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'धोनी' को समझने के लिए सुशांत ने उनसे पूछे थे 250 सवाल, रोज 300 गेंदों पर करते थे हेलीकॉप्टर शॉट की प्रैक्टिस
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1. तीन बार धोनी से मुलाकात करके उनकी तरह सोचना सीखना
फिल्म की शूटिंग शुरू होन से पहले सुशांत ने धोनी के कई वीडियोज देखे। इसके बाद फिल्म के सिलसिले में वह तीन बार धोनी से मिले। सुशांत ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि, 'पहले मैंने कई घंटों तक उन्हें देखा। मेरा इरादा चीजों को पिकअप करने का था। मैं शूटिंग के दौरान उनके बारे में नहीं सोचना चाहता था। 12 महीने की तैयारी में मैंने उनसे तीन बार मुलाकात की। पहली बार मैंने उनसे सिर्फ अपनी कहानी सुनाने के लिए कहा। दूसरी बार मेरे पास 250 हाईपोथिटिकल मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन थे। तीसरी बार में मैंने उनसे स्क्रिप्ट को लेकर सवाल किए। जैसे कि आप इस वक्त क्या सोच रहे हैं? सिर्फ यह तय करने के लिए कि मैं सही दिशा में जा रहा हूं या नहीं।'
2. पूरे 13 महीनों तक ली जबरदस्त फिजिकल ट्रेनिंग
सुशांत सिंह राजपूत ने मेंटली तो धोनी को समझ लिया। अब बारी थी उनकी तरह फिजिकली दिखने की और इसके लिए उन्हें काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी। इसके लिए उन्हें पूर्व क्रिकेटर किरण मोरे से 13 महीनों की क्रिकेट ट्रेनिंग ली। किरण ने उन्हें विकट कीपिंग से लेकर बल्लेबाजी करने तक के तौर तरीके सिखाए। एक वीडियो एनालिस्ट ने उन्हें धोनी के हर शॉट की बारीकी समझाई ताकि किस गेंद को कैसे खेलना वो सुशांत को समझ आ सके। फिर बॉलिंग मशीन की मदद से सुशांत को बॉलिंग कराई गई। इस दौरान वे एक दिन में करीबन 300 से ज्यादा गेंदों पर हेलीकॉप्टर शॉट की प्रैक्टिस करते थे और ऐसा उन्होंने 90 दिनों तक किया। इस दौरान उन्हें काफी दर्द और चोटें झेलनी पड़ी पर वे मैदान पर डटे रहे। हेलीकॉप्टर शॉट में सुशांत का परफेक्शन देखकर धोनी ने यह तक कह दिया था कि वे रणजी में भी खेल सकते हैं।
3. ट्रेनिंग करते वक्त लोहे जैसे मजबूत हो गए थे सुशांत के पैर: आलोक पांडे
फिल्म में सुशांत के दोस्त चिट्टू की भूमिका निभाने वाले एक्टर आलोक पांडे बताते हैं कि, 'हम लोग इस फिल्म के लिए सुशांत की डेडिकेशन देखकर हैरान थे। वो अक्सर हमसे शेयर किया करते थे कि यह रोल उनके लिए कितना खास है। वो हमें कई बारे अपने पैर दिखाते थे और कहते थे कि देखो ट्रेनिंग कर-करके यह लोहे जैसे मजबूत हो गए हैं। हम भी उनकी मेहनत देखकर चौंक जाते थे। उन्होंने खुद को इस तरह कैरेक्टर के लिए कुछ इस तरह तैयार किया था कि कई बार हमें लगता था हम धोनी के साथ ही शूटिंग कर रहे हैं।'
4. धोनी जैसा नहीं धोनी बनकर ही सोचते थे सुशांत
सुशांत ने एक और इंटरव्यू में बताया था कि फिल्म के लिए उनकी अप्रोच धोनी को कॉपी करना नहीं बल्कि उनकी तरह की जीवन जीना थी। उन्होंने मेंटली और फिजिकली खुद को इतना तैयार किया और फिर खुद को धोनी मानकर ही पूरी फिल्म की शूटिंग की। बाकी कुछ चीजें तो उनकी धोनी से पहले से ही मेल खाती थीं जैसे कि दोनों ही बिहार से थे इसलिए धोनी की बात करने की टोन और लहजे में सुशांत को ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी। इसके अलावा सुशांत खुद भी एक जमाने में अच्छे स्पोर्ट्स पर्सन रहे थे और उनकी बहन तो नेशनल लेवल क्रिकेट प्लेयर थीं।
5. खुद धोनी और डायरेक्टर नीरज पांडे की पहली पसंद थे सुशांत
कम ही लोग जानते हैं कि जब धोनी से यह पूछा गया था कि वे अपनी बायोपिक में किस एक्टर को देखना चाहते हैं तो उन्होंने खुद सुशांत का नाम लिया था। इसके पीछे दो वजहें थीं, एक तो माही ने सुशांत को फिल्म 'काय पो छे' में क्रिकेट खेलते हुए देख था और दूसरा वे जानते थे कि दोनों बिहार के रहने वाले थे। इसके अलावा माही नहीं चाहते थे कि उनका रोल कोई सुपरस्टार निभाए।
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