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बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का इस्तीफा, ढाई घंटे ही संभाल पाए थे कुर्सी...जानें आखिर क्या है वजह
पटना (Bihar) । बिहार से इस समय बड़ी खबर आ रही है। ढाई घंटे पहले पदभार ग्रहण करने वाले शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने 10 नवंबर को कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद से नीतीश सरकार के लिए किरकिरी माना जा रहा था। हालांकि, आज ही पदभार ग्रहण करते हुए उन्होंने कहा था कि उन पर कोई चार्जशीट नहीं है और जिन लोगों ने उन्हें बदनाम करने की साजिश रची है, उन्हें 50 करोड़ रुपए की मानहानि का नोटिस भेजेंगे। आइए जानते हैं शिक्षा मंत्री के बारे में।
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4 जनवरी 1953 को जन्मे मेवालाल चौधरी की शैक्षणिक योग्यता एमएससी है। उन्होंने पीएचडी भी की है। वो कोइरी समुदाय से आते हैं। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा रवि प्रकाश अमेरिका में तो छोटा बेटा मुकुल प्रकाश आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।
राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वे भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। साल 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आए। जेडीयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद डॉ चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किए गए।
कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था। हालांकि इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी। बता दें कि वो एमएल चौधरी भारत सरकार में हॉर्टिकल्चर कमिश्नर रह चुके हैं। वह बिहार के कृषि रोड मैप तैयार करने वाले दल के सदस्य भी रहे हैं।
तारापुर के जेडीयू विधायक डॉ मेवालाल चौधरी कोइरी समुदाय से आते हैं। उन्हें पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है। मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रही थीं। वे जेडीयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं।
नीता चौधरी साल 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गईं थी। लेकिन, 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग से झुलस कर उनकी मौत हो गई थी। हालांकि पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के मामले में उनसे पूछताछ की मांग की है। इसके लिए उन्होंने डीजीपी एसके सिंघल को पत्र लिखा था।
बताते चले कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने ट्वीट करके कहा, जिस भ्रष्टाचारी जेडीयू विधायक को सुशील मोदी खोज रहे थे, उसे नीतीश कुमार ने मंत्री पद से नवाजा।
तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति और भवन निर्माण में भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में IPC 409,420,467, 468,471 और 120B के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाकर क्या भ्रष्टाचार करने का ईनाम एवं लूटने की खुली छूट प्रदान की है?
आरजेडी ने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी से जुड़ा एक पुराना वीडियो ट्टीट किया था, जिसमें एक कार्यक्रम के दौरान वो राष्ट्रगान गा रहे हैं। लेकिन, नहीं गा पा रहे हैं। इसपर आरजेडी ने लिखा था कि भ्रष्टाचार के अनेक मामलों के आरोपी बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी को राष्ट्रगान भी नहीं आता। नीतीश कुमार जी शर्म बची है क्या? अंतरात्मा कहाँ डुबा दी?