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लाखों में होगी कमाई, मामूली लागत में शुरू कर सकते हैं ये कारोबार; मिलेगी सरकार से मदद
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फ्लाई ऐश ईंट बनाने का कारोबार
तेजी से बढ़ते जा रहे शहरीकरण के चलते आजकल ईंटों की डिमांड काफी बढ़ गई है। आमतौर पर घर बनाने के लिए सामान्य ईंटों का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब बिल्डर्स बड़ी बिल्डिंग्स, शॉपिंग मॉल्स और बहुमंजिला इमारतों को बनाने के लिए फ्लाई ऐश से बनाई गई ईंटों का इस्तेमाल करने लगे हैं।
किन चीजों से बनती हैं ये ईंटें
ये ईंटें बिजली सयंत्रों से निकलने वाली राख, सीमेंट और स्टोन डस्ट के मिक्स्चर से बनाई जाती हैं। ये सामान्य ईंटों की तुलना में कई गुना ज्यादा मजबूत होती हैं। अब घर बनाने में भी लोग इन्हीं ईंटों का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करते हैं।
कैसे शुरू कर सकते इसका कारोबार
फ्लाई ऐश से ईंटें बनाने का काम शुरू करने में बहुत ज्यादा पूंजी और जगह की जरूरत नहीं पड़ती। इस काम को शुरू करने के लिए कम से कम 100 गज जमीन की जरूरत पड़ेगी। मैन्युअल मशीन के जरिए ईंटें बनाने का काम करने के लिए 5 से 6 लोगों की जरूरत पड़ती है।
कितनी लगेगी पूंजी
इस कारोबार को शुरू करने के लिए कम से कम 2 लाख रुपए की पूंजी की जरूरत पड़ती है। इस निवेश में कच्चे माल की कीमत शामिल नहीं है। अगर सही ढंग से ईंटों का उत्पादन और उनकी मार्केटिंग की गई तो हर महीने इस बिजनेस में 1 लाख रुपए की कमाई हो सकती है।
हर महीने बना सकते हैं 3 हजार ईंटें
मैन्युअल मशीन से हर महीने करीब 3 हजार ईंटें बनाई जा सकती हैं। इस कारोबार के लिए निवेश का ज्यादातर हिस्सा मशीनरी पर लगान पड़ता है। कच्चा माल आप अपनी जरूरत के मुताबिक मंगवा सकते हैं।
ऑटोमैटिक मशीनों से ज्यादा कमाई
अगर इन ईंटों को बनाने के लिए ऑटोमैटिक मशीन लगाई गई तो ज्यादा कमाई हो सकती है। इसमें कच्चे माल को मिक्स करने के साथ ईंट बनाने का काम मशीन के जरिए ही होता है। ऑटोमैटिक मशीन से 1 घंटे में 1 हजार ईंटें बनाई जा सकती हैं। महीने भर में इससे 3 से 4 लाख तक ईंटें बनाई जा सकती हैं। ऑटोमैटिक मशीन की कमीत 10 से 12 लाख रुपए के बीच पड़ती है।
इन इलाकों में कारोबार के बेहतर मौके
फ्लाई ऐश ईंटों की डिमांड उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों में ज्यादा है। दिल्ली में भी इनकी काफी मांग है। इसलिए यहां सीमेंट और स्टोन डस्ट से बनने वाली ईंटों का कारोबार ज्यादा सक्सेसफुल हो सकता है। स्टोन डस्ट पहाड़ी इलाकों में ज्यादा मिलता है।
बढ़ती ही जा रही है मांग
फ्लाई ऐश ईंटों की मांग लगातार बढ़ती ही जा रही है। इसलिए जो लोग पहले परंपरागत ईंट भट्ठे चला रहे थे, वे भी फ्लाई ऐश ईंटों के निर्माण में लग गए हैं। इन लोगों को ईंटों के व्यवसाय का अच्छा अनुभव है, इसलिए ये इसमें ज्यादा सफलता हासिल कर सकते हैं। फिर भी अभी इस क्षेत्र में कॉम्पिटीशन बढ़ा नहीं है। कुछ बड़ी फर्में ज्यादा पूंजी का निवेश कर इस व्यवसाय में आई हैं, इसके बावजूद कम पूंजी लगा कर काम करने वालों के लिए मौके कम नहीं हैं।