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NPS और PPF में कहां निवेश करना होगा बेहतर, रिटायरमेंट की प्लानिंग करने वालों के लिए जानना है जरूरी
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एनपीएस और पीपीएफ में क्या है फर्क
एनपीएस (NPS) खास तौर पर पेंशन के लिए ही बनाई गई जमा योजना है। पहले एनपीएस यानी नेशनल पेंशन सिस्टम में लिर्फ सरकारी कर्मचारी ही निवेश कर सकते थे, लेकिन बाद में इसे सबों के लिए खोल दिया गया। एनपीएस में 60 साल की उम्र के बाद ही रिटर्न मिलता है। वहीं, पीपीएफ का मेच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है।
(फाइल फोटो)
कौन कर सकता है निवेश
एनपीएस में निवेश करने की न्यूनतम उम्र 18 साल है। इस योजना में 65 साल की उम्र तक निवेश किया जा सकता है। वहीं, पीपीएफ में निवेश करने के लिए उम्र सीमा की पाबंदी नहीं है। पीपीएफ में 15 साल की मेच्योरिटी पूरी होने के बाद 5-5 साल के लिए इसे और बढ़ाया जा सकता है।
(फाइल फोटो)
एनपीएस में लेना होता है एन्युटी प्लान
एनपीएस में 60 साल की उम्र के बाद जमा राशि का सिर्फ 60 फीसदी ही निकाला जा सकता है। बाकी 40 फीसदी में एन्युटी प्लान लेना होता है। इससे ही पेंशन दी जाती है। वहीं, पीपीएफ में मेच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद पैसे निकाले जा सकते हैं। इसमें 7 साल के बाद नियमों के तहत कुछ निकासी की जा सकती है।
(फाइल फोटो)
कितनी मिलती है टैक्स में छूट
पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपए तक की राशि पर टैक्स में छूट मिलती है। वहीं, एनपीएस में इनकम टैक्स के अधिनियम 80C के तहत 1.5 लाख, 80CCD(1B) के तहत 50 हजार और 80CCD(2) के तहत सैलरी के अधिकतम 10 फीसदी तक पर टैक्स में छूट मिलती है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मामले में यह छूट वेतन के 14 फीसदी तक पर मिलती है।
(फाइल फोटो)
कितना मिलता है रिटर्न
एनपीएस में निवेश करने पर करीब 10 फीसदी तक रिटर्न मिलता है। यह एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है। इसमें निवेश करने वाला यह तय कर सकता है कि उसका पैसा कहां लगाया जाएगा। आम तौर पर यह इक्विटी, सरकारी बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड में लगाया जाता है। इसलिए इसमें रिटर्न घटता-बढ़ता रहता है। वहीं, पीपीएफ पर 7.1 फीसदी की दजर से ब्याज मिलता है। इसकी हर तीसरे महीने समीक्षा होती है।
(फाइल फोटो)
कहां पैसा लगाना बेहतर
फिक्स्ड रिटर्न के लिहाज से पीपीएफ में निवेश करना बेहत होता है। इसमें एक तय अवधि में बेहतर रिटर्न तो मिलता ही है, टैक्स में भी छूट मिलती है। वहीं, जो लोग कुछ रिस्क ले सकते हैं, वे एनपीएस में पैसा लगा सकते हैं। एनपीएस में ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना होती है, क्योंकि यह मार्केट लिंक्ड स्कीम है।
(फाइल फोटो)