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अपने हनुमान के निधन से दुःखी हो गए लालू, जेल से किया मार्मिक ट्टीट, कहा-प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया?
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रघुवंश प्रसाद सिंह साल 1977 से लगातार सियासत में रहे। वे लालू प्रसाद यादव के करीबी व उनके संकटमोचक माने जाते रहे। पार्टी में उन्हें दूसरा लालू भी माना जाता था। वे लगातार चार बार वैशाली से सांसद रहे। यूपीए की सरकार में मंत्री भी रहे। विपक्ष में रहते हुए वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को घेरने में सबसे आगे रहे। (फाइल फोटो)
रघुवंश प्रसाद सिंह राजद में रामा सिंह की एंट्री को लेकर नाराज चल रहे थे। साथ ही उनकी इंट्री का का वो पुरजोर विरोध भी कर रहे थे। इसके लिए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके थे। मगर, लालू प्रसाद ने उसे स्वीकार नहीं किया था। साथ ही इसी कारण से रामा सिंह को अभी तक राजद में जगह नहीं मिल सकी है। (फाइल फोटो)
रघुवंश प्रसाद सिंह के स्वास्थ्य को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव काफी चिंतित थे। रघुवंश प्रसाद के इस्तीफा देने की खबर के बाद लालू प्रसाद ने उन्हें मार्मिक पत्र लिखा था, जिसमें कहा कि आपके द्वारा कथित तौर पर लिखी एक चिट्ठी मीडिया में चलाई जा रही है। मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा। अभी मेरे, परिवार और मेरे साथ मिलकर राजद परिवार आपको शीघ्र स्वस्थ होकर अपने बीच देखना चाहता है। (फाइल फोटो)
लालू ने लिखा था कि चार दशकों में हमने हर राजनीतिक, सामाजिक और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में मिल बैठकर ही विचार विमर्श किया है। आप जल्द स्वस्थ हों, फिर बैठकर बात करेंगे। आप कहीं नहीं जा रहे हैं। समझ लीजिए।
रघुवंश ने भ्रष्टाचार के मामले में रांची में सजा काट रहे लालू को एक चिट्ठी भेजकर लगाए हैं। चिट्ठी शुक्रवार को भेजी गई। रघुवंश ने इस दिन कुल चार चिट्ठियां लिखीं थीं। इसमें से तीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)के नाम थीं जबकि एक लालू के लिए थी। ये चिट्ठी इस्तीफे से अलग है।
लालू प्रसाद यादव ने रघुवंश के निधन पर ट्वीट कर दुख जताया है। लालू प्रसाद यादव ने लिखा कि प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया? लालू प्रसाद ने आगे लिखा कि मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है लेकिन आप इतनी दूर चले गए। नि:शब्द हूं। दुःखी हूं। बहुत याद आएंगे।