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मोदी सरकार की इस योजना में है आपके पास सस्ता सोना खरीदने का मौका, 8 जून से कर सकते हैं खरीददारी
बिजनेस डेस्क। सोना एक ऐसी कीमती चीज है, जिसे हर कोई खरीदना चाहता है। गहने बनवाने से लेकर लोग गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करना भी काफी पसंद करते हैं। गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करने से हमेशा मुनाफा होता है। इसमें रकम के डूबने की कोई गुंजाइश नहीं होती। पिछले कुछ वर्षों से केंद्र सरकार एक ऐसी स्कीम चला रही है, जिसके तहत आप कम कीमत पर सोना खरीद सकते हैं। इस गोल्ड से आप जूलरी तो नहीं बनवा सकते, लेकिन इसमें निवेश कर अच्छा-खासा मुनाफा जरूर कमा सकते हैं। यह योजना 8 जून से फिर शुरू होने जा रही है। जानते हैं इस योजना के बारे में।
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सॉवरेन बॉन्ड योजना
गोल्ड में इन्वेस्टमेंट की केंद्र सरकार की यह सॉवरेन बॉन्ड योजना है। इस योजना के तहत 4,677 रुपए प्रति ग्राम की कीमत पर सोना खरीदा जा सकता है। इस योजना में सोना खरीदने के लिए ऑनलाइन एप्लिकेशन और डिजिटल पेमेंट करने वाले इन्वेस्टर्स को सरकार प्रति ग्राम 50 रुपए की छूट देगी। इस तरह, सोना खरीदने वालों को इसकी कीमत प्रति ग्राम 4,627 रुपए पड़ेगी।
6 जून से 12 जून तक है निवेश का मौका
यह सोना उस तरह नहीं खरीदा जा सकता है, जैसे आप बाजार में खरीदते हैं। इसे एक बॉन्ड के रूप में खरीदा जा सकता है। यह एक तरह का निवेश है, जिसमें आगे चल कर लाभ मिलता है। इस बार कोई भी 8 जून से 12 जून तक सरकार की इस गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश कर सकता है।
ऑनलाइन कर सकते हैं खरीददारी
इस गोल्ड बॉन्ड में निवेश के लिए बैंक से संपर्क किया जा सकता है और ऑनलाइन खरीददारी की जा सकती है। बैंकों के अलावा, इसे पोस्ट ऑफिस, एएसई, बीएसई और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के जरिए खरीदा जा सकता है।
रिजर्व बैंक तय करता है कीमत
बता दें कि इस सोने की कीमत रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया तय करता है। पिछले दिनों रिजर्व बैंक ने कहा था कि अप्रैल से लगातार 6 महीने तक इसकी कीमत जारी की जाएगी। इसका मतलब है कि सितंबर तक 6 बार गोल्ड सॉवरेन बॉन्ड में निवेश करने का मौका सरकार दे रही है।
क्या हैं शर्तें
इस स्कीम में गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करने की कुछ शर्तें भी हैं। इसमें कम से कम एक ग्राम सोने की खरीद करनी होगी। इस स्कीम के तहत एक वित्तीय वर्ष में ज्यादा से ज्यादा 500 ग्राम गोल्ड बॉन्ड खरीदा जा सकता है।
टैक्स में बचत
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में सोना खरीदने पर यानी निवेश करने पर टैक्स में भी बचत होती है। सरकार ने इस योजना को साल 2015 में शुरू किया था। इसका मकसद बाजार से गोल्ड जूलरी और वास्तविक सोने की मांग को कम करना था।