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इस इंसान ने 1976 में एक गैराज से शुरू किया था बिजनेस, 4 साल में ही HCL को बनाया इंटरनेशल कंपनी
बिजनेस डेस्क : एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies) के फाउंडर शिव नाडर (Shiv Nadar) 14 जुलाई को अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह एक भारतीय अरबपति उद्योगपति हैं। जिन्होंने 1976 में एचसीएल की स्थापना की और अगले तीन दशकों में अपनी कंपनी को लगातार बदलते हुए आईटी हार्डवेयर कंपनी से एक मेन आईटी बिजनेस में बदल दिया। एक गैराज से शुरू की गई कंपनी आज भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। आइए आज शिव नाडर के जन्मदिन पर हम आपको बताते हैं, कि कैसे उन्होंने अपनी कंपनी को ऊंचाइयों तक पहुंचाया...
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शिव नादर का जन्म 14 जुलाई 1945 में तमिलनाडु के मूलियोझी गांव में हुआ था, उनके पिता का नाम शिवसुब्रमण्य नाडर और उनकी मां की वामासुंदरी देवी थी। उनकी स्कूली शिक्षा टाउन हायर सेकेंडरी स्कूल, कुंभकोणम से हुई। इसके अलावा, वह एलंगो कॉर्पोरेशन हायर सेकेंडरी स्कूल, मदुरै गए। बाद में उन्होंने सेंट जोसेफ बॉयज हायर सेकेंडरी स्कूल, त्रिची में दाखिला लिया और हाई स्कूल किया।
इसके बाद शिव ने मदुरै के अमेरिकन कॉलेज में प्री-यूनिवर्सिटी की डिग्री हासिल की। पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक डिग्री ली।
1967 में उन्होंने वालचंद ग्रुप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे में अपना करियर शुरू किया। हालांकि, उन्होंने जल्द ही अपना काम छोड़ दिया और 1976 में अपने दोस्त अजय चौधरी (पूर्व अध्यक्ष, एचसीएल), अर्जुन मल्होत्रा (सीईओ और अध्यक्ष, हेडस्ट्रांग), सुभाष अरोड़ा, योगेश वैद्य, एस रमन, महेंद्र प्रताप और डीएस पुरी के साथ एक गैराज से 1.87 लाख रुपये में HCL की स्थापना की।
इसके 4 साल बाद 1980 के दौरान सिंगापुर में पहली ब्रांच खोलकर HCL को एक इंटरनेशनल कंपनी बनाया और पहले साल 10 लाख रुपये कमाए। 1982 में जब आईबीएम ने एचसीएल को कंप्यूटर मुहैया कराना बंद कर दिया, तब नाडर और उनके साथियों ने पहला कंप्यूटर भी बना लिया। बता दें कि एचसीएल की 80 फीसदी आमदनी कंप्यूटर और ऑफिस इक्विपमेंट्स से ही होती है।
शिव नाडर एक बहुत ही शांत स्वभाव के व्यक्ति है। वह हमेशा अपने कर्मचारियों को काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इतना ही नहीं अच्छी परफॉर्मेंस देने वालों को कारों और हॉलीडे के साथ पुरस्कृत भी किया जाता है।
शिव ने हमेशा ही शिक्षा को अपनी जिंदगी में बड़ा महत्व दिया है। एक बार उन्होंने कहा था, "शिक्षा व्यक्तियों और सामाजिक परिवर्तन के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण है और होगी, और हमें इसे सुगम बनाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।" 1996 में उन्होंने दिवंगत पिता शिवसुब्रमनैया नादर की स्मृति में चेन्नई में SSN कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग नामक कॉलेज की स्थापना की।
2008 में शिव को आईटी क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 2011 में फोर्ब्स ने उन्हें परोपकार करने वाले 48 वें इंसान के रूप में शामिल किया। वे सामाजिक कल्याण के लिए भी अब तक 1 अरब डॉलर से ज्यादा का डोनेशन भी कर चुके हैं। 2017 में, इंडिया टुडे पत्रिका ने उन्हें भारत के 16वें सबसे प्रभावशाली लोगों का स्थान दिया।
साल 2020 में HCL टेक्नोलॉजी के चेयरमैन शिव नाडर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। अब उनकी बेटी रोशनी नाडार मल्होत्रा (Roshni Nadar) HCL की कमान संभाल रही है। वह साल 2020 में हुरुन इंडिया (Hurun India) और कोटक वेल्थ (Kotak Wealth) की रिपोर्ट में भारत की सबसे अमीर 100 महिलाओं में पहले स्थान पर हैं। उनकी कुल संपत्ति 54,850 करोड़ रुपये है।
शिव नाडर अपनी बेटी को बहुत ज्यादा चाहते हैं। दोनों खाली समय में एक-दूसरे के साथ टाइम बिताना पसंद करते हैं। बिजनेस आइडियाज शेयर करने के साथ ही पापा-बेटी का बॉन्ड बहुत स्ट्रांग हैं।