फसल बीमा योजना का इस तरह से उठा सकते हैं फायदा, अब दो दिन का रह गया मौका
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कितने प्रीमियम में कितना मिलता है लाभ
आम तौर पर किसानों को इसके बारे में पता नहीं होता कि कितने पैसे में उन्हें बीमा का लाभ मिलेगा। इसलिए भी वे इस योजना का लाभ नहीं उठा पाते। इस योजना के तहत ज्यादातर फसलों पर आने वाले कुल प्रीमियम का 1.5 से 2 फीसदी ही किसानों को देना पड़ता है। बाकी पैसा केंद्र और राज्य सरकारें देती हैं। कुछ वाणिज्यिक फसलों के लिए 5 फीसदी प्रीमियम तय है।
प्रीमियम की रकम राज्यों में होती है अलग-अलग
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम की रकम राज्यवार अलग-अलग होती है। प्रीमियम की जो रकम हरियाणा में होगी, जरूरी नहीं कि वही उत्तर प्रदेश या बिहार में हो। इसके अलावा, हर फसल की इन्श्योरेंस राशि अलग-अलग होती है।
कैसे तय होती है प्रीमियम की राशि
इस फसल बीमा योजना में प्रीमियम की रकम जिला तकनीकी समिति की रिपोर्ट के आधार पर तय होती है। इस समिति में जिला कलेक्टर, जिला कृषि अधिकारी, मौसम विभाग के अधिकारी, किसानों के प्रतिनिधि और इन्श्योरेंस कंपनी के लोग शामिल होते हैं। हर फसल के सीजन से पहले यह रिपोर्ट भेजी जाती है। इसी रिपोर्ट के आधार पर इन्श्योरेंस कंपनियां प्रीमियम तय करती हैं।
इस उदाहरण से समझें
अगर आप उत्तर प्रदेश में 1 हेक्टेयर खेत में धान की फसल का बीमा कराते हैं तो आपको 1319.32 रुपए का प्रीमियम देना होगा। बाकी 7836.76 रुपए का प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकारें देंगी। इसमें कुल 65,966 रुपए का इन्श्योरेंस होगा। लेकिन हरियाणा का कोई किसान इतने ही खेत में फसल का बीमा कराता है, तो उसे 1680.30 रुपए देना होगा और उसका बीमा 84,015 रुपए का होगा।
कैसे निकालें प्रीमियम
प्रीमियम निकालने के लिए सबसे पहले आपको इस योजना की ऑफिशियल वेबसाइट https://pmfby.gov.in/ पर जाना होगा। वहां आपको इन्श्योरेंस प्रीमियम कैलकुलेटर का कॉलम दिखेगा। इसे खोलने पर 6 कॉलम दिखेंगे। इसमें सीजन, वर्ष, स्कीम, राज्य, जिला और फसल का कॉलम होगा। इन कॉलम को भरने के बाद कैलकुलेटर का बटन दबाने पर प्रीमियम की राशि सामने आ जाएगी।
पीएम फसल बीमा योजना में हुए हैं बदलाव
पीएम फसल बीमा योजना में कुछ बदलाव भी हुए हैं, जिन्हें जानना जरूरी है। इस योजना के तहत किसानों को फसल बोने के 10 दिन के भीतर बीमा कराना होता है। बाढ़, बारिश, ओला गिरने या किसी दूसरी प्राकृतिक आपदा से फसल खराब हो जाती है तो किसानों को बीमा का लाभ मिलता है। फसल कटने के 14 दिन बाद तक बारिश या किसी दूसरी प्राकृतिक आपदा से फसल को नुकसान पहुंचता है, तो भी बीमा का पैसा मिल जाता है।
क्या करना होगा बीमा का पैसा लेने के लिए
बीमा का पैसा लेने के लिए फसल खराब होने की स्थिति में किसान को बीमा कंपनी को सूचना देनी होती है। इसके बाद बीमा कंपनी अपने प्रतिनिधियों के जरिए सर्वे कराती है। अगर किसान बीमा कंपनी से संपर्क नहीं कर पाए तो वह नजदीकी बैंक या कृषि विभाग के अधिकारी को इसकी सूचना दे सकता है।
कैसे करा सकते हैं बीमा
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल का बीमा कराने के लिए किसी भी नजदीकी बैंक में फॉर्म भर कर जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन दिया जा सकता है। यह आवेदन ऑनलाइन भी दिया जा सकता है। इसके लिए इस योजना की वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना पड़ता है और उसके साथ जरूरी दस्तावेज अपलोड करने पड़ते हैं। इसके बाद बीमा की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।