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भगोड़ों ने यहां छिपा रखी थी 2,300 किलो की ज्वैलरी, मोदी सरकार लेकर आई वापस; कीमत 1350 करोड़ रुपए
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हांगकांग के गोदाम में रखा गया था
इन कीमती आभूषणों को हांगकांग में एक लॉजिस्टिक्स कंपनी के गोदाम में रखा गया था। प्रवर्तन निदेशालय इन ज्वैलरी को भारत लेकर आया है। मुंबई में लैंड किए गए इन ज्वैलरी के 108 कंसाइंटमेंट्स में 32 उन विदेशी इकाइयों के हैं, जिन पर नीरव मोदी का नियंत्रण है। बाकी ज्वैलरी मेहुल चौकसी की कंपनियों के हैं।
दुबई और हांगकांग से लाए गए 33 कंसाइंटमेंट
इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय दुबई और हांगकांग से आभूषणों के 33 कंसाइंटमेंट ला चुका है। ये नीरव मोदी और मोहुल चौकसी के स्वामित्व वाली कंपनियों के थे। इन कंसाइटमेंट का मूल्यांकन भारत आने के बाद किया गया था और उसके बाद उन्हें जब्त कर लिया गया था।मूल्यांकन करने के बाद इनकी कीमत करीब 137 करोड़ पाई गई थी।
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जब्त होगा
प्रवर्तन निदेशालय इन कंसाइंटमेंट्स को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत जब्त करेगा। इन कीमती आभूषणों को लाने के पहले ईडी ने हांगकांग में प्रशासन के साथ सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया है।
पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी का मामला
प्रवर्तन निदेशालय इन दोनों व्यापारियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रहा है। यह जांच मुंबई में पंजाब नेशनल बैंक की एक शाखा में करीब 13 हजार करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में चल रही है।
कोर्ट ने दिया नीरव मोदी की संपत्ति जब्त करने का आदेश
मुंबई की एक विशेष अदालत ने सोमवार को बैंक धोखाधड़ी के मामले में भगोड़े आर्थिक अपराधी नीरव मोदी की संपत्ति को आर्थिक अपराधी भगोड़ा कानून (FEOA)के तहत जब्त करने का आदेश दिया है। देश में यह पहला ऐसला मामला है, जब किसी अदालत ने FEOA के तहत किसी की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है।
ब्रिटेन की जेल में बंद है नीरव मोदी
नीरव मोदी जनवरी 2018 से ही देश से फरार है। वह ब्रिटेन चला गया था, जहां अब वह एक जेल में बंद है। उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है। भारत में सीबीआई उसके खिलाफ जांच कर रही है और उसके प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी है। यूके की एक अंदालत में उसके प्रत्यर्पण को लेकर सुनवाई जारी है।
मेहुल चौकसी है एंटीगुआ में
पीएनबी स्कैम का दूसरा आरोपी और नीरव मोदी का रिश्तेदार मेहुल चौकसी भाग कर एंटीगुआ चला गया था। उसने जनवरी, 2018 में एंटीगुआ की नागरिकता ले ली ती। मेहुल चौकसी ने एंटीगुआ में निवेश करने के नाम पर वहां की नागरिकता ली थी। जनवरी में उसने अपना पासपोर्ट एंटीगुआ स्थित इंडियन हाई कमीशन में जमा कर दिया है। मेहुल चौकसी के प्रत्यपर्ण के लिए भी भारतीय एजेंसिया लगातार कोशिश में लगी हैं।