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बिहार चुनावः सास-बहू, देवर-भाभी से लेकर देवरानी-जेठानी तक...चुनावी मैदान में रिश्तों की अनोखी जंग
पटना (Bihar) । कोरोना काल में बिहार विधानसभा के 248 सीटों पर तीन चरणों में मतदान हो रहा है। इसके चलते पूरे देश की नजर इस राज्य पर लगी हुई है। वैसे धनबल और बाहुबली के लिए भी बिहार के चुनाव को लेकर लोग रूचि रखते हैं। लेकिन, इस बार कुछ अजब-गजब प्रत्याशियों की भी लड़ाई देखने को मिल रही है। जी हां, यहां सास-बहू, देवर-भाभी, देवरानी-जेठानी, जेठ-भयहू, भाई-भाई, चाचा-भतीजे और समधी आमने-सामने लड़ रहे चुनाव रहे हैं। यकीन नहीं करेंगे, किंतु यह सच है, बड़ी बात तो यह कि इनमें ऐसे भी प्रत्याशी हैं, जो कई बार विधायक भी बन चुके हैं। आइये जानते हैं कौन किस सीट किसके खिलाफ लड़ रहा चुनाव।
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पूर्व मंत्री देवर के खिलाफ भाभी निर्दलीय लड़ रही चुनाव
लौरिया विधानसभा क्षेत्र में देवर-भाभी एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। भोजपुरी गीतकार व पूर्व कला एवं संस्कृति विभाग के मंत्री विनय बिहारी यहां से दो बार विधायक रहे हैं। तीसरी बार भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। इस बार उनकी सगी भाभी नीलम सिंह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप चुनाव लड़ रही हैं। वे आइआरएस अधिकारी विजय शंकर सिंह की पत्नी हैं। वर्ष 2000 में नीलम ने कांग्रेस की सदस्यता ली थी। संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर भी रहीं। वहीं, विनय बिहारी 2005 में सपा से पहली बार चुनाव लड़े और हार गए थे। वर्ष 2010 में पहली बार निर्दलीय विधायक बने थे।
दो बार से सास है विधायक, विरोध में निर्दलीय बहू लड़ रही चुनाव
रामनगर सीट से सास और बहू आमने-सामने हैं। यहां भाजपा विधायक भागीरथी देवी को उनकी बहू निर्दलीय रानी कुमारी से कड़ी टक्कर मिल रही है। यहां दोनों के चुनावी मैदान में उतर जाने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। बता दें कि भागीरथी देवी इस सीट से दो बार विधायक बन चुकी हैं। वहीं, उनकी बहू राजनीति में भले ही नई हैं। लेकिन क्षेत्र में भावनात्मक रूप से वोट मांग रही हैं।
बीजेपी से देवरानी लड़ तो निर्दलीय लड़ रही जेठानी
शाहपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के दिवंगत नेता रहे विशेश्वर ओझा का परिवार इस बार चुनावी मैदान में आमने-सामने है, क्योंकि बीजेपी ने इस सीट से विशेश्वर ओझा के छोटे भाई भुअर ओझा की पत्नी मुन्नी देवी को चुनाव मैदान में उतारा है। खुद को टिकट न मिलने से नाराज होकर विशेश्वर ओझा की पत्नी शोभा देवी ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। बता दें कि शोभा देवी जहां पहले इस सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं वहीं मुन्नी देवी इसी सीट से विधानसभा चुनाव जीत भी चुकी हैं।
भाई के खिलाफ भाई ही लड़ रहा चुनाव, एक 5 तो दूसरा 4 बार बना विधायक
जोकीहाट सीट पर दिग्गज नेता रहे तस्लीमुद्दीन के दो पुत्र तस्लीमुद्दीन और सरफराज आलम आमने-सामने हैं। बचा दें कि इस सीट से पांच बार तस्लीमुद्दीन विधायक रहे हैं। जबकि, इसी सीट सरफराज आलम चार बार विधायक बने थे। सरफराज आलम आरजेडी से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, उनके छोटे भाई शाहनवाज आलम एआइएमआइएम के तरफ से चुनावी मैदान में उतरे हैं।
विधायक जेठ के सामने लड़ रही भयहू
संदेश विधानसभा सीट पर जेडीयू के प्रत्याशी बिजेंद्र यादव हैं। उनसे मुकाबले में आरजेडी ने उनके छोटे भाई और निवर्तमान विधायक अरुण कुमार यादव की पत्नी किरण देवी को उम्मीदवार बनाया है।
निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे चाचा-भतीजा
सारण जिले के मढ़ौरा विधानसभा सीट से पूर्व विधायक रामप्रवेश राय के बेटे आनंद राय निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं इसी सीट से उनके चाचा जयराम राय भी निर्दलीय ही मैदान में उतर चुके हैं।
सिवान में आमने-सामने समधी
सिवान सदर की सीट से एनडीए ने अपने पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव को उम्मीदवार बनाया है। मुकाबले में उनके समधी अवध बिहारी चौधरी राजद से उम्मीदवार बनाए गए हैं। मालूम हो कि ओमप्रकाश के बेटे की शादी अवध बिहारी चौधरी की भतीजी से हुई है।