पहले मां-बाप फिर छूटा दादी का साथ, फ़रिश्ता बन कर आया ये कपल और बदल दी अनाथ की जिंदगी
समस्तीपुर(Bihar). कहते हैं जिसका कोई नहीं होता उसका भगवान होता है। ये कहावत चरितार्थ हुई है बिहार के समस्तीपुर में। यहां बचपन से ही अनाथ हो गई लड़की के लिए एक दंपत्ति फ़रिश्ता बनकर आया और उस अनाथ की की झोली खुशियों से भर दी। दंपत्ति ने उस अनाथ लड़की की धूमधाम से शादी करवाई और कन्यादान देकर उसे विदा किया। दंपत्ति के इस कार्य की हर और चर्चा हो रही है।
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विद्यापतिनगर प्रखंड क्षेत्र के मऊ गांव निवासी रीना के सिर से मां का साया महज 6 माह की उम्र ही उठ गया। उसके पिता मदन सिंह ने उसे लाड-प्यार से पाला। इस बीच जब रीना 5 वर्ष की हुई, तो उसके पिता की भी मौत हो गई। इसके बाद वृद्ध दादी पर रीना के पालन-पोषण की जिम्मेदारी आ गई। लेकिन दुखों ने रीना का पीछा इस पर भी नहीं छोड़ा। जब रीना 16 साल की हुई, तो उसकी दादी भी चल बसी। इसके बाद वह अनाथ हो गई।
रिश्तेदार रीना को अपने घर जरूर ले गए लेकिन उन्हें इस बात की चिंता थी कि रीना बड़ी हो रही है उसके हाथ कैसे पीले होंगे। इतना पैसा कहां से आएगा जिससे रीना की शादी हो पाएगी? इसी बीच एक दंपत्ति फ़रिश्ते के रूप में सामने आये। विद्यापतिनगर नगर निवासी समाजसेवी दंपति और पत्रकार पीएस लाला और उनकी पत्नी सोनी सिंह ने रीना की शादी का जिम्मा उठाया।
रीना की शादी जमुई जिले के खैरा थाना अंतर्गत सिंगारपुर गांव निवासी वीरेंद्र सिंह के बेटे मंटू कुमार सिंह(22) से तय की गई। शनिवार को बारात लेकर जब दूल्हा विद्यापति धाम उगना महादेव मंदिर परिसर पहुंचा, तो महिलाओं ने मांगलिक गीतों के बीच उनका स्वागत किया।
मेहंदी, हल्दी, मंडप, फेरे एवं कन्यादान आदि रस्मों के साथ मांगलिक गीतों के बीच रीना की डोली बड़े ही धूमधाम के साथ विदा की गई। रीना की विदाई के वक्त वहां मौजूद ग्रामीणों की आंखें भर आई। वहां मौजूद हर शख्स इस समाजसेवी दंपत्ति की तारीफ़ कर रहा था।