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3 दिन तक घर में सड़ती रही थी इस एक्ट्रेस की लाश, जिंदगी का आखिरी वक्त बेहद अकेलेपन में गुजरा
मुंबई। वेटरन एक्ट्रेस नलिनी जयवंत (Nalini Jaywant) अगर आज जिंदा होतीं तो 95 साल की हो जातीं। 18 फरवरी, 1926 को मुंबई में जन्मीं नलिनी 40 और 50 के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस थीं। रिश्ते में वे काजोल की नानी शोभना समर्थ की फर्स्ट कजिन थीं। 2010 में जब उनका निधन हुआ तो तीन दिन तक उनकी लाश उनके यूनियन पार्क, चेंबूर (मुंबई) स्थित घर में पड़ी सड़ती रही थी। खास बात यह है कि रहस्यमय हालत में हुई इस नलिनी जयवंत की मौत को लेकर एफआईआर तक नहीं लिखी गई थी। (फोटो साभार : लाइफ मैगजीन)
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नलिनी जयवंत ने फिल्म इंडस्ट्री में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू किया था। उस वक्त नलिनी की उम्र 14 साल थी। लेकिन अपनी एक्टिंग के दम पर नलिनी को जल्दी ही फिल्मों में लीड रोल मिलने लगे।
एक वक्त ऐसा भी था, जब उस दौर में हर फिल्ममेकर नलिनी के साथ काम करना चाहते थे। नलिनी को वैसे तो काम की कभी भी कमी नहीं रही लेकिन जिंदगी के आखिरी वक्त में कुछ ऐसा हुआ कि ना तो परिवार उनके साथ रहा और ना ही फिल्म इंडस्ट्री। वे आखिरी वक्त में पाई-पाई को मोहताज हो गई थी।
22 दिसंबर, 2010 को जब नलिनी का निधन हुआ तो किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी थी। तीन दिन तक उनकी बॉडी घर में सड़ती रही थी। अभी भी नलिनी की मौत पर रहस्य बना हुआ है। 1983 से ही नलिनी यूनियन पार्क स्थित अपने घर में बेहद अकेलेपन में जी रही थीं।
40 और 50 के दशक में नलिनी उस दौर की सबसे खूबसूरत एक्ट्रेसेस में से एक मधुबाला को टक्कर देती थीं। 1952 में फिल्मफेयर मैगजीन ने एक पोल किया था, जिसमें पहले पहले नंबर पर नलिनी जयवंत थीं।
नलिनी ने 1945 में डायरेक्टर वीरेंद्र देसाई से शादी की थी। हालांकि 3 साल बाद ही 1948 में उनका तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने दूसरी शादी एक्टर प्रभु दयाल से 1960 में की। प्रभु दयाल के साथ नलिनी ने कई फिल्मों में काम किया था। हालांकि, प्रभु की 2001 में डेथ हो गई।
60 का दशक आते-आते नलिनी को फिल्में मिलना बंद हो गई थीं। इसके बाद उन्होंने खुद इंडस्ट्री से दूरी बना ली और अपनी पर्सनल लाइफ में बिजी हो गईं। हालांकि, 1983 में उन्होंने फिल्म नास्तिक में अमिताभ बच्चन की मां का किरदार निभाया था।
1951 में नलिनी ने एक मैगजीन के लिए बेहद बोल्ड फोटोशूट करवाया था। उस वक्त उनका यह फोटोशूट काफी सुर्खियों में रहा था। नलिनी जयवंत ने कई हिट फिल्मों में काम किया। उन्हें 1941 में आई फिल्म 'बहन' से पॉपुलैरिटी मिली।
हालांकि जिदंगी के आखिरी वक्त में उनके पास अपना कोई नहीं था। वे अकेली ही रहती थीं। यहां तक की उनके पास खर्चा चलाने तक के पैसे नहीं थे। 20 दिसंबर, 2010 को बेहद अकेलेपन में उनकी मौत हो गई।
नलिनी जयवंत ने बहन (1941), आंखें (1950), नौजवान (1951), लकीरें (1954), रेलवे प्लेटफॉर्म (1955), मिलन' (1958), 'हम सब चोर हैं' (1956), 'सेनापति' (1961), 'नीलमणि' (1957), 'गर्ल्स होस्टल' (1963) सहित कई फिल्मों में काम किया।