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अब 31 जनवरी तक निपटा सकेंगे पुराने टैक्स से जुड़े विवाद, जानें इनकम टैक्स विभाग की इस योजना के बारे में
बिजनेस डेस्क। कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की वजह से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने पुराने टैक्स से जुड़े विवादों के निपटारे की तारीख बढ़ा कर 31 जनवरी, 2021 कर दी है। बता दें कि पहले यह तारीख 31 दिसंबर, 2020 थी। अब टैक्सपेयर्स 'विवाद से विश्वास' स्कीम के तहत टैक्स संबंधी अपना डिक्लेरेशन 31 जनवरी, 2021 तक कर सकेंगे। वहीं, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख भी 31 दिसंबर, 2020 से बढ़ा कर 10 जनवरी, 2021 कर दी गई है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस स्कीम के तहत सिर्फ पुराने टैक्स से संबंधित विवादों के निपटारे की अंतिम तारीख बढ़ाई गई है।
(फाइल फोटो)
| Published : Dec 31 2020, 08:51 AM IST / Updated: Dec 31 2020, 08:54 AM IST
अब 31 जनवरी तक निपटा सकेंगे पुराने टैक्स से जुड़े विवाद, जानें इनकम टैक्स विभाग की इस योजना के बारे में
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'विवाद से विश्वास' स्कीम का मकसद वैसे टैक्स विवादों का निपटारा करना है, जो लंबित पड़े हैं। इस स्कीम के तहत टैक्सपेयर्स को सिर्फ विवादित टैक्स राशि का भुगतान करना होगा। उन्हें ब्याज और जुर्माने पर पूरी छूट मिलेगी। (फाइल फोटो)
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स्कीम के मुताबिक, 31 जनवरी 2020 तक टैक्स के जो मामले कमिश्नर (अपील), इनकम टैक्स अपीलीय ट्रिब्यूनल, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे, उनका निपटारा किया जाएगा। लंबित अपील टैक्स विवाद, पेनल्टी या ब्याज से जुड़ी हो सकती है। यह एसेसमेंट या रीएसेसमेंट से भी जुड़ी हो सकती है। (फाइल फोटो)
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बता दें कि जिन टैक्सपेयर्स के एसेसमेंट ईयर के संबंध में डिक्लेरेशन फाइल करने से पहले साबित हो चुका है कि देनदारी वाजिब है, उन्हें इस स्कीम का फायदा नहीं मिल सकेगा। वहीं, देश के बाहर से किसी स्रोत से इनकम हुई है और उसे छुपाया गया है, तो इस स्थिति में भी इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। (फाइल फोटो)
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एसेसमेंट ईयर के संबंध में जिसमें सेक्शन 153ए या सेक्शन 153सी के तहत एसेसमेंट किया गया है और इसके अलावा सेक्शन 90 या सेक्शन 90 से जुड़े मामलों में भी स्कीम का फायदा नहीं लिया जा सकेगा। बता दें कि जिनके खिलाफ विभिन्न प्रावधानों के तहत डिक्लेरेशन फाइल करने से पहले हिरासत का आदेश जारी किया जा चुका है, उन्हें भी इस स्कीम का फायदा नहीं मिलेगा। (फाइल फोटो)
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स्कीम के मुताबिक, प्राधिकृत अधिकारी 15 दिनों के भीतर उस देय राशि को तय करेगा, जो टैक्सपेयर अपने डिक्लेरेशन में बताएगा। इसके बाद टैक्सपेयर को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसमें निर्धारण के बाद टैक्स एरियर या देय रकम बताई जाएगी। निर्धारित रकम का भुगतान टैक्सपेयर को करना होगा। यह भुगतान सर्टिफिकेट मिलने के 15 दिन के अंदर करना होगा। (फाइल फोटो)
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टैक्सपेयर को रकम का भुगतान करने के बाद इसकी जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को देनी होगी। इसके बाद प्राधिकृत अधिकारी आदेश पारित करेगा, जिसमें बताया जाएगा कि टैक्सपेयर ने रकम जमा कर दी है। यह स्कीम 31 जनवरी, 2020 तक लंबित सभी मामलों का निपटारा किया जाएगा। (फाइल फोटो)