- Home
- Career
- Education
- हाथ में डंडा ले कमर में चुनरी बांध जंगल पहुंची IAS अफसर, आम महिला बन की गांववालों की मदद
हाथ में डंडा ले कमर में चुनरी बांध जंगल पहुंची IAS अफसर, आम महिला बन की गांववालों की मदद
नई दिल्ली. दुनिया भर में 8 मार्च को महिलाओं के सम्मान और समाज में उनके योगदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के काम, उनके संघर्ष, और सफलता को याद किया जाता है। कार्यक्षेत्र और घरों में महिलाओं को सम्मानित किया जाता है। महिलाएं अपने जज्बे और हिम्मत से हर क्षेत्र में कीर्तिमान रच देती हैं। ऐसी ही एक महिला अफसर ने जनता की सेवा में खुद को इतना झोंक दिया कि वो गांववालों की अपनी बन गई। ये हैं ओडिशा के नौपाडा जिले की कलेक्टर रहीं पोमा टुडु जिन्होंने आदिवासी लोगों की समस्याओं के लिए जमकर पसीना बहाया। इस महिला दिवस 2020 पर हम आपको महिला अफसर पोमा के जज्बे और जुनून की कहानी सुना रहे हैं।
| Published : Mar 05 2020, 05:59 PM IST / Updated: Mar 05 2020, 06:11 PM IST
हाथ में डंडा ले कमर में चुनरी बांध जंगल पहुंची IAS अफसर, आम महिला बन की गांववालों की मदद
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
18
कहते हैं कोई महिला अगर किसी काम को हाथ में लेती है तो उसे शिद्दत से निभाती है। महिलाएं घर रहे या नौकरी पर अपना काम पूरी ईमानदारी से करती हैं। इस बात की मिसाल पेश की जिला कलेक्टर रहीं पोमा टुडु ने।
28
पोमा मीडिया में अपने काम करने के अंदाज के कारण सुर्खियों में रही हैं। उन्होंने गांववालों की मदद के लिए खुद जंगलों को पार किया है।
38
दिल्ली की लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से ग्रेजुएट पोमा साल 2012 की ओडिशा कैडर की अफसर हैं। वह गांव से शहर की फास्ट ट्रैक कनेक्टिविटी और मेडिकल सर्विस के लिए भी लगातार काम कर रही हैं।
48
वो गांव में जाकर बच्चों को पढ़ाती हैं स्कूलों की व्यवस्था का जायजा भी लेती हैं। जिस इलाके में लोग सुविधाओं की कमी से जूझ रहे थे उसकी काया पलट देने का श्रेय उनको जाता है।
58
आईएएस अधिकारी पोमा टुडू कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं। वह ओडिशा में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर ग्रामीणों की मदद करती रही हैं।
68
आदिवासी लोगों की परेशानियां सुनने के लिए हाथ में डंडा ले और कमर में चुनरी बांध वो खुद दौरा करने निकल गईं। वो खुद गांवों का दौरा करती हैं लोगों से वन टू वन बात करती हैं। गांववाले अफसर के सामने समस्या बताने में डरें नहीं इसलिए उनकी जैसी अपनी बनकर जमीं पर उतरकर काम करती थीं।
78
आदिवासी लोगों की परेशानियां सुनने के लिए हाथ में डंडा ले और कमर में चुनरी बांध वो खुद दौरा करने निकल गईं। वो खुद गांवों का दौरा करती हैं लोगों से वन टू वन बात करती हैं। गांववाले अफसर के सामने समस्या बताने में डरें नहीं इसलिए उनकी जैसी अपनी बनकर जमीं पर उतरकर काम करती थीं।
88
साल 2019 में रिपोर्ट के मुताबिक पोमा का को पोमा टुडू को नयागढ़ का नया कलेक्टर नियुक्त किया गया था। पोमा तुडु ने बताया कि, उनकी मां गांव की पहली महिला थीं, जो स्कूल गई थीं। इतना ही नहीं उन्होंने स्कूल के बाद कॉलेज की भी पढ़ाई की और एक बैंक में नौकरी पाई। आईएएस अधिकारी पोमा को उनके कामों के लिए कई बार सम्मानित किया जा चुका है।