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टैक्स बचाने के लिए Investment में नहीं करें जल्दबाजी, इन 6 गलतियों से हर हाल में बचें
| Published : Mar 21 2021, 05:02 PM IST / Updated: Mar 21 2021, 05:04 PM IST
टैक्स बचाने के लिए Investment में नहीं करें जल्दबाजी, इन 6 गलतियों से हर हाल में बचें
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कई लोग टैक्स में बचत करने के लिए जरूरत से ज्यादा निवेश कर देते हैं। इसलिए टैक्स सेविंग के लिए कितना निवेश करना चाहिए, इसकी जानकारी जरूरी है। एक वित्त वर्ष के दौरान अपनी कुल आय का अनुमान लगा कर उसके मुताबिक टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट का आकलन करना चाहिए। जरूरत से ज्यादा निवेश करने पर किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पैसों की कमी हो सकती है। (फाइल फोटो)
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मार्च के महीने में ज्यादातर लोग टैक्स बचाने के लिए ट्रेडिशनल इन्श्योरेंस प्लान्स और इंडोमेंट पॉलिसीज जैसी इन्श्योरेंस-कम-इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स में निवेश कर देते हैं। हालांकि, इन पर ईएलएसएस, पीपीएफ और दूसरी स्कीम्स की तुलना में कम रिटर्न मिलता है। इसलिए कभी भी हड़बड़ी में निवेश नहीं करना चाहिए। (फाइल फोटो)
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ट्रेडिशनल इन्श्योरेंस लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट होता है और इसमें समय से पहले सरेंडर करने पर ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में, बेहतर होगा कि स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स में निवेश किया जाए। इसके अलावा इन्श्योरेंस की जरूरतों के लिए एक टर्म प्लान या हेल्थ इन्श्योरेंस प्लान लिया जा सकता है। (फाइल फोटो)
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कुछ लोग टैक्स बचाने के लिए पर्सनल लोन लेते हैं या क्रेडिट कार्ड के जरिए विदड्रॉल कर निवेश करते हैं। ऐसा करना ठीक नहीं है। इसमें नुकसान होता है। अगर बहुत जरूरी है तो किसी दोस्त या संबंधी से लोन ले सकते हैं या एफडी के अगेंस्ट ओवरड्राफ्ट सुविधा का फायदा लिा जा सकता है। इसके अलावा अगर कोई इन्वेस्टमेंट प्लान मेच्योर हो गया हो, तो उससे मिले फंड को टैक्स सेविंग स्कीम्स में निवेश किया जा सकता है। (फाइल फोटो)
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ऐसा टैक्स सेविंग प्लान चुनना चाहिए, जिससे लॉन्ग टर्म मे वित्तीय लक्ष्य को पाने में मदद मिल सके। कभी भी शॉर्ट टर्म फाइनेंशियल लक्ष्य के मुताबिक टैक्स सेविंग प्लान में निवेश नहीं करना चाहिए। सभी टैक्स सेविंग प्लान में 3 से 15 साल तक का लॉक-इन पीरियड होता है। इस लॉक-इन पीरियड से पहले इससे बाहर नहीं निकला जा सकता है और न ही रिटर्न मिल सकता है। (फाइल फोटो)
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ज्यादातर लोग टैक्स बचाने के मकसद से अंतिम समय में अपने पूरे फंड को किसी एक एसेट क्लास में ही निवेश कर देते हैं। ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। एक से ज्यादा एसेट क्लास में निवेश करने से रिस्क कम रहता है। अलग-अलग स्कीम्स में भी निवेश करना ज्यादा अच्छा माना जाता है। टैक्स सेविंग के लिए एनपीएस (NPS), एफडी (FD), पीपीएफ (PPF) और गोल्ड बॉन्ड Gold Bond) में भी निवेश कर सकते हैं। (फाइल फोटो)