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TATA की हुई Air India, जेआरडी टाटा ने शुरू की थी कंपनी, देखें अब तक का दिलचस्प सफर
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Tata ने ही शुरू की थी Air India
Air India के संचालन के लिए कई कंपनियों ने बिड लगाई थी। इसमें Tata Group की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही थी। टाटा का Air India से पुराना नाता है। दरअसल Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी।
टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा (JRD Tata) ने खुद पायलट थे। Tata Group एयर इंडिया को खरीदने की जी तोड़ कोशिश में जुटा था, Air India को हासिल करके टाटा के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है।
देश के पहले लाइसेंसशुदा पायलट JRD Tata
देश में पहली विमान सेवा की शुरुआत जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने की थी। वे देश के पहले लाइसेंसशुदा पायलट थे। आज से 87 साल पहले उन्होंने टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत की थी और कराची से बंबई तक खुद हवाई जहाज उड़ाया था। 1946 में इसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया और 1953 में भारत सरकार ने इसे खरीद लिया।
एयर इंडिया की 50वीं वर्षगांठ ऐसे की थी सेलीब्रेट
हालांकि, आजादी मिलने के बाद 1947 में ही भारत सरकार ने एयर इंडिया में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी। जेआरडी टाटा 1978 तक एयर इंडिया से जुड़े रहे। एयर इंडिया की 30वीं वर्षगांठ पर 15 अक्टूबर 1966 को जेआरडी टाटा ने कराची से मुंबई की उड़ान भरी थी। एयर इंडिया की 50वीं वर्षगांठ पर 15 अक्टूबर 1982 को जेआरडी टाटा ने फिर कराची से मुंबई की उड़ान भरी। बता दें कि टाटा ग्रुप के प्रमुख रतन टाटा भी विमान उड़ाने का शौक रखते हैं। रतन टाटा लड़ाकू विमान भी उड़ाते हैं। उन्हें विमान उड़ाने का खास शौक है।
मिट्टी के मकान में कंट्रोल रूम, मैदान पर रनवे
शुरुआती दौर में टाटा एयरलाइन्स मुंबई के जुहू के पास एक मिट्टी के मकान से संचालित होता था। वहा एक मैदान था, जिसका इस्तेमाल 'रनवे' के रूप में किया जाता था। दूसरे विश्व युद्ध के दौरान विमान सेवाएं रोक दी गईं। इसके बाद 29 जुलाई 1946 को टाटा एयरलाइन्स 'पब्लिक लिमिटेड' कंपनी बन गई और उसका नाम 'एयर इंडिया लिमिटेड' रखा गया।
2001 में बना प्राइवेटाइजेशन का प्लान
Air India के प्राइवेटाइजेशन की कोशिश पहले भी हुई थी। साल 2000-2001 के दौरान इसके निजीकरण का विचार लाया गया था, हालांकि तब बात बनी नहीं, फिर 2007 में इसमें Indian Airlines का विलय कर दिया गया। इसके बाद से Air India लगातार घाटे में चली गई।
बेल आउट पैकेज देकर बचाने की कोशिश
यूपीए सरकार ने Air India को बेल आउट पैकेज देकर बचाने की कोशिश की, लेकिन इसे बचाया नहीं जा सका। बाद में वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने फिर से इसके प्राइवेटाइजेशन की रूपरेखा बनाई।
मार्च 2018 में सरकार ने इसके लिए कंपनियों से रुचि पत्र (EOI) मंगवाए थे। साल 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष में इसके विनिवेश का लक्ष्य रखा है।
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