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बैंक लॉकर को लेकर बदलने वाला है नियम, अगर आपने एक साल से नहीं खोला है लॉकर तो बढ़ जाएंगी मुश्किलें
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तोड़ सकते हैं लॉकर
रिजर्व बैंक इंडिया (RBI) का सेफ डिपॉजिट लॉकर के संबंध में गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के अनुसार बैंकों को केवल एक लॉकर अकाउंट खोलने को कहा गया है इसके साथ ही अगर आप लंबे समय तक अपना लॉकर नहीं खोलते हैं तो बैंक आपके लॉकर को तोड़ सकता है भले ही आप इसके लिए बैंक को चार्ज दे रहे हों।
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कितने साल तक नहीं खुलने पर होगा एक्शन
आरबीआई (RBI) की गाइडलाइन के अनुसार बैंक लॉकर को तोड़ने और लॉकर के सामान को कस्टमर के नॉमिनी को ट्रांसफर करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होगा। अगर कोई लॉकर 7 साल तक नहीं खुलता है भले ही उसका पमेंट हो रहा है तो बैंक लॉकर तोड़ने की कार्रवाई कर सकता है।
बैंक भेजेगा अलर्ट
गाइडलाइन के अनुसार, बैंक लॉकर लेने वाले कस्टमर को एक लेटर के जरिए नोटिस भेजेगा। इसके साथ ही बैंक कस्टमर की मेल आईडी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भी मैसेज भेजकर कस्टमर को अलर्ट करेगा। अगर पत्र बिना डिलीवरी के रिटर्न हो जाता है या लॉकर हायरर पर लेने वाले का पता नहीं चलता है, तो बैंक लॉकर हायरर या किसी अन्य व्यक्ति को जो लॉकर की सामग्री में रुचि रखता है, को जवाब देने के लिए उचित समय देते हुए दो समाचार पत्रों (एक अंग्रेजी में और दूसरा स्थानीय भाषा में) में सार्वजनिक नोटिस जारी करेगा।
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कब से लागू होगा नियम
आरबीआई का यह नियम 1 जनवरी 2022 से लागू होगा। नई गाइडलाइन के अनुसार, केवाईसी (KYC) के बाद गैर बैंकिंग ग्राहकों को भी बैंक लॉकर की सुविधा मिल सकेगी। यह बैंकों पर निर्भर करेगा कि बैंक लॉकर देते हैं या फिर नहीं।
कैसे खुलता है लॉकर
बैंक लॉकर खुलवाने के आपको बैंक में एक एप्लीकेशन देना होता है। इसमें आपको एक रेंट के रुप में बैंक को इसके चार्ज देने होते हैं और लॉकर लेते वक्त बैंक और आपके बीच एक कॉन्ट्रेक्ट होता है, जो रेंट एग्रीमेंट की तरह ही है। इसके लिए बैंक खाते में एक मिनिमम अमाउंट भी होना आवश्यक है और अकाउंट से सालाना किराया लिया जाता है।