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PF अकाउंट से पैसा निकालने के पहले इन नियमों को जानना है जरूरी, नहीं तो कटेगा टैक्स
बिजनेस डेस्क। जरूरत पड़ने पर कर्मचारियों के सामने अपने प्रोविडेंट फंड (PF) से पैसे निकालने का विकल्प होता है। कई बार लोग पीएफ अकाउंट से पैसा निकालते हैं। लेकिन इसके लिए भी कुछ नियम और शर्तें हैं। अगर समय से पहले पीएफ अकाउंट से पैसा निकाल लिया जाए और नियमों का पालन नहीं किया जाए तो टैक्स देना पड़ सकता है। इसलिए पीएफ से जुड़े नियमों को जानना जरूरी है। जानें पीएफ अकाउंट से जुड़े नियमों के बारे में।
(फाइल फोटो)
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कब निकालें PF से पैसा
अगर आपके लिए PF अकाउंट से पैसा निकालना जरूरी हो तो 5 साल के बाद ही ऐसा करना चाहिए। 5 साल से पहले 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम निकालने पर 10 फीसदी टीडीएस (TDS) देना पड़ता है।
(फाइल फोटो)
क्यों लगता है TDS
पीएफ (PF) अकाउंट से 5 साल से पहले पैसा निकालने पर इम्प्लॉयर का कॉन्ट्रिब्यूशन इनकम फ्रॉम सैलरी कैटेगरी में आ जाता है। वहीं, इम्प्लॉई का कॉन्ट्रिब्यूशन इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस में आ जाता है। इन दोनों पर जो ब्याज मिलता है, उस पर टैक्स लगता है।
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कैसे बच सकता है TDS
अगर किसी की इनकम 2.5 लाख रुपए से कम है और वह पीएफ अकाउंट से पैसा निकालता है, को फॉर्म 15GH सब्मिट करना चाहिए। ऐसा करने पर TDS नहीं कटता है।
(फाइल फोटो)
इन बातों का रखें खास ध्यान
5 साल से पहले PF अकाउंट से पैसा निकालने पर टैक्स लगता है। 50 हजार रुपए से ज्यादा की रकम निकालने पर 10 फीसदी TDS कटता है। TDS से बचने के लिए 5 साल बाद PF अकाउंट से पैसा निकालना चाहिए। जमा रकम पर ब्याज मिलता है।
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कब पैसा निकालने पर नहीं लगता है टैक्स
कुछ स्थितियों मे पीएफ अकाउंट से पैसा निकालने पर टैक्स नहीं लगता है। अगर इम्प्लॉई की नौकरी चली गई हो और वह पैसा निकाल रहा हो तो टैक्स नहीं लगेगा। कंपनी के बंद होने की स्थिति में भी पीएफ अकाउंट से पैसा निकालने पर टैक्स नहीं लगेगा। इम्प्लॉई की मृत्यु हो जाने पर पीएफ से पैसा निकालने पर टैक्स नहीं लगता है। वहीं, नई कंपनी में ज्वाइनिंग के साथ PF ट्रांसफर करा देने पर भी टैक्स नहीं लगता है।
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नौकरी छूट जाने पर PF का पैसा निकालने का नियम
EPF के नियमों के मुताबिक, कोई मेंबर नौकरी के दौरान जमा किए गए कुल रकम का 75 फीसदी नौकरी छूटने के एक महीने बाद निकाल सकता है। वहीं, अगर व्यक्ति दो महीने से ज्यादा बेरोजगार रहता है, तो वह PF अकाउंट से पूरी रकम निकाल सकता है।
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कब PF पर टैक्स देना है जरूरी
PF में कॉन्ट्रिब्यूशन के चार कम्पोनेंट हैं- इम्प्लॉई का योगदान, इम्प्लॉयर द्वारा जमा कराई गयी रकम और दोनों पर मिलने वाला ब्याज। इन चारों में से तीन पर टैक्स चुकाना पड़ता है। यह टैक्स इम्प्लॉयर के कॉन्ट्रिब्यूशन, इम्प्लॉई के कॉन्ट्रिब्यूशन और इन पर मिलने वाले ब्याज पर लगता है।
(फाइल फोटो)
टैक्स का आधार
PF में निवेश पर टैक्स की गणना इस बात पर भी निर्भर करती है कि इम्प्लॉई ने आईटीआर फाइल करते वक्त इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80C के तहत डिडक्शन का लाभ लिया है या नहीं। इनकम टैक्स कानून के अनुसार अगर इम्प्लॉई PF में रकम जमा करत है तो उसके कॉन्ट्रिब्यूशन पर इनकम टैक्स में छूट मिलती है।
(फाइल फोटो)