यह राष्ट्रीय खिलाड़ी चला रहा नाई की दुकान, चंदे के पैसे से खेलने गया था बाहर
सीतामढ़ी (Bihar) । खेल और खिलाड़ियों (Players) को प्रोत्साहन देने को लेकर दावे किए जाते हैं। लेकिन, ये दावे कहां तक सच है यह तो आसानी से समझा जा सकता है। जी हां, सच जानने के लिए उदाहरण के तौर पर सीतामढ़ी (Sitamarhi) के कमलेश कुमार (Kamlesh Kumar) को देखा जा सकता है, जो खो-खो (Kho kho) के राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं और बिहार का 8 बार नेतृत्व भी किए थे। मगर, आज गरीबी के कारण उन्हें नाई की दुकान चलाकर घर चलाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
| Published : Sep 15 2020, 09:02 AM IST / Updated: Sep 16 2020, 06:29 PM IST
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सीतामढ़ी के परिहार प्रखंड के सुरगहिया गांव निवासी कमलेश खो-खो का उम्दा खिलाड़ी है। वह आठ बार राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में बिहार का नेतृत्व कर चुका है। 2015 में तो ईस्ट जोन प्रतियोगिता में ब्रांज मेडल हासिल किए थे। राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में टीम को जीत दिलाने में प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं।
सुरसंड के नवाही स्थित जेएलएनएम कॉलेज में स्नातक हिंदी आनर्स के फाइनल ईयर के छात्र कमलेश के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। पिता जितेंद्र ठाकुर किसान हैं। घर के खर्च में सहयोग और अपनी पढ़ाई के लिए कमलेश सुरसंड में सैलून चलाते हैं। इससे प्रतिदिन ढाई से तीन सौ की कमाई हो जाती है।
कमलेश बताते हैं कि वह चंदे के पैसे से बाहर खेलने गया है। असम, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र समेत कई शहरों में बड़ी प्रतियोगिताओं में अपने प्रतिभा का प्रदर्शन किया। लेकिन, बदले में उसे नाई की दुकान चलाकर जिंदगी चलाने की मजबूरी मिली है।
कमलेश का कहना है कि आज तक उसे सरकार या प्रशासन से कभी कोई मदद नहीं मिली। हालांकि इस उदासीन व्यवस्था से कमलेश का खेल के प्रति प्रेम और जज्बा कम नहीं हुआ है। उसे उम्मीद है कि कभी तो सिस्टम जगेगा और उसकी प्रतिभा का कद्र होगा।
(प्रतीकात्मक फोटो)
कमलेश नाई की दुकान चलाने के साथ-साथ अब अपने गांव के बच्चों को खो-खो का प्रशिक्षण दे रहा है। ग्रामीण के लोगों का कहना है कि कमलेश के मन में खेल को लेकर एक अलग सा जुनून है। वह गांव के बच्चों को प्रशिक्षण देकर अपने अधूरे सपने को पूरा करना चाहता है।
सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा कुमारी शर्मा ने कमलेश को हर संभव मदद पहुंचाने का भरोसा दिया है। डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को कमलेश के बारे में जानकारी इकट्ठा कर देने को कहा है।