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75 साल के Kabir Bedi ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे, बताया एक हीरोइन के कारण झेलनी पड़ी थी जिल्लत
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कबीर बेदी ने किताब में बताया- लोग समझते हैं कि उनका ओपन मैरिज में होना अच्छी बात थी, लेकिन इसने पत्नी प्रोतिमा के साथ उनके रिश्ते को खत्म कर दिया था। ओपन मैरिज का अइडिया शुरू में अच्छा लगा, लेकिन इससे बहुत बेचैनी होने लगी थी क्योंकि हमारी नजदीकियां बिल्कुल खत्म हो गई थीं। जिस प्यार की मुझे जरूरत थी वह हमारे बीच बिल्कुल नहीं था और मैं खुद को अकेला महसूस करता था। और इस खालीपन को परवीन बाबी के साथ भर दिया।
कबीर बेदी ने परवीन के साथ डैनी के बारे में भी लिखा। उन्होंने लिखा- उस वक्त तक मैं परवीन को केवल डैनी की गर्लफ्रेंड के रूप में जानता था। कुछ ही समय में डैनी बॉलीवुड के सफल विलेन्स में से एक बन गए और कई फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेट हुए। वहीं, परवीन भी सफल हो रही थीं। दोनों 4 साल साथ रहे। परवीन बिना किसी डर के डैनी के साथ रहती थीं।
परवीन के बारे में उन्होंने लिखा- भले ही लोग जीन्स पहनने और सिगरेट पीने वाली परवीन बाबी को बहुत मॉडर्न समझते हों, मगर वे इसके एकदम उलट थी। वो बहुत कंजर्वेटिव थीं। परवीन सेक्स में वफादारी चाहती थीं। यही तो था जो मुझे उस वक्त चाहिए था और इसी वजह से मुझे उससे प्यार हो गया था।
कबीर बेदी ने पत्नी प्रोतिमा के साथ अपने रिश्ते पर लिखा- जब उस दिन प्रोतिमा घर पहुंची तो मैंने उन्हें बताया कि मैं रात में परवीन के पास जा रहा हूं। मेरी बात सुनकर प्रोतिमा ने कहा मैं अभी आई हूं कम से कम रात तो साथ रहो। मगर मैंने मना कर दिया और कहा कि अब मैं हर रात परवीन के साथ ही रहना चाहता हूं। इसके बाद प्रोतिमा रोने लगीं और मुझसे वहां से जाने को कहा। इस तरह हमारी ओपन मैरिज खत्म हो गई।
परवीन की मानसिक हालत को लेकर भी कबीर ने खुलासा किया। उन्होंने लिखा- परवीन के पूर्वज मुगल बादशाह हुमायूं के यहां नौकरी करते थे। बचपन में परवीन को मुगल स्मारकों के पास रूहें दिखाई देती थीं। वह बचपन में ही फैमिली से अलग हो गई थीं और उनमें असुरक्षा की भावना जिंदगीभर रही। उनकी खूबसूरती, सफलता और पहचान को इस डर खत्म कर दिया।
उन्होंने आगे लिखा- महेश भट्ट ने कहा था कि परवीन की मां ने उन्हें बताया था कि उनके पिता भी मानसिक रोग के शिकार थे। भट्ट का मानना था कि परवीन का यह रोग खानदानी है।
मुझे भट्ट ने यह भी बताया था कि बचपन में जब परवीन अहमदाबाद के सेंट जेवियर कॉलेज में पढ़ती थीं तब हिंदू-मुसलिम दंगों के दौरान उनकी मैट्रन ने मुस्लिम लड़कियों को अपनी वैन में गद्दों के नीचे छुपा लिया था, परवीन भी उनमें से एक थीं। तब वो टीनएज थीं और तभी उन्हें पहली बार अटैक पड़ा था।
कबीर बेदी ने बताया - पहली बार स्टारडस्ट मैगजीन में परवीन के मानसिक रोग के बारे में लिखा गया। इसमें उनकी बीमारी के लिए मुझे जिम्मेदार ठहराया गया था कि मैंने उन्हें छोड़ दिया। लेकिन सच्चाई यह है कि परवीन ने मुझे छोड़ दिया था। इतना ही नहीं जब मैं उनकी मदद करना चाहता था तो उन्होंने मना कर दिया था।