- Home
- Career
- Education
- आखिर कितने पढ़े-लिखे हैं देश के ये 10 सबसे अमीर लोग? जानें टाटा, बिड़ला और अंबानी की डिग्री और डॉक्युमेंट
आखिर कितने पढ़े-लिखे हैं देश के ये 10 सबसे अमीर लोग? जानें टाटा, बिड़ला और अंबानी की डिग्री और डॉक्युमेंट
- FB
- TW
- Linkdin
देश के टॉप अरबपतियों को सभी जानते हैं लेकिन लोग उनके पैसे और बैकग्राउंड को ही देखते हैं। आज हम आपको भारत के 10 अरबपतियों की डिग्री और एजुकेशन बैकग्राउंड बताएंगे।
मुकेश अंबानी एजुकेशन
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी दुनिया भर के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हैं। भारत में भी वे नंबर वन पर हैं। एजुकेशन की बात करें तो उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई शहर के हिल ग्रेंज हाई स्कूल से हासिल की हुई है, जबकि अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई केमिकल इंजीनियरिंग विषय में मुंबई के रसायन प्रौद्योगिकी संस्थान से की। अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद आगे की शिक्षा हासिल करने के लिए इन्होंने अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। हालांकि इन्होंने बीच में ही अपनी ये पढ़ाई छोड़ दी थी और वापस भारत में आकर अपने पिता का बिजनेस ज्वाइन कर लिया था।
रतन टाटा एजुकेशन
रतन नवल टाटा, एक भारतीय व्यापारी, निवेशक, दानव और टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष हैं। वह टाटा समूह के अध्यक्ष थे, वह भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) के प्राप्तकर्ता हैं। वह प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड के पूर्व छात्र हैं। रतन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से हुई और माध्यमिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से। इसके बाद उन्होंने अपना बी एस वास्तुकला में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कॉर्नेल विश्वविद्यालय से 1962 में पूरा किया। तत्पश्चात उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से सन 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।
राधाकृष्ण दमानी एजुकेशन
राधाकृष्ण दमानी दूसरे अमीर भारतीय हैं और दुनिया में 34वें अमीर आदमी हैं। मुंबई के बड़े निवेशक हैं। 'इंडिया के रिटेल किंग' नाम से मशहूर दमानी की कुल संपत्ति 16.6 अरब डॉलर है। दमानी ने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कॉमर्स में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने कि कोशिश की, लेकिन वह परीक्षा को आगे जारी नहीं रख पाए। शुरू से ही उन्हें एकाउंटिंग की पढाई में रूचि थी। उन्हें हिंदी और इंग्लिश भाषा का ज्ञान है। आज उन्होंने यह दिखा दिया कि डिग्री से ज्यादा जरुरी नये विचार है जिसके बल पर अपनी पहचान बनाई जा सकती है।
शिव नादर एजुकेशन
भारत के तीसरे भारतीय अमीर शिव नादर हैं। शिव नादर एचसीएल के संस्थापक हैं, जिनकी कुल संपत्ति 12.4 अरब डॉलर है। हालांकि वह दुनिया भर में 114वें स्थान पर हैं। तमिलनाडु के थूठुकुडी जिले के छोटे से गांव मुलाइपुझी में जन्मे शिव ने कुम्बकोनम के टाउन हायर सेकेंडरी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। द अमरीकन कॉलेज मदुरै से उन्होंने प्री-यूनिवर्सिटी डिग्री प्राप्त की। इसके बाद पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयम्बटूर से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की।
लक्ष्मी मित्तल एजुकेशन
ये भारत में 8वें धनी व्यक्ति है। स्टील टाइकून लक्ष्मी मित्तल 8.9 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया में 170 वें स्थान पर हैं। लक्ष्मी निवास मित्तल ने सन 1957 से 1964 तक श्री दौलतराम नोपानी विद्यालय से शिक्षा ग्रहण की। उन्होंने कोलकाता के सेंट जेविएर्स कॉलेज (कोलकाता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध) से वाणिज्य में बिजनेस ऐंड अकाउंटिंग में गैजुएशन की। सन 2003 में लक्ष्मी निवास मित्तल और उषा मित्तल फाउंडेशन ने राजस्थान सरकार के साथ मिलकर जयपुर में ‘एल.एन.एम. इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी’ की स्थापना की। यह एक स्वायत्त और लाभ-निरपेक्ष संस्थान है।
लक्ष्मी निवास मित्तल फाउंडेशन ने एस.एन.डी.टी. विमेंस यूनिवर्सिटी के ‘इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी फॉर वीमेन’ को चंदे में एक बड़ी धन-राशि दी जिसके बाद संस्थान का नाम बदलकर ‘उषा मित्तल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी’ कर दिया गया।
डॉ. साइरस पूनावाला एजुकेशन
ये भारत के 7वें अमीर व्यक्ति हैं। जो सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के संस्थापक हैं। 9.2 बिलियन डॉलर नेटवर्थ के साथ दुनिया में 161 वें स्थान पर हैं। साइरस पूनावाला का जन्म एक ऐसे परिवार में हुआ था, जिसका प्राचीन व्यवसाय घुड़दौड़ था और वे पूनावाला स्टड फार्म के मालिक थे। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बिशप स्कूल, पुणे से की और 1966 में बृहन महाराष्ट्र कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स (BMCC) से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्हें 1988 में पुणे विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी से सम्मानित किया गया।
गौतम अडानी एजुकेशन
गौतम अडानी भारत के 7वें सबसे अमीर आदमी हैं। अडानी दुनिया भर के अरबपतियों की लिस्ट में 9.2 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ 162वें स्थान पर हैं। गौतम अडानी की शुरुआती पढ़ाई अहमदाबाद के सीएन विद्यालय से हुई। ग्रेजुएशन के लिए उन्होंने गुजरात यूनिवर्सिटी के कॉमर्स में दाखिला तो लिया, लेकिन वह पढ़ाई पूरी नहीं कर सके। उन्हें पहली नौकरी महिंद्र ब्रदर्स के मुंबई ब्रांच में मिली। यहां उनका काम हीरे छांटना था। अडानी ने मुंबई के सबसे बड़े ज्वैलरी मार्केट जावेरी बाजार में डायमंड ब्रोकरेज का काम भी किया।
अजीम प्रेमजी एजुकेशन
विप्रो लिमिटेड के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी एक भारतीय बिजनेस टाइकून, निवेशक, इंजीनियर और साहित्यकार हैं। उन्हें भारतीय आईटी उद्योग के Czar के रूप में भी जाना जाता है। प्रेमजी को पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने का मलाल रहा था क्योंकि छात्र के रूप में ही वो बिजनेस में उतर गए थे। उन्होंने 1995 में दोबारा पढ़ाई शुरू की और कॉरेस्पोंडेंस क्लासेज के जरिए स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। प्रेमजी ने शिक्षा के क्षेत्र में जमकर योगदान दिया है। अजीम प्रेमजी फाउंडेशन ने 2010 में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की स्थापना की थी। यह नॉट-फॉर-प्रॉफिट वेंचर है। इस साल मार्च में प्रेमजी ने विप्रो के अपने 34 फीसदी शेयर अपने फाउंडेशन को दान कर दिए। अब तक वे इस फाउंडेशन को अपनी 67 फीसदी संपत्ति यानी 1.45 लाख करोड़ रुपये दान कर चुके हैं।
सुनील मित्तल एजुकेशन
ये छठे अमीर भारतीय हैं। दूरसंचार उद्योगपति सुनील मित्तल को 9.5 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। वे दुनिया भर में 154 वें स्थान पर हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई पंजाब यूनिवर्सिटी से पूरी की है। वहां से सुनील ने बीए की डिग्री हासिल की है। इसके अलावा उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से भी पढ़ाई की है। -बचपन से ही बिजनेस टायकून बनने की इच्छा रखने वाले मित्तल ने अपने पिता से 20 हजार रुपये उधार लेकर साइकिल पार्ट्स बनाने ती यूनिट तैयार की थी। उसके बाद उन्होंने तीन साल में ही दो और यूनिट तैयार कर ली, जिसमें धागा बनाने और स्टील शीट की यूनिट शामिल है।
कुमार बिड़ला एजुकेशन
भारत के 9वें अमीर आदमी हैं। भारत के सबसे बड़े ग्रुप में से एक, आदित्य बिड़ला समूह के अध्यक्ष कुमार बिड़ला को इस वर्ष की लिस्ट में 7.6 बिलियन डॉलर की कुल संपत्ति के साथ 8वें स्थान पर रखा गया है। आदित्य बिड़ला शादी के एक साल बाद ही पत्नी के साथ लंदन पढ़ाई करने चले गए। कुमार मंगलम ने लंदन बिजनेस स्कूल से एमबीए किया। कुमार मंगलम ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनका सीए करने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन पिता की बात को वह टाल नहीं पाए। इसीलिए जब उनके पिता ने उनसे कहा कि उनके लिए सीए करने का सही समय है, तो वह चुपचाप सीए की पढ़ाई के लिए विदेश चले गए। यह बात अभी तक उनके मन में ही थी।