- Home
- Entertianment
- Other Entertainment News
- अर्जुन कपूर ने बताया कैसे झेला मां को खोने का दर्द, 6 साल तक नहीं खोला था उनका कमरा भी
अर्जुन कपूर ने बताया कैसे झेला मां को खोने का दर्द, 6 साल तक नहीं खोला था उनका कमरा भी
मुंबई. अर्जुन कपूर अक्सर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर चर्चा में रहती हैं। लेकिन, इस बार वो अपनी मां मोना कपूर को लेकर छाए हुए हैं। अर्जुन मोना कपूर को हमेशा से ही याद कर भावुक हो जाते हैं। उनसे जुड़े किस्से और फोटो को वो सोशल मीडिया पर फैंस के साथ शेयर करते रहते हैं। अर्जुन ने 2012 में अपने बॉलीवुड डेब्यू के 1 महीने पहले अपनी मां को खो दिया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि मां को खोने का दर्द कैसे झेला।
| Published : May 21 2020, 12:50 PM IST / Updated: May 21 2020, 12:52 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
बीते दिनों मदर्स डे पर अर्जुन कपूर ने इंस्टाग्राम पर अपनी मां के लिए इमोशनल वीडियो शेयर किया था। एक इंटरव्यू में वह इस दुख पर बात भी कर चुके हैं।
अर्जुन ने इंटरव्यू में बताया था कि कोई एक पैरंट को खोने का दर्द कैसे झेल पाता है, उन्हें नहीं पता। मां को गुजरे 8 साल हो गए, लेकिन वो आज तक इसमें एक्सपर्ट नहीं बन पाए।
अर्जुन ने कहा था कि वो इस पर कुछ नहीं कह सकते क्योंकि उनके लिए हर दिन एक नया संघर्ष है। ऐसा लगता है कि रीढ़ की हड्डी टूट गई है और कोई चलने को कह रहा है।
इस दुख में उनकी बहन अंशुला कपूर उनकी ताकत बनीं। अर्जुन कहते हैं कि उन्हें उन लोगों से जलन होती है, जो घर जाते हैं और उन्हें मां मिलती है। इससे काफी फर्क पड़ता है। अर्जुन को अंशुला के आसपास होने से स्टेबिलिटी मिलती है। लेकिन, पहले अंशुला दिल्ली में काम करती थीं और वो मुंबई में अकेले रहा करते थे।
अर्जुन बताते हैं कि वो अकेलेपन से बचने के लिए काम करते रहते थे। उन्होंने इसी तरह से इससे डील करने की कोशिश की। एक्टर कहते हैं कि उन्होनें इससे भागकर इसे झेलने की कोशिश की। इसके बाद उन्होनें इसको स्वीकार कर लिया कि यही उनका जीवन है, मां उनके साथ नहीं है।
इस मुश्किल वक्त को झेलने के बारे में अर्जुन ने बताया था कि यह बात वो अब बता पा रहे हैं कि उन्होनें मां के कमरे को 6 साल तक नहीं छुआ। यह नॉर्मल बात नहीं है कि घर में जगह नहीं है और आप एक कमरा हमेशा बंद रख रहे हैं। लेकिन, उनके और अंशुला के लिए ये ऐसा ही है। यह उनका घर है।
अर्जुन कहते हैं कि वो हर दिन बाहर जाते हैं, खुश रहते हैं, काम करते हैं, मजा आ रहा है, शूटिंग कर रहे हो, अपनी ड्रीम जॉब कर रहे हो लेकिन घर आकर मां को ये सब नहीं बता सकता। इसलिए अधूरापन सा लगता है।