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15 अक्टूबर से शुरू हो रही 7 बड़ीं कंपनियां, 65,000 करोड़ रुपए के एडवांस ऑर्डर मिले, देखें डिटेल
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) की सभी 41 फैक्ट्रियों को 7 कंपनियों में विभाजित किया गया है। देश की जल-थल-वायु सेनाओं सहित अर्धसैनिक बलों से इन कंपनियों को 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले हैं। सभी फैक्ट्रियों में 70 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। 7 कंपनियों में क्या काम होगा, कॉरपोरेटाइजेशन का विरोध कर रहे कर्मचारियों के लिए कंपनियों ने क्या रणनीति बनाई है, देखें अब इन कंपनियों में क्या कुछ बदलाव होने वाला है...
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ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) की देशभर में 41 फैक्ट्रियां संचालित की जाती है। इस सभी फैक्ट्रियों में 70 हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। अब ये सातों कंपनियां डिफेंस-पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट) से संबध्द होंगी। (फाइल फोटो)
41 फैक्ट्रियों का 7 कंपनियों में विभाजन
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) की सभी 41 फैक्ट्रियों को जो 7 कंपनियों में विभाजित किया गया है। इनका वर्गीकरण इस तरह से किया गया है। गोला-बारूद से जुड़ी म्यूनेशन इंडिया लिमिटेड, राइफल, मशीनगन और तोप जैसे हथियार से जुड़ी एडवांस वैपन एंड इक्युपमेंट लिमिटेड, टैंक, BMP और ट्रक से जुड़ी आर्मर्ड व्हीकल्स ('अवनी'), सैनिकों की यूनिफॉर्म और टेंट से जुड़ी, ट्रूप कम्फर्ट लिमिटेड, ओप्टो-इलेक्ट्रोनिक्स से जुड़ी ऑपटिक्ल लिमिटेड, पैराशूट ग्रुप और एनसेलेरी-ग्रुप से जुड़ी यंत्र सिस्टम और लीडर्स इंडिया लिमिटेड के तौर पर ये कंपनियां कार्य करेंगी।(फाइल फोटो)
कंपनियों की तय होगी जवाबदेही
केंद्र सरकार सरकारी कंपनियों को प्रोफेशनल बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। रक्षा जरुरतों को जल्द से जल्द पूरी करने और उन्हें व्यवहारिक के साथ कॉम्प्टीशन में बने रहने के लिए कामों का विभाजन किया गया है। रक्षा मंत्रालय की दी गई जानकारी के मुताबिक, निजीकरण से OFB की ताकत और बढ़ेगी । (फाइल फोटो)
इन कंपनियों को ढर्रे से हटकर मार्केट की जरुरतों के मुताबिक काम करने की प्रेरणा मिलेगी। इससे कंपनियों की जवाबदेही भी तय होगी। सरकार चाहती है कि OFB का तेजी से उत्पादन बढ़े। फिलहाल अधिकतर कंपनियां घाटे पर चल रही हैं, इसको लाभ देने वाली कंपनियां कैसे बनाई जाए इसपर फोकस किया जाएगा। (फाइल फोटो)
कर्मचारियों को भेजा जाएगा डेप्यूटेशन पर
केंद्र सरकार ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) के कॉरपोरेटाइजेशन को स्वीकृति देते कर्मचारियों को ये विश्वास दिलाया है कि किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जाएगा। सभी 70 हजार कर्मचारियों (A, B और C ग्रुप ) को दो साल के लिए इन कॉर्पोरेट कंपनियों में डेप्यूटेशन पर भेजा जाएगा, कर्मचारियों से जुड़े नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा।(फाइल फोटो)
बता दें कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) के कॉरपोरेटाइजेशन की प्रोसेस को लेकर कर्मचारी बेहद नाराज हैं। सरकार की नीतियों को लेकर कर्मचारी संगठन हहड़ताल भी कर चुके हैं। वहीं सरकार ने कर्चारियों को भरोसा दिलाया है कि उनकी नौकरी और पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। कंपनियों की बेहतरी से कर्मचारियों को ही फायदा होगा। सरकार के भरोसा दिलाने पर कर्चारियों ने हड़ताल खत्म कर दी थी। (फाइल फोटो)