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क्या है NSDL जिसके फैसले से गौतम अडाणी को लगा झटका, निवेशकों को हुआ 50 हजार करोड़ का नुकसान
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क्या है NSDL
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL)भारत सरकार द्वारा साल 1996 में गठित एक कंपनी है। यह पूंजी बाजार का डिपॉजिटरी है। यह निवेशकों के शेयरों और अन्य प्रतिभूतियों को डिमैटरियलाइज्ड यानी डिजिटल रूप में सुरक्षित रखती है।
इसका काम क्या है
यह कैपिटल मार्केट में निवेशकों और ब्रोकर्स का सहयोग करने और उनके शेयरों की सुरक्षा करने का काम करती है। NSDL भारत में एक Securities Depository होती है। यह भारत में पहली और सबसे बड़ी केंद्रीय प्रतिभूतियां है। डिपॉजिटरी एक्ट के प्रावधानों के तहत, एनएसडीएल निवेशकों और पूंजी बाजार में अन्य प्रतिभागियों जैसे क्लियरिंग सदस्यों, स्टॉक एक्सचेंजों, बैंकों और प्रतिभूतियों के जारीकर्ताओं को सेवाएं प्रदान करता है।
क्या सुविधाएं मिलती हैं
इनमें खाता रखरखाव, डीमैटरियलाइजेशन, रीमैटेरियलाइजेशन, मार्केट ट्रांसफर के माध्यम से ट्रेडों का निपटान, ऑफ मार्केट ट्रांसफर और इंटर-डिपॉजिटरी ट्रांसफर, गैर-नकद कॉर्पोरेट कामों का वितरण और नामांकन जैसी बुनियादी सुविधाएं शामिल हैं।
क्या है गौतम अडाणी का मामला
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) ने Albula इनवेस्टमेंट फंड, Cresta फंड और APMS इनवेस्टमेंट फंड के अकाउंट फ्रीज किए हैं। डिपॉजिटरी की वेबसाइट के अनुसार ये अकाउंट 31 मई को या उससे पहले ही फ्रीज किए गए हैं। ये तीनों फंड मॉरीशस के हैं और सेबी में इन्हें विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) के रूप में रजिस्टर्ड किया गया है।
क्या होता है लोअर सर्किट
लोअर सर्किट के तीन चरण होते हैं। यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है। यदि 10 फीसदी की गिरावट दिन में 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है।