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शहाबुद्दीन के ठाठ: दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचते थे मंत्री, पत्रकार की हत्या में जेल से हुए थे 36 फोन
पटना (Bihar) । लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav)के राज में बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन (Mohammad Shahabuddin) की कैसी धाक थी यह बताने की जरूरत नहीं है। वो चाहे जेल से बाहर रहा हो या जेल के अंदर, अपनी मनमर्जी से रहता था। दबंगई और रसूख की वजह से जेल के अंदर हर वो चीज करता था जो किसी सजायाफ्ता या दूसरे कैदी के लिए नामुमकीन ही है। यहां तक कि मोबाइल का इस्तेमाल करता था, सेल्फी लेता था और उसका नियमित दरबार भी सजाता था।
| Published : Sep 14 2020, 07:21 PM IST
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सीवान के पूर्व सांसद और लालू के करीबी शहाबुद्दीन के ठाठ जेल में सजा काटने के दौरान भी बने रहे। जेल के अंदर की उसकी कई लीक तस्वीरों में यह सब दिखा था। हालांकि जब भी तस्वीरें सामने आई प्रशासन ने सख्ती भी की। लेकिन जेल के अंदर कैद शहाबुद्दीन की करतूतों से बिहार को हर बार शर्मसार होना पड़ता था।
(फाइल फोटो)
नीतीश कुमार के राज में यह सबकुछ छिपे तौर पर होता था। मगर जब 2015 में लालू-नीतीश ने चुनाव जीतकर महागठबंधन की सरकार बनाई, शहाबुद्दीन के ठाठ फिर शुरू हो गए। 20 फरवरी 2016 में बिहार के तत्कालीन अल्पसंख्यक मंत्री अब्दुल गफूर, विधायक हरिशंकर यादव सहित एक अन्य सीवान जेल में उससे मिलने पहुंचे थे। जेल अधीक्षक के चैंबर में उससे मुलाकात की थी। लेकिन मुलाकात की तस्वीर जेल से लीक हो गई। इस मामले में जेल अधीक्षक पर कार्रवाई भी हुई थी।
(सोशल मीडिया से फाइल फोटो)
जेल में बंद शहाबुद्दीन की इस तरह कई तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। वो जेल में आरजेडी नेताओं और सपोर्टर्स से मिलते देखा जा सकता है। 2017 में भी शहाबुद्दीन ने मोबाइल फोन से एक सेल्फी ली थी, जो वायरल हो गई थी।
(सोशल मीडिया से फाइल फोटो)
जब ज्यादा शोर शराबा होता तो जेल में छापे की कार्रवाई भी की जाती थी। शहाबुद्दीन के सेल में एक बार छापेमारी में 8 मोबाइल फोन, 2 चाकू और आपत्तिजनक सामान बरामद किए गए थे। ये फोन उस समय बरामद हुए थे जब पुलिस जर्नलिस्ट राजदेव रंजन की हत्या के मामले की जांच कर रही थी।
(फाइल फोटो)
तब पुलिस जांच में यह बात सामने आई थी 13 मई की रात जब जर्नलिस्ट राजदेव रंजन ऑफिस से घर लौट रहे थे तब, उन्हें गोलियां मारी गई थीं। इसी दौरान पता लगा कि राजदेव की मौत से पहले सीवान जेल से 36 फोन कॉल उस जगह किए गए, जहां राजदेव पर गोलियां चलाई गई थीं। खास बात ये है कि राजदेव की मौत के फौरन बाद घटनास्थल से सीवान जेल फोन किया गया था।
(फाइल फोटो)
शहाबुद्दीन की जेल में भी कितनी चलती थी प्रशासन के एक और कार्रवाई से पता चलती थी। जब पुलिस ने शहाबुद्दीन से मिलने आए 50 लोगों को हिरासत में ले लिया था। उस समय ये बात सामने आई थी कि शहाबुद्दीन से गुहार लगाने के लिए हर बुधवार रविवार को जेल गेट पर भारी भीड़ पहुंचती है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी थी।
(फाइल फोटो)
शहाबुद्दीन के खिलाफ हत्या, अपहरण, वसूली जैसे करीब 36 आपराधिक मामले दर्ज हैं। फिलहाल वो जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
(फाइल फोटो)