MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaHindiMarathiMyNation
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • ताज़ा खबर
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • सरकारी योजनाएं
  • खेल
  • धर्म
  • ज्योतिष
  • फोटो
  • Home
  • Entertainment
  • Other Entertainment News
  • Amitabh Bachchan @ 61 days: जब जिंदगी और मौत से लड़े थे बिग बी, ठीक होकर घर लौटे तो पिता रोए थे फूट-फूटकर

Amitabh Bachchan @ 61 days: जब जिंदगी और मौत से लड़े थे बिग बी, ठीक होकर घर लौटे तो पिता रोए थे फूट-फूटकर

मुंबई. 78 साल के अमिताभ बच्चन (amitabh bachchan) की एक बार फिर से तबीयत बिगड़ गई है। अमिताभ ने अपने ब्लॉग के जरिए ये जानकारी दी है कि उनकी तबीयत बिगड़ गई गई और अब उन्हें सर्जरी करवानी पड़ेगी। बिग बी ने शनिवार को अपने ब्लॉग में लिखा- मेडिकल कन्डिशन... सर्जरी... मैं लिख नहीं सकता, एबी।' अमिताभ ने इसके अलावा कोई जानकारी शेयर नहीं की है। इससे पहले अमिताभ ने एक ट्वीट कर लिखा था- कुछ जरूरत से ज्यादा बढ़ गया है। कुछ काटने पर सुधरने वाला है। जीवन काल का कल है ये, कल ही पता चलेगा कैसे रहे वे। अमिताभ कई सारी बीमारियों से जूझ रहे हैं। इतना ही बिग बी का 75 फीसदी लीवर ही काम नहीं करता है। बावजूद इसके वे बेहद एक्टिव रहते हैं। वैसे, आपको बता दें कि उन्हें हेपटाइटिस बी नाम की बीमारी है। इसका पता उन्हें 2000 में चला था। ये बीमारी उन्हें उस दौरान लगी जब फिल्म कुली की शूटिंग के दौरान हुए हादसे के बाद उन्हें खूब चढ़ाया गया था। फिल्म में हुए हादसे से बाद अमिताभ 61 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़े थे। 

4 Min read
Asianet News Hindi
Published : Feb 28 2021, 02:06 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • GNFollow Us
111

अमिताभ के साथ यह हादसा 24 जुलाई, 1982 को बेंगलुरू में कुली की शूटिंग के वक्त हुआ था। एक्शन डायरेक्टर के मुताबिक, फिल्म के एक फाइट सीन में पुनीत इस्सर का घूंसा अमिताभ के मुंह पर लगना था, जिससे वे एक टेबल पर गिरते हैं। 

211

सीन के डुप्लीकेट बॉडी डबल के सहारे की बात भी की गई, लेकिन अमिताभ इसे खुद करने पर जोर दे रहे थे, ताकि सीन रियल लगे। सीन प्लान के मुताबिक शूट हुआ और पूरी तरह रियल लगा। सभी तालियां बजा रहे थे। अमिताभ भी मुस्कुराए, लेकिन तभी उनके पेट में हल्का दर्द शुरू हुआ। टेबल का एक कोना उनके पेट में बुरी तरह चुभ गया था।

311

सभी को ये चोट मामूली लग रही थी क्योंकि खून की एक बूंद भी नहीं निकली थी। अमिताभ होटल में आराम करने चले गए, लेकिन दर्द कम नहीं हुआ। अगले दिन यानी 25 जुलाई को यह दर्द कम होने की बजाए बढ़ गया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। एक्स-रे हुआ, लेकिन डॉक्टर्स को कुछ समझ नहीं आया। 

411

अमिताभ को नींद की गोली देकर सुला दिया गया। खबर मिलते ही मां तेजी, पत्नी जया और भाई अजिताभ अस्पताल पहुंचे। वे उन्हें मुंबई ले जाना चाहते थे, लेकिन डॉक्टर्स ने इसकी इजाजत नहीं दी। तीसरे दिन यानी 26 जुलाई को अमिताभ की स्थिति और बिगड़ गई। तभी वेलोर के जाने-माने सर्जन एचएस भट्ट वहां आए हुए थे। यूनिट के कई बार आग्रह करने के बाद डॉ. भट्ट अमिताभ का केस स्टडी करने के लिए तैयार हुए। 

511

रिपोर्ट देखने के बाद उन्होंने कहा कि यदि दवाओं से आज अमिताभ की हालत नहीं सुधरी तो कल ऑपरेशन करना पड़ेगा। 27 जुलाई को डॉक्टर्स ने ऑपरेशन का फैसला लिया। उन्होंने पेट चीरकर देखा तो हैरान रह गए। अमिताभ के पेट की झिल्ली (जो पेट के अंगो को जोड़े रखती है और केमिकल्स से उन्हें बचाती है) फट चुकी थी। छोटी आंत भी फट गई थी। 

611

इस स्थिति में किसी भी इंसान का 3 से 4 घंटे जीवित रह पाना मुश्किल होता है लेकिन अमिताभ 3 दिन तक इस कंडीशन से गुजरे। डॉक्टर्स ने पेट की सफाई की, आंत सिली। उस वक्त अमिताभ को पहले से ही कई बीमारियां (अस्थमा, पीलिया के कारण एक किडनी भी खराब हो चुकी थी, डायबिटीज) थीं। ऐसे में वो इतने दिन इस प्रॉब्लम से कैसे लड़े ये किसी आश्चर्य से कम नहीं था।

711

ऑपरेशन के एक दिन बाद अमिताभ को निमोनिया भी हो गया। उनके शरीर में जहर फैलता जा रहा था, खून पतला हो रहा था। ब्लड डेंसिटी को सुधारने के लिए बेंगलुरू में सेल्स मौजूद नहीं थे, जिन्हें मुंबई से मंगवाया गया। 

811

खून में सेल्स मिलाने के बाद अमिताभ की स्थिति 4 दिनों में पहली बार कुछ सुधरी थी, लेकिन अगले ही दिन फिर उनकी हालत खराब हो गई और उन्हें जैसे-तैसे उन्हें संभाला गया। मीटिंग कर डॉक्टर्स ने तय किया कि अमिताभ को मुंबई ले जाना ही सही होगा, वहां बेहतर इलाज की सुविधा थी।

911

फाइनली एयरबस के जरिए अमिताभ को मुंबई ले जाना तय हुआ। स्टेचर पर लेटे अमिताभ को क्रेन की मदद से एयरबस में शिफ्ट किया गया। रात 11 बजे बेंगलुरू से निकली एयरबस 31 जुलाई की सुबह करीब 5 बजे मुंबई पहुंची। उन्हें ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल की दूसरी मंजिल पर स्पेशल विजिलेंस वॉर्ड में रखा गया। 1 अगस्त की सुबह तक उनकी हालत में काफी सुधार था।

1011

16 अगस्त को आखिर अमिताभ की सेहत में सुधार हुआ। वो खाने-पीने लगे और कुछ कदम चलने भी लगे, लगातार उनकी सेहत में सुधार होता गया। 24 सितंबर के दिन आखिरकार अमिताभ को ब्रीच कैंडी अस्पताल से छुट्टी मिल गई। लोगों की बेकाबू भीड़ उनका इंतजार कर रही थी। ठीक होने पर अपने प्रशंसकों का धन्यवाद देते हुए अमिताभ ने कहा था कि जिंदगी और मौत के बीच यह एक भयावह अग्नि परीक्षा थी। दो महीने का अस्पताल प्रवास और मौत से लड़ाई खत्म हो चुकी है। अब वो मौत पर विजय पाकर अपने घर लौटे हैं। जब वे घर लौटे तो पिता हरिवंशराय बच्चन बेटे को गले लगाकर फूट-फूटकर रोए थे।

1111

इलाज के लिए जरूरी खून की कमी पूरी करने के लिए करीब 200 लोगों ने ब्लड डोनेट किया था। उन्हीं में से किसी एक शख्स को हेपटाइटिस बी की बीमारी थी। जो ब्लड लेने के दौरान उनमें भी आ गई। और इस बीमारी से आज भी बिग भी जूझ रहे हैं। 

About the Author

AN
Asianet News Hindi
एशियानेट न्यूज़ हिंदी डेस्क भारतीय पत्रकारिता का एक विश्वसनीय नाम है, जो समय पर, सटीक और प्रभावशाली खबरें प्रदान करता है। हमारी टीम क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं पर गहरी पकड़ के साथ हर विषय पर प्रामाणिक जानकारी देने के लिए समर्पित है।

Latest Videos
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • Facebook
  • Twitter
  • whatsapp
  • YT video
  • insta
  • Download on Android
  • Download on IOS
  • About Website
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved