्सवैगन पोलो बेहद मजबूत और सुरक्षित गाड़ी
वोक्सवैगन पोलो अपने हैवी बॉडी के साथ सेफ्टी फीचर के लिेए जानी जाती है। ये गाड़ी भारत में सबसे सुरक्षित हैचबैक कार मानी जाती है। फॉक्सवैगन पोलो और टोयोटा इटिओस लीवा भारत में सबसे सुरक्षित छोटी कारें हैं।
भारत में टाटा बनाती है बेहतरीन सेफ्टी फीचर वाली कारें
वहीं फोर्ड एस्पायर एक सुरक्षित सेडान है क्योंकि इसमें 6 एयरबैग आते हैं जो अपने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। किआ फोर्ट 2020 में दुनिया की सबसे सुरक्षित कारों में शुमार की गई थी। इसके बाद किआ सोल और सुबारू इम्प्रेज़ा है। टाटा मोटर्स भारत में सबसे सुरक्षित कारें बनाती है। इस सूची में आपके पास Tata Nexon और Tata Zest हैं।