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खुद से 16 साल बड़े एक्टर के साथ 'थलाइवी' में काम कर रहीं कंगना रनोट, जानें उनके बारे में सब कुछ
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अरविंद का जन्म 18 जून, 1970 में हुआ था। उन्हें डॉक्टर बनने का ख्वाब देखा करते थे, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था तो वो फिल्म इंडस्ट्री में चले आए। बताया जाता है कि एक कर्मशियल एडवर्टिजमेंट में डायरेक्टर मणि रत्नम की नजर उन पर पड़ी। मणि रत्नम ने उन्हें बुलाया और यहीं से अरविंद के रील लाइफ करियर की शुरुआत हुई। अब 16 साल छोटी कंगना रनोट के साथ वो 'थलाइवी' में दमदार कैरेक्टर में नजर आने वाले हैं।
अरविंद स्वामी तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों के स्टार हैं, लेकिन हिंदी सिनेमा में भी उन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। 1991 में मणि रत्नम की फिल्म थलपथी से अरविंद ने एक्टिंग जगत में कदम रखा था। इसके बाद 1992 में वो एक्ट्रेस मधू के साथ फिल्म 'रोजा' में नजर आए।
नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी फिल्म 'रोजा' ने अरविंद के करियर को उड़ान दी। फिल्म तमिल में रिलीज हुई थी, लेकिन इसकी हिंदी डबिंग भी सिनेप्रेमियों के बीच लोकप्रिय रही। फिल्म के गाने आज भी म्यूजिक लवर्स के पसंदीदा लिस्ट में रहते हैं रोजा के लिए अरविंद को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर कैटेगरी में नॉमिनेट किया जा चुका है।
फिल्म 'रोजा' में मधु और अरविंद की रोमांटिक केमिस्ट्री सभी को खूब पसंद आई थी। मजेदार बात ये है कि अब 29 साल बाद दोनों एक्टर्स एक बार फिर थलाइवी में स्क्रीन शेयर करेंगे। मधू फिल्म में एमजीआर की तीसरी पत्नी वीएम जानकी रामचंद्रन की भूमिका में हैं। 'थलाइवी' के ट्रेलर में उनका लुक भी देखा जा सकता है।
फिल्म 'रोजा'में अरविंद और मधू की कास्टिंग को लेकर कुछ दिलचस्प बातें भी हैं। फिल्म के लिए ना अरविंद और ना मधू, मणिरत्नम की पहली पसंद थे। जब राजीव मेनन ने फिल्म करने से मना कर दिया तो अरविंद को साइन किया गया। वहीं, मघू से पहले ये फिल्म ऐश्वर्या राय को ऑफर किया गया था, जिसे एक्ट्रेस ने तारीख ना होने की वजह से रिजेक्ट कर दिया था। इस फिल्म ने पैन-इंडिया अरविंद को पहचान दिलाई।
वहीं, अगर अरविंद के बॉलीवुड करियर की बात की जाए तो उन्होंने 1998 में फिल्म 'सात रंग के सपने' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। फिल्म में उन्होंने जूही चावला के अपोजिट महीपाल का रोल प्ले किया था। हालांकि, फिल्म कुछ खास नहीं चल पाई थी पर इसके आगे आज भी सुने जाते हैं।
इसके बाद साल 2000 में अरविंद स्वमी को मनीषा कोइराला के अपजिट 'राजा को रानी से प्यार हो गया' में कास्ट किया गया था। इसमें अरविंद ने मोहित कुमार की भूमिका निभाई। 2016 में वो तीसरी बार हिंदी मूवी डियर डैड में नजर आए लेकिन तभी वो कुछ खास कमाल नहीं कर पाए।
हिंदी फिल्मों में भले ही अरविंद का जादू नहीं चल पाया पर साउथ में उनका जलवा बरकरार है। अरविंद को उन एक्टर्स में गिना जाता है, जो पूरे देश में अपना आकर्षण रखने की काबिलियत रखते हैं।
अब थलाइवी के जरिए हिंदी सिनेमा में उनकी वापसी क्या नया करती है, यह देखना होगा। वैसे फिल्म में एमजीआर के लुक में अरविंद स्वामी बिल्कुल अलग नजर आ रहे हैं। सिर से लेकर पांव तक, पहनावा और चाल-ढाल सब एमजीआर से मिलता-जुलता रखा गया है।