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तबलीगी जमात की हरकत पर डायरेक्टर ने पूछे सवाल तो भड़के जावेद अख्तर, बोले तुम किस मुंह से पूछ रहे
मुंबई। हाल ही में यूपी के मुरादाबाद में डॉक्टर्स और पुलिसकर्मियों पर हुए हमले को लेकर फिल्ममेकर अशोक पंडित और जावेद अख्तर में ठन गई। दोनों सोशल मीडिया पर आमने-सामने आ गए। दरअसल इस झगड़े की शुरुआत तब हुई जब अशोक पंडित ने जावदे अख्तर से सवाल पूछ लिया कि वो तबलीगी जमात और मुरादाबाद वाले मामलों पर अब तक चुप क्यों हैं? इसके बाद जावेद अख्तर ने भी जवाब दिया। हालांकि दोनों के बीच बहसबाजी होती रही और जावेद अख्तर भड़क गए। जावेद अख्तर ने अशोक पंडित से कहा कि आप मुझसे किस मुंह से सवाल कर रहे हैं?
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दरअसल, जावेद अख्तर ने अपने एक ट्वीट में कोरोना वायरस की जांच के लिए बीएमसी की तारीफ की थी। इस पर अशोक पंडित ने कहा- "सर मैं बीएमसी द्वारा किए गए महान कामों के लिए आपकी तारीफ का सपोर्ट करता हूं। लेकिन मैं अब भी तबलीगी जमात के आतंकी कामों को लेकर आपकी निंदा का इंतजार कर रहा हूं। मुझे विश्वास है कि आपने मुरादाबाद के विजुअल्स भी देखे होंगे। इन बर्बर हमलों पर आखिर चुप्पी क्यों?"
अशोक पंडित के इस ट्वीट का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने लिखा- "अशोकजी सीधी बात कीजिए। क्या आप जो मुझे बरसों से जानते हैं, यह सोचते हैं कि मैं एक कम्युनल हूं। कोई और पूछता तो पूछता, आप जो मेरे दोस्त हैं...क्या आप नहीं जानते कि मेरा तबलीगी जमात जैसी हर संस्था चाहे मुस्लिम हो या हिंदू के बारे में क्या सोचना है।"
इस पर अशोक पंडित ने कहा- "सर मैं आपको जानता हूं और आपकी दिल से इज्जत करता हूं और इसीलिए हैरान हूं कि आपने अब तक तबलीगी जमात को पब्लिकली क्यों नहीं लताड़ा? गलत चीजों के खिलाफ आवाज उठाना तो आप ही से सीखा है। इन आतंकवादियों पर आपकी खामोशी थोड़ी-बहुत खल गई।"
अशोक पंडित का जवाब सुनकर जावेद अख्तर भड़क गए। उन्होंने लिखा- "तो सुनिए सीधी बात। मैंने जिस कम्युनिटी में जन्म लिया है, उसके सारे कट्टर लोगों और कम्युनल ग्रुप्स को हजार बार कंडेम किया है। यह वो काम है, जो आपने अपनी जिंदगी में एक बार भी नहीं किया। आप किस मुंह से मुझसे सवाल करते हैं।"
इस पर अशोक पंडित ने पूछा- "सर सीधी बात में आपने मुझे अभी तक मेरे सवाल का जवाब नहीं दिया। तबलीगी जमात के आतंकवादियों की हरकत के बारे में आपने अभी तक पब्लिकली कंडेम क्यों नहीं किया? सर, बाला साहब ठाकरे और नरेंद्र मोदी मेरे हीरो तब भी थे और अब भी हैं। कुर्सी पाने के लिए अपना पक्ष कभी नहीं बदला।"
बता दें कि इससे पहले जावेद अख्तर उस वक्त सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए थे, जब उन्होंने कोरोना के चलते मस्जिदें बंद करने के लिए फतवे का समर्थन किया था।
जावेद अख्तर का ट्वीट देखने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स भड़क उठे। एक यूजर ने कहा- 'आखिर ऐसा क्यों है कि भारत की सभी मस्जिदों को बंद करने के लिए हमें फतवे की जरूरत पड़ती है और सरकार का अनुरोध या आदेश पर्याप्त नहीं है?'
एक और यूजर ने कमेंट करते हुए पूछा था, 'फतवा क्यों, क्या हम मध्यकाल में जी रहे हैं? क्यों आप सिर्फ देश के कानूनों का पालन नहीं कर सकते?'
एक शख्स ने जावेद अख्तर को जवाब देते हुए लिखा था- यह तो ये तथाकथित नास्तिक महोदय भी मानते हैं कि इनके मजहब के लोग देश के प्रधानमंत्री, कानून से ऊपर अपने मुल्ले मौलानाओं को मानते हैं। जब देश के बाकी लोग प्रधानमंत्री की अपील पर अपने घरों में बैठे है इन लोगों को ऐसा करने के लिए फतवे का इंतजार है।