- Home
- Business
- Money News
- मुकेश अंबानी होंगे बियाणी के फ्यूचर रिटेल कारोबार के मालिक, 27 हजार करोड़ रुपए में हो सकती है डील
मुकेश अंबानी होंगे बियाणी के फ्यूचर रिटेल कारोबार के मालिक, 27 हजार करोड़ रुपए में हो सकती है डील
- FB
- TW
- Linkdin
पहले ही फाइनल होने वाली थी डील
फ्यूचर रिटेल के देश भर में करीब 1700 स्टोर हैं। यह भारत की सबसे बड़ी रिटेल चेन मानी जाती है। बिग बाजार को खरीदने के लिए मुकेश अंबानी की किशोर बियाणी से डील काफी पहले से चल रही थी। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना जनरल मीटिंग (एजीएम) से पहले यह डील फाइनल हो जाएगी, लेकिन किसी वजह से ऐसा नहीं हो सका।
रिटेल किंग बन कर उभर सकते हैं मुकेश अंबानी
मुकेश अंबानी ने रिटेल के क्षेत्र में पहले ही कदम रख दिया है। वे पेट्रोलियम और पेट्रोकेमिकल्स के साथ ही अपनी कंपनी को रिटेल और टेलिकम्युनिकेशन में सबसे आगे ले जाना चाहते हैं। मुकेश अंबानी ने रिलायंस की सब्सिडियरी कंपनी के तौर पर जियोमार्ट को लॉन्च कर दिया है, जो ऑनलाइन रिटेल प्लेटफॉर्म है। फ्यूचर ग्रुप की रिटेल कंपनी को खरीद कर मुकेश अंबानी इस फील्ड में सबसे आगे आ सकते हैं।
इस महीने के अंत तक हो सकती है डील
जानकारी के मुताबिक, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज किशोर बियाणी के फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनेस को 24 से लेकर 27 हजार करोड़ रुपए में खरीद सकती है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस महीने के अंत तक यह डील फाइनल हो जाएगी।
इन कंपनियों का हो सकता है विलय
खबरों के मुताबिक, फ्यूचर के रिटेल बिजनेल के बिकने से पहले फ्यूचर रिटेल लिमिटेड, फ्यूचर कन्ज्यूमर, फ्यूचर लाइफ स्टाइल फैशन, फ्यूचर सप्लाई चेन और फ्यूचर मार्केट नेटवर्क का फ्यूचर एंटरप्राइजेज लिमिटेड में विलय हो जाएगा। इससे पूरे फ्यूचर ग्रुप पर ही मुकेश अंबानी का मालिकाना हक हो जाएगा।
बिग बाजार, ब्रांड फैक्ट्री पर मुकेश अंबानी का स्वामित्व
इस डील के तहत फ्यूचर ग्रुप की लिस्टेट कंपनियां बिग बाजार, फूडहॉल, नीलगिरी, एफबीबी, सेंट्रल, हेरिटेज फूड्स, ब्रांड फैक्ट्री, फैशन और ग्राॉसरी रिटेल फॉर्मेट, ब्रांड ली कूपर और ऑल-बैरिंग पर मुकेश अंबानी का स्वामित्व हो जाएगा। फ्यूचर ग्रुप की ये सभी कंपनियां रिलायंस इंडस्ट्रीज का हिस्सा हो जाएंगी।
नुकसान का सामना कर रहा है फ्यूचर ग्रुप
बिग बाजार भारत में सबसे पॉपुलर रिटेल चेन बन कर उभर था। एक समय था जब फ्यूचर ग्रुप का टर्नओवर 9,000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया था और 2017 में देश के 100 अमीरों की लिस्ट में किशोर बियाणी भी शामिल थे। बाद में कंपनी की हालत कमजोर होने लगी। 2019 की अंतिम तिमाही में फ्यूचर रिटेल के मुनाफे में 15 फीसदी की गिरावट आई, वहीं उसके रेवेन्यू में भी 3 फीसदी की कमी हुई। कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से रिटेल कारोबार को काफी नुकसान हुआ।
बढ़ता गया कर्ज
फ्यूचर ग्रुप का कर्ज लगातार बढ़ता चला गया और इस वजह से रेटिंग एजेंसी ICRA मार्च में कंपनी को नेगेटिव रेटिंग दी थी। फिलहाल, फ्यूचर ग्रुप कैश की कमी की समस्या से जूझ रहा है। कंपनी कर्ज चुका पाने में नाकाम साबित हो चुकी है।
होल्डिंग कंपनी हो चुकी है डिफॉल्ट
लगातार कर्ज बढ़ते जाने और कैश की कमी होने की वजह से बियाणी की होल्डिंग कंपनी लोन का पेमेंट करने में डिफॉल्ट हो चुकी है। बियाणी ने इस समस्या के समाधान के लिए कुछ दूसरे निवेशकों से भी बातचीत शुरू की थी, लेकिन मुकेश अंबानी की आरआईएल से डील फाइनल होते ही उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा।
दशकों पुराना है बियाणी का रिटेल कारोबार
किशोर बियाणी का रिटेल कारोबार दशकों पुराना है। फ्यूचर ग्रुप ने 1980 के दशक में ही रिटेल बिजनेस का ढांचा खड़ा करना शुरू किया था। 1991 में किशोर बियाणी ने अपनी कंपनी का नाम पेंटालून फैशन लिमिटेड कर दिया। 2001 में कंपनी ने पूरे देश में बिग बाजार स्टोर खोले, जो रिटेल सेक्टर में एक खास ही ब्रांड बन कर उभरा और बियाणी को भारत के रिटेल सेक्टर का पोस्टर बॉय कहा जाने लगा।