- Home
- Business
- Money News
- देश के इन इलाकों में 130 रुपये किलो बिक रहा नमक, आटा, शक्कर के लिए चुकाने पड़ रहे पांच गुना दाम, देखें वजह
देश के इन इलाकों में 130 रुपये किलो बिक रहा नमक, आटा, शक्कर के लिए चुकाने पड़ रहे पांच गुना दाम, देखें वजह
- FB
- TW
- Linkdin
बिजनेस डेस्क । कोरोना संकट के बाद अब तेजी से महंगाई बढ़ रही है। अपना घाटा पाटने के लिए छोटे-बड़े व्यापारियों ने अनाप-शनाप दाम बढ़ाएं हैं। खाद्य तेलों से लेकर रसोई रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं। एलपीजी-पेट्रोल के रेट ने घर का बजट बिगाड़ा हुआ है। इस दौरान देश के कुछ इलाकों में किचिन के डेली यूज के सामानों की कीमतें आसामन छू रही हैं।
भारत में चीन से लगती बॉर्डर के कुछ गांवों में महंगाई चरम पर पहुंच गई हैं। उत्तराखंड के मुनस्यारी इलाके में भारत-चीन सीमा पर बसे गांवों बुर्फू, लास्पा और रालम में खाने-पीने का आयटम 4 से 6 गुना महंगे दामों में बिक रहा है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो इन गांवों में महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है।
130 रुपये किलो बिक रहा नमक
जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड के मुनस्यारी नमक का भाव 20 रुपये किलो है, वहीं इससे आगे बढ़ने पर सीमावर्ती गांवों में नमक 130 रुपये किलो बेचा जा रहा है, नमक ही नहीं इन गांवों में दाल 200 रुपये किलो, सरसों तेल का भाव 275 रुपये, प्याज 125 रुपये प्रति किलो बिक रही है । शक्कर और आटा भी डेढ़ सौ रुपए प्रतिकिलो बिक रहा है।
महंगाई ने तोड़ी कमर
दऱअसल चीन से लगती सीमा में बारिश के बाद स्थितियां बेहद खराब हो जाती हैं, जगह जगल लैंड स्लाइड के वजह से रास्ते बंद हो जाते हैं। इस समय इन सभी मुश्किलों के चलते घोड़े और खच्चर वालों से खरीदना पड़ रहा है। मजदूरों ने ढुलाई किराए में भारी बढ़ोतरी होती है। साल 2019 में जहां किराया प्रति किलो 40 से 50 रुपये था, उसे बढ़ा कर 80 से 120 रुपये तक किया गया है। कोरोना के बाद से नेपाली मूल के मजदूर भी नहीं आ रहे हैं। इस कारण से रिकॉर्ड तोड़ महंगाई बढ़ी है।
इस महंगाई बढ़ने की एक और वजह है, दरअसल भारत चीन के इस इलाके के गांवों में माइग्रेसन होता है। भीषण ठंड की वजह से सैनिक भी ऊंचाई छोड़ कर निचले स्थानों में आ जाते हैं। अभी वही प्रक्रिया चल रही है। इस वजह से भी महंगाई चरम पर है।
जानबूझकर फैलाया जाता है भ्रम
एक इलाके में किसी वस्तु की कमी दिखाकर भारी रेट बढ़ाए जाते हैं। ये एक स्ट्रेटजी के तहत किया जाता है। मुनाफाखोर इसमें जमकर लोगों के बीच भ्रम फैलाकर कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करते हैं। अक्सर ये दाम हर दिन उपोयग आने वाली वस्तु के लिए किए जाते हैं।