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मोदी लहर में क्रिकेटर से नेता बने थे तेजस्वी यादव,कक्षा 9 तक ही किए हैं पढ़ाई,दौलत जानकर हो जाएंगे हैरान
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) के एग्जिट पोल (Exit poll) के नतीजों को मानें तो महागठबंधन की सरकार बननी तय हैं। ऐसे में तेजस्वी यादव सीएम बनेंगे। हालांकि एनडीए अभी इस बात को मानने को तैयार नहीं है और 10 नवंबर को चुनाव परिणाम चौंकाने वाले आने का दावा कर रही है। दूसरी ओर महागठबंधन की ओर जश्न मनाने का दौर शुरू हो गया है। ऐसे में हर कोई तेजस्वी यादव के बारे में प्रोफाइल जाना चाहता है। जिसके बारे में आज हम आपको बता रहे हैं। जी हां बताते हैं आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव पहले राजनीति में नहीं आना चाहते थे। 9वीं पास तेजस्वी यादव के पहले क्रिकेट खेलते थे। लेकिन, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और वे ऐसे समय में बिहार की राजनीति में इंट्री लिए, जब कई राज्यों में बीजेपी (BJP) और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की लहर चल रही थी।
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9 नवंबर 1989 जन्में तेजस्वी यादव का पढ़ाई में कभी मन नहीं लगाता था। बड़े घराने के होने के बाद भी कक्षा 9 तक ही पढ़ाई किए। वो अपना करियर राजनीति के बजाए क्रिकेट में ही बनाना चाहते थे।
बताते हैं कि तेजस्वी यादव 2008, 2009, 2011 और 2012 के आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) की टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं। लेकिन, सफलता नहीं मिली तो राजनीति में आ गए। हालांकि ये उनके लिए कोई नई चीज नहीं थी, क्योंकि उनके पिता लालू यादव और मां राबड़ी देवी 15 सालों तक बिहार में सीएम पद पर रह चुके थे।
(फाइल फोटो)
साल 2015 में चल रही बीजेपी लहर में राजनीति में इंट्री करने वाले तेजस्वी यादव पहली बार में राघोपुर विधानसभा सीट से अपने मां रावड़ी देवी का बदला ले लिया था। उन्होंने बीजेपी के ही सतीश कुमार को 91 हजार से ज्यादा मतों से हरा दिया था। बता दें कि इसी चुनाव में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन की बनी थी, जिसमें नीतीश कुमार सीएम और 26 साल की उम्र में पहला चुनाव जीतकर सबसे युवा डिप्टी सीएम बने थे।
(फाइल फोटो)
सियासी उठापटक के बीत डेढ़ साल बाद जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन बिखर गया। 2015 के चुनाव में बीजेपी का साथ छोड़ने वाली जेडीयू फिर से दोस्ती कर ली और बिहार में पुनः बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली, जिसपर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को 'पलटू राम'तक कहकर सुर्खियों में आ गए थे।
तेजस्वी यादव की जिम्मेदारियां भी सरकार गिरने के बाद बढ़ती गई। दरअसल 2015 के चुनाव के बाद उनके पिता यादव को दोबारा जेल जाना पड़ गया और परिवार के खिलाफ कई तरह की जांच शुरू हो गई। 2019 में उनकी पार्टी बुरी तरह हार गई। लेकिन, तेज-तेजस्वी कभी इससे घबराए नहीं और नेता विपक्ष के रूप में सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते रहे।
(फाइल फोटो)
बता दें महागठबंधन से सीएम फेस तेजस्वी यादव इस बार राघोपुर सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। साल 2014 में तेजस्वी यादव जब पहली बार राजनीति में आए तो उनके पास 2.32 करोड़ रुपए की संपत्ति थी। लेकिन इस बार उन्होंने अपने पास 5.88 करोड़ रुपए संपत्ति होने की बात बताई है।
(फाइल फोटो)
तेजस्वी यादव की संपत्ति पांच साल में 3.56 करोड़ रुपए बढ़ गई है। लेकिन टैक्स उनका कम ही होता जा रहा है। ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है कि उन्होंने 2015-16 में 39.80 लाख रुपए का टैक्स दिया था। जबकि, उन्होंने 2016-17 में तेजस्वी ने 34.70 लाख रुपए, 2017-18 में 10.93 लाख रुपए और 2018-19 में 1.41 लाख रुपए आईटीआर भरा है। वहीं, 2019-20 में सिर्फ 2.89 लाख रुपए का टैक्स जमा किए हैं।
(फाइल फोटो)
तेजस्वी के पास खुद की एक गाड़ी नहीं हैं, जबकि उन्होंने अपने नामांकन में 11 केस दर्ज होने की बात कही है, जिसमें मनी लॉन्ड्रिंग, आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी जैसे 7 क्रिमिनल केस दर्ज होने की बात कही है। क्रिमिनल केस के अलावा तेजस्वी के ऊपर 4 सिविल केस भी चल रहे हैं। बता दें कि पिछली चुनाव में दोनों के ऊपर एक-एक केस दर्ज थे।(फाइल फोटो)