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इस योजना से मिलेगा लाखों लोगों को रोजगार, जानें सरकार ने किया किस कंपनी से करार
बिजनेस डेस्क। कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से लाखों लोगों का रोजगार चला गया। खासकर, जो लोग छोटे-मोटे काम-धंधे करके परिवार का गुजारा करते थे, उनकी हालत काफी बुरी हो गई। करोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से रेहड़ी-पटरी पर कारोबार करने वालों और स्ट्रीट वेंडर्स (Street Vendors) को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। अब लॉकडाउन के बाद उनकी जिंदगी की गाड़ी पटरी पर आ सके, इसके लिए केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन (Online) फूड ऑर्डर और होम डिलिवरी (Food Order and Home Delivery) करने वाली कंपनी स्विगी (Swiggy) से एक करार किया है। इससे लोगों को घर बैठे अपने नजदीकी पसंदीदा स्ट्रीट वेंडर का तैयार किया खाने-पीने का सामान मिल सकेगा।
(फाइल फोटो)
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घर पर होगी स्ट्रीट फूड की डिलिवरी
स्ट्रीट फूड आज लाखों लोगों की पसंद हैं। कोरोना महामारी की वजह से लोग इसका स्वाद नहीं ले सके, वहीं इस कारोबार में लगे लोगों को भी काफी नुकसान हुआ। अब केंद्र सरकार और स्विगी के बीच हुए करार के बाद स्ट्रीट वेंडर्स खाने-पीने के सामान का ऑर्डर लेने के बाद उसकी होम डिलिवरी कर सकेंगे।
(फाइल फोटो)
इन शहरों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
केंद्र सरकार की इस योजना का पायलट प्रोजक्ट जल्द ही कुछ बड़े शहरों में शुरू होने वाला है। फिलहाल अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की जाएगी। इससे मंदी की मार झेस रहे इस सेक्टर को जीवनदान मिल सकता है।
(फाइल फोटो)
पायलट प्रोग्राम से जुड़ेंगे इतने वेंडर्स
शुरुआत में इन 5 शहरों के 250 वेंडर्स इस पायलट प्रोग्राम से जुड़ेंगे। इससे सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन होगा और दुकानों तक आने-जाने का झंझट भी नहीं रहेगा। सभी स्ट्रीट वेंडर्स का पैन नंबर होगा और इन्हें फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) एफएसएसएआई से रजिस्टर्ड कराया जाएगा।
(फाइल फोटो)
स्ट्रीट वेंडर्स को दिया जाएगा प्रशिक्षण
शहरी विकास मंत्रालय नगर निगम, एफएसएसएआई और जीएसटी अधिकारियों के साथ मिलकर इस स्कीम को लागू कराएगा। परंपरागत तरीके से काम कर रहे इन स्ट्रीट वेंडर्स के सामने सबसे बड़ी चुनौती ऑनलाइन बुकिंग और डिलिवरी टेक्नोलॉजी को समझना होगा। इसे देखते हुए फैसला लिया गया है कि इन सभी 250 स्ट्रीट वेंडर्स को ऐप के इस्तेमाल की तकनीक, मेन्यू व कीमतों के डिजिटलीकरण, साफ-सफाई और पैकेजिंग को लेकर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
(फाइल फोटो)
चरणबद्ध तरीके से लागू होगी योजना
अगर यह मॉडल सफल होता है तो सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से पूरे देश में लागू करेगी। स्कीम के तहत 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को सस्ती दर पर वर्किंग कैपिटल भी उपलब्ध कराया जाएगा।
(फाइल फोटो)
कितना मिलेगा लोन
पीएम स्वनिधि योजना (PM SVANidhi Scheme) के तहत वेंडर 10,000 रुपए का कर्ज वर्किंग कैपिटल लोन के तौर पर ले सकते हैं। इसे 1 साल में मासिक किस्तों में चुकाना होगा। अगर समय पर कर्ज चुकाया जाता है तो वेंडर के बैंक खाते में सालाना 7 फीसदी सब्सिडी तिमाही आधार पर जमा कर दी जाएगी। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए 1,200 रुपए सालाना कैशबैक दिया जाएगा।
(फाइल फोटो)
समय से लोन के भुगतान पर नहीं लगेगी पेनल्टी
लोन का समय से पहले भुगतान किए जाने पर कोई पेनल्टी नहीं देनी होगी। 4 अक्टूबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, पीएम स्वनिधि योजना के तहत 20 लाख आवेदन मिले हैं। इसमें से 7.5 लाख आवेदनों को मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 2.4 लाख आवेदनकर्ताओं को कर्ज दिए भी जा चुके हैं।
(फाइल फोटो)