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पिता रिक्शा चालक, मां ने बेचे गहने, खुद करती थी बर्तन धोने का काम, ऐसी है मिस यूपी 2020 की कहानी
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मान्या ओमप्रकाश सिंह VLCC फेमिना मिस इंडिया उत्तर प्रदेश 2020 बन गई हैं। अपनी आर्थिक दिक्कतों का सामना करने के बाद मान्या सिंह इस मुकाम पर पहुंची हैं।
मान्या सिंह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता एक रिक्शा चालक हैं। ऐसे में उन्होंने अपनी जिंदगी में बड़ा संघर्ष देखा है। उन्हें काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। उनकी कई रातें ऐसी भी बीती हैं, जब उन्हें भूखे पेट रात गुजारनी पड़ी है।
मान्या ने कहा था कि 'उनका खून, पसीना और आंसू उनकी आत्मा के लिए खाना बने और उन्होंने सपने देखने की हिम्मत जुटाई। मान्या ने कम उम्र में ही नौकरी करना शुरू कर दिया था, जो भी कपड़े उनके पास थे, दूसरों के दिए हुए थे। उन्हें किताबें चाहिए थीं लेकिन वो उनकी किस्मत में बनी थीं।'
मान्या ने ये भी बताया था कि 'बाद में उनके मां-बाप ने जो भी जेवर उनके पास थे, उन्हें बेचकर उन्हें पढ़ाया था। उत्तर प्रेदश में महिला होना इतना आसान नहीं है और उनकी मां ने शारीरिक और मानसिक दोनों ही तौर पर बहुत कुछ सहा है। उत्तर प्रदेश वैसे भी महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के लिए बदनाम एक पितृसत्तात्मक राज्य है।'
मान्या ने कहा था कि 'उन्होंने 14 साल की उम्र में ही सबकुछ छोड़ दिया था और घर छोड़कर भाग गई थीं। वो दिन में किसी तरह पढ़ती थीं, शाम को बर्तन धोने का काम किया करती थीं और रात को कॉल सेंटर में काम करती थीं।'
मान्या आगे बताती हैं कि 'उन्होंने ट्रेनों के वॉशरूम में खुद को साफ किया है और रिक्शे के पैसे बचाने के लिए घंटों पैदल चला करती थीं।'
मान्या ने आगे कहा था कि 'उन्होंने अपने पिता, मां और भाई की स्थिति ठीक करने के लिए बहुत कुछ किया है और आज वो यहां हैं, दुनिया को दिखाने के लिए कि आप ठान लो तो कुछ भी कर सकते हो।'
अपनी इस जीत से मान्या सिंह ने कई लोगों को सपने देखने की प्रेरणा दी है। उन्होंने साबित कर दिखाया है कि दिक्कतों का सामना कर कुछ भी हासिल किया जा सकता है, बस खुद पर विश्वास और मेहनत करने की इच्छा होनी चाहिए।