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सुकन्या समृद्धि से लेकर Life Insurance तक, इन्वेस्टमेंट के इन 12 तरीकों से आप भी बचा सकते हैं Income Tax
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यदि आप वास्तव में टैक्स को बचाने के लिए एक रास्ता तलाश रहे हैं, तो अपनी आय को बाजारों और बीमा में निवेश कर सकते हैं, या भविष्य की जरुरतों के लिए बचत स्कीम ( saving instruments for future) में भी लगा सकते हैं। इसके अलावा, भी करों को बचाने के लिए विभिन्न भत्तों (different allowances) का भी उपयोग किया जा सकता है।
बीमा (Insurance)
बीमा पॉलिसियों (insurance policies) को ख़रीदने के कई फायदे हैं, इससे आपका जोखिम तो कम होता ही है, ये टैक्स बचाने में मदद करता है। देखें बीमा किस प्रकार आयकर (income tax) बचाने में आपकी मदद करता है।
जीवन बीमा ( Life Insurance )
जीवन बीमा पॉलिसियां ( Life insurance policies) न केवल किसी शख्श को जीवन बीमा देती हैं, ये करों को बचाने का एक शानदार विकल्प भी है। जीवन बीमा पॉलिसी में टर्म के मुताबिक प्रीमियम का भुगतान करने की जरुरत होती है जो बदले में बीमित व्यक्ति (insured person) की मृत्यु के मामले में बड़ी एकमुश्त राशि में वापस भुगतान किया जाता है। जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम आयकर अधिनियम की धारा 80C ( under section 80C of Income Tax Act) के तहत कर कटौती के योग्य होता है।
यूलिप (Unit Linked Insurance Plan)
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान ( Unit Linked Insurance Plan) बीमा योजनाएं हैं जो बाजार से जुड़ी योजना हैं। इस योजना के तहत इंवेस्टर्स को सिंगल प्लान के तहत निवेश और सुरक्षा दोनों का लाभ दिया जाता है। इस योजना के तहत किए गए वित्तीय निवेश भी कर में कटौती के लिए पात्र होते हैं। यह स्कीम आपकी रकम को बढ़ाने में मदद करने का अवसर भी प्रदान करता है।
स्वास्थ्य बीमा ( Heath Insurance )
कोरोना महामारी में हमने देखा है कि मेडीकल ट्रीटमेंट की लागत तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा हालातों में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी होना बहुत जरूरी हो गया है। आज मार्केट में कई तरह के हेल्थ इंश्योरेंस मौजूद हैं। यदि आप अपने स्वास्थ्य बीमा के लिए प्रीमियम अदा करते हैं, तो आप अपने टैक्स को 15,000 रुपये से 20,000 रुपये तक बचा सकते हैं।
निवेश ( Investments)
निवेश वित्तीय साधन ( financial instruments) हैं जहां आप आज इंवेस्ट करते हैं और बाद में लाभ पाते हैं। इसके अलावा, निवेश आपको टैक्स बचाने में भी मदद करता है। कुछ सामान्य इंवेस्टमेंट ऑप्शन इस प्रकार हैं-
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana)
बेटी के जन्म से लेकर 10 साल की उम्र तक उसके नाम से माता-पिता या अभिभावक सुकन्या समृद्धि योजना अकाउंट खोल सकते हैं। योजना के नियमों के अनुसार एक परिवार में एक बेटी के बाद यदि दो जुड़वा बेटिया हो जाएं तो तीनों के लिए अकाउंट खोले जा सकते हैं। वैसे ये अकाउंट दो बेटियों के लिए खाता खोलने की परमिशन देता है। इसमें किया गया निवेश एसएसवाई सॉवरेन गारंटी (SSY Sovereign Guarantee) के साथ सबसे अधिक टैक्स फ्री रिटर्न देता है। इसमें वार्षिक जमा (योगदान) धारा 80 सी के तहत लाभ योग्य है, मैच्योरिटी प्रॉफिट पर टैक्स नहीं देना होता है।
म्यूचुअल फंड्स ( Mutual Funds)
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Linked saving schemes) का इस्तेमाल टैक्स रियायत हासिल करने के लिए किया जा सकता है। ELSS 3 साल की लॉक-इन पीरियड के साथ आता है। म्यूचुअल फंड की लॉक-इन अवधि फिक्स्ड डिपॉजिट और पीपीएफ की तुलना में कम होती है। इस योजना का एक प्रमुख लाभ यह है कि यह आपके इंवेस्टमेंट पर भारी लाभ देती है।
टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट ( Tax Saving Fixed Deposit)
विभिन्न बैंकों द्वारा दी जाने वाली सावधि जमा ( Fixed deposit) का इस्तेमाल कर टैक्स बचत इंस्ट्रूमेंट के रूप में किया जाता है। कोई व्यक्ति इसमें 1 लाख रुपये से 1.5 लाख रुपये तक की राशि निवेश कर सकता है, इस पर ब्याज तो मिलता ही है, टैक्स रिबेट भी मिलती है। सावधि जमा के लिए कई टाइम स्लॉट मिल जाते हैं।
डाकघर स्कीम (Post Office Time Deposit)
डाकघर में सावधि जमा की कोई लिमिट नहीं है कि वह इसमें कितनी भी राशि डाल सकता है। डाकघर सावधि जमा में डालने के लिए मिनीमम अमाउंट 200 रुपये है और इसमें बैंकों के मुकाबले अधिक आकर्षक ब्याज दर है। समय- समय पर ये दरें बदलती रहती हैं। 5 साल की लॉक इन अवधि के साथ आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र ( National Saving Certificates)
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र डाकघर से प्राप्त किया जा सकता है। इसमें कम से कम 100 रुपये का निवेश करना होता है। एनएससी 5 साल और 10 साल की लॉक इन अवधि के साथ आता है। एनएससी में किए गए निवेश कर छूट के लिए पात्र हैं।
भविष्य निधि ( Provident Funds)
प्रोविडेंट फंड को पेंशन फंड के रूप में भी जाना जाता है, ये लॉन्ग टर्म रिटर्न पॉलिसी के साथ आते हैं। भविष्य निधि में किए गए जमा आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर कटौती के लिए पात्र हैं।
ऋण ( Loan)
होम लोन टैक्स बचाने में सहायता करता है। प्रत्येक वर्ष 1,00,000 रुपये तक का मूलधन और ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कर लाभ के लिए पात्र होते हैं। ब्याज के लिए 1.5 लाख रुपये आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत छूट मिलती है। वहीं बहुत कम लोगों को ये जानकारी है कि घरके रेनोवेशन के लिए लिया गया होम लोन भी टैक्स कटौती योग्य होता है।