MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • States
  • Bihar
  • कस्टडी पैरोल पर बाहर आना चाहता है शहाबुद्दीन, पिता की मौत के बाद बीमार मां के साथ बिताना चाहता है वक्त

कस्टडी पैरोल पर बाहर आना चाहता है शहाबुद्दीन, पिता की मौत के बाद बीमार मां के साथ बिताना चाहता है वक्त

पटना (Bihar) । तिहाड़ जेल दिल्ली में बंद पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन (Mohammad Shahabuddin) कस्टडी पैरोल पर बाहर आना चाहता है। वो अपने पिता की मौत के बाद अपनी बीमार मां के साथ समय बिताना चाहता है। इसके लिए हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे शहाबुद्दीन ने सीवान जाने के लिए इस आधार पर ‘कस्टडी पैरोल’ (Custody Parole) मांगी थी कि उनके पिता का 19 सितंबर को निधन हो गया और वह अपनी मां के साथ समय बिताना चाहता है। उसने अपनी मां के अस्वस्थ होने का हवाला दिया है। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुझाव दिया है कि वह अपने परिवार को बुलाकर भेंट कर सकता है।

3 Min read
Asianet News Hindi
Published : Nov 04 2020, 08:58 AM IST| Updated : Dec 03 2020, 09:03 AM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
18

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शहाबुद्दीन की सुरक्षा आश्वासन देने में दिल्ली सरकार और बिहार पुलिस की अनिच्छा के बीच दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुझाव दिया। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति भंभानी ने कहा है 'अदालत कैदी को परिवार में शोक जैसी स्थिति में ‘कस्टडी पैरोल’ देने पर विचार कर सकती है, लेकिन यहां मुद्दा यह है कि बिहार और दिल्ली सरकार दोनों सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं।' वह उनकी हिरासत में सुरक्षित रहेगा।
(फाइल फोटो)

28

अदालत ने कहा कि वे यह सुनिश्चित करने के इच्छुक नहीं हैं कि वह उनकी हिरासत में सुरक्षित रहेगा। धमकी का तत्व वही है, आप छह घंटे के लिए कस्टडी पैरोल में जाएं या अधिक समय के लिए। क्यों नहीं आपका परिवार दिल्ली आकर आपसे मिल लेता है। दिल्ली में आपको एक अलग जगह दी जाएगी। जहां आप अपने परिवार से मिल सकते हैं।
 

(फाइल फोटो)

38

शहाबुद्दीन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि बिहार सरकार एक हलफनामे में कहे कि वह उनकी देखरेख और रक्षा नहीं कर सकते हैं। इसके बाद वह अदालत द्वारा सुझाए गए विकल्प पर विचार करेंगे। शहाबुद्दीन को ‘हिस्ट्रीशीटर टाइप ए’ या सुधार से परे घोषित किया गया था।(फाइल फोटो)

48

बताते चले कि दिल्ली और बिहार सरकार के वकीलों ने ‘कस्टडी पैरोल’ की स्थिति में भी शहाबुद्दीन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जस्टिस एजे भंभानी के समक्ष जरूरी आवश्यकताओं का जिक्र किया है। जिसमें दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील संजय लाव ने कहा कि बिहार में कैदी की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि उन्हें (शहाबुद्दीन) को बिहार ले जाना मुश्किल होगा, क्योंकि उनके साथ जाने के लिए पुलिस की एक पूरी बटालियन की जरूरत होगी और कोविड-19 महामारी के कारण ट्रेनें भी सामान्य रूप से नहीं चल रही हैं।

(फाइल फोटो)

58


गैंगेस्टर से नेता बने शहाबुद्दीन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी होने के कारण चार बार सांसद दो और बार विधायक बना था। 1996 में तो वह लालू की कृपा से केंद्रीय राज्य मंत्री भी बनने वाला था। मगर, एक पुराना केस खुलने की वजह से ऐसा नहीं हो पाया।(फाइल फोटो)
(फाइल फोटो)

68

सीवान के लोग बताते हैं कि एक समय ऐसा भी था जब शहाबुद्दीन के खौफ से वे अपने लिए भी खर्च करने से भी बचते थे। घरों में सभी लोग नौकरी नहीं करते थे। व्यापारी नई गाड़ियां नहीं खरीदते थे। क्योंकि, संपन्नता दिखने पर उन्हें "टैक्स" के रूप में उसे रंगदारी देनी पड़ सकती थी। इतना ही नहीं, मना करने पर जान तक जा सकती थी। हालांकि नीतीश राज में वह जेल गया तो लोगों को थोड़ी राहत मिली। (फाइल फोटो)

78


शहाबुद्दीन पर लालू परिवार की कृपा का रहस्य आजतक लोग नहीं समझ पाए हैं। ये सोचने की बात है कि आलोचनाओं के बढ़ने पर समय के साथ लालू ने अपने बाहुबली सालों साधु और सुभाष से किनारा कर लिया। लेकिन, सीवान और पूरे बिहार का सबसे दुर्दांत अपराधी उनका और उनकी पार्टी का खास बना रहा। इस समय उसकी पत्नी राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं।(फाइल फोटो)

 

88

लालू के इस करीबी पर चुनाव लड़ने पर निर्वाचन आयोग ने 2009 में रोक लगा दिया। ऐसे में उसने सीवान से अपनी जगह पत्नी हीना शहाब को कई बार चुनाव जिताने की कोशिश की। मगर, अब तक हर बार नाकाम रहा। हालांकि इस बार शहाबुद्दीन के परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। (फाइल फोटो)

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।
Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved