बिहार का ये है वो बाहुबली, जो चुनाव हारा तो विरोधी को बम से उड़वा दिया
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सीमेंट कारोबारी रह चुके प्रभुनाथ सिंह ने 1985 में सारण के मशरख विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव जीत हासिल कर राजनीति में इंट्री की। इसके पहले मशरक के तत्कालीन विधायक रामदेव सिंह काका की हत्या के बाद चर्चा में आए थे, क्योंकि हत्या का आरोप उनपर भी लगा था। हालांकि बाद में कोर्ट से वे बरी हो गए थे। (फाइल फोटो)
1990 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल के टिकट दोबारा विधायक चुने गए। लेकिन, 1995 में अपने ही शागिर्द अशोक सिंह के हाथों उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। बताते हैं कि बौखलाहट में वह बदला लेने की फिराक में लग गए। (फाइल फोटो)
3 जुलाई 1995 को शाम 7.20 बजे पटना के आवास में विधायक अशोक सिंह की बम मारकर हत्या कर दी गई। हत्या में प्रभुनाथ सिंह और उनके भाई दीनानाथ सिंह को आरोपी बनाया गया। वहीं, वारदात के बाद वह ने पटना की राजनीति छोड़कर दिल्ली का रुख किया और लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए। (फाइल फोटो)
1998 में प्रभुनाथ सिंह समता पार्टी के टिकट पर महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े। कांग्रेस के महाचंद्र प्रसाद सिंह को हराकर उन्होंने सीट पर कब्जा जमाया। इसके बाद 2004 में जदयू के टिकट पर जीत हासिल की। 2009 के लोकसभा चुनाव में राजद के उमाशंकर सिंह ने इन्हें हरा दिया। जिनका साल 2012 में का निधन हो गया और फिर उपचुनाव होने वाला था। (फाइल फोटो)
साल 2012 में प्रभुनाथ सिंह जेडीयू से अलग होकर आरजेडी में शामिल हो गए। 2013 में महाराजगंज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में आरजेडी के टिकट पर प्रभुनाथ सिंह को जीत मिली। लेकिन, 2014 के चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को फिर शिकस्त झेलनी पड़ी।(फाइल फोटो)
महाराजगंज के पूर्व सांसद ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बताया था कि कुल संपत्ति 3 करोड़ से ज्यादा है। वहीं, 4 लाख रुपये की देनदारी है। प्रभुनाथ सिंह के शिक्षा की बात करें तो वे 12वीं पास हैं। इसी दौरान विधायक अशोक सिंह हत्याकांड मामले में प्रभुनाथ सिंह अपने भाइयों के समेत दोषी पाए गए और आजीवन कारावास की सजा कोर्ट ने सुनाई। उनपर हत्या, अपहरण, धमकी देने, मारपीट करने समेत 35 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं।(फाइल फोटो)
बता दें कि प्रभुनाथ सिंह के भाई केदारनाथ सिंह सारण की बनियापुर सीट से विधायक रह चुके हैं। बेटे रणधीर सिंह सारण की छपरा विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। जीजा गौतम सिंह मांझी सीट से तो समधी विनय सिंह सारण की सोनपुर सीट से विधायक रह चुके हैं। एक बार फिर प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह, भतीजे सुधीर सिंह समेत परिवार से जुड़े कई लोग सारण जिलों की अलग-अलग सीटों से टिकट की दावेदारी में हैं।(फाइल फोटो)