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बिहार में बड़ा हादसा: गंगा नदी में पलटी यात्रियों से भरी जीप, 9 लोगों की मौत..लाशों के बीच बिलखते परिजन
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दरअसल, यह भीषण हादसा दानापुर के पीपापुल के पास हुआ, जहां जीप पुल की रेलिंग तोड़ते हुए गंगा नदी में जा गिरी है, जिसमें 12 लोग सवार थे। बताया जा रहा है कि घटनास्थल पर घाटी है और पुल हालत बहुत ही दयनीय यानि जर्जर है। पुल से कोई भी गाड़ी गुजरती है तो इसमें कंपन होता है। इसको बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी रूप से लोहे के पीपा से तैयार किया गया है।
घटना के बाद मौके पर अफरातफरी का महौल बना हुआ है। प्रशासन की टीम पहुंच गई है, स्थानीय तैराकों की मदद से किसी तरह डूबे लोगों को बाहर निकाला गया। पीड़ित परजिनों और गांव के लोगों में जमकर गुस्सा है, वह इस हादसे को लेकर जिम्मेदारों के खिलाफ हंगामा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि लोगों के चीख-पुकार सुनकर करीब 10 हजार से ज्यादा लोग गंगा किनारे पुल के पास पहुंच गए।
मिली जानकारी के मुताबिक, जीप में सवार लोग बुधवार शाम अकिलपुर दियारा में तिलक समारोह में गए हुए थे। यह शादी 26 अप्रैल को होनी थी, गुरुवार सुबह वह खुशी-खुशी अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ दानापुर के रास्ते नासरीगंज आ रहे थे। इसी दौरान पीपा पुल से जीप अनियंत्रित होकर गंगा नदी में समा गई। सूचना मिलने पर कुछ लोग गाड़ी को निकलने की कोशिश करते रहे, लेकिन नहीं निकाल सके। जब तक प्रशासन अमला मौके पर पहुंचा तब तक लोगों की मौत हो चुकी थी। आखिर में उनके शव ही बरामद हुए।
जीप में सवार सभी अकिलपुर के रहनेवाले बताए जा रहे हैं। मृतकों के परिजन घटना स्थल पर बुरी तरह से चीख-पुकार कर रहे हैं। साथ ही गांव के लोग पीपा पुल का निर्माण करने वाले ठेकेदारों के खिलाफ जमकर हंगामा करने में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि यहां पुल के पास गलत तरीके से चढ़ाई बनाई गई है। जिसके चलते यहां से गाड़ियां अक्सर फिसल जाती हैं। पहले भी यहां कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन ने ठेकेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की।
पुलिस की दी जानकारी के मुताबिक, मरने वालों में रामाकांत सिंह (66 वर्ष), अरविंद सिंह (50 वर्ष), गीता देवी (55 वर्ष), अनुरागी देवी (65 वर्ष), गायत्री देवी (50 वर्ष), सरोज देवी (50 वर्ष), आशीष कुमार (10 वर्ष), मधु कुमारी (14 वर्ष) और शिव कुमार (12 वर्ष) शामिल हैं। जैसे ही शव गंगा नदी से बाहर आए तो परिजन बुरी तरह से बिलखने लगे।
हादसे में मारे गए लोगों में से अधिकतर लोग एक ही परिवार के हैं, जबकि कुछ उनके रिश्तेदार बताए जा रहे हैं । इस तस्वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हादसा कितना भयानक था। तस्वीर में देखिए गांववालों से लेकर पुलिस तक रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए थे।
तस्वीर में देखिए कैसे से हादसे के बाद लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों के हुजूम को देखकर ऐसा लग रहा था कि कोई मेला लगा हुआ है। लोगों को गंगा नदी में समाते देख वह कोरोना का खौफ भी भूल गए।