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पहली ही फिल्म में श्रीदेवी का हीरो बना इस एक्टर का बेटा, फिर भी नहीं चला करियर तो करना पड़ा ये काम
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मनोज कुमार के बेटे कुणाल को अपने पिता के स्टारडम के चलते काम तो मिला लेकिन वो आगे सफल नहीं हो सके। कुणाल ने करियर की शुरुआत बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म 'क्रांति' (1981) से की।
हालांकि बतौर हीरो वो 1983 में फिल्म ‘कलाकार’ में श्रीदेवी के अपोजिट नजर आए। इस फिल्म में किशोर कुमार का गाया गाना ‘नीले-नीले अंबर पर’ काफी पॉपुलर हुआ, लेकिन बावजूद इसके कुणाल गोस्वामी का फिल्मी करियर कुछ खास नहीं चला।
फिल्म 'कलाकार' के बाद कुणाल ने 'घुंघरू' (1983), 'दो गुलाब' (1983) और 'पाप की कमाई' (1990) जैसी फिल्में कीं, लेकिन ये भी नहीं चलीं। इसके बाद उन्होंने गोविंदा के साथ 1989 में आई फिल्म 'आखिरी बाजी' में भी किस्मत आजमाई लेकिन उनकी कोई भी फिल्म कामयाब नहीं हो पाई।
इसके बाद कुणाल को जब फिल्में मिलना ही बंद हो गईं तो उनके पिता मनोज कुमार ने 1999 में अपने ही प्रोडक्शन हाउस की फिल्म 'जय हिंद' से कुणाल को रीलॉन्च किया। इसमें उनके साथ ऋषि कपूर और शिल्पा शिरोडकर भी थे।
हालांकि यह फिल्म भी फ्लॉप रही और किन्हीं कारणों से इसी दौरान मनोज कुमार का प्रोडक्शन हाउस भी बंद हो गया। बस इसके बाद से कुणाल के फिल्मी करियर पर भी पूरी तरह ब्रेक लग गया। इसके बाद कुणाल ने दिल्ली में अपना कैटरिंग बिजनेस शुरू कर दिया। फिलहाल वो इसी को संभाल रहे हैं।
कुणाल ने पहले पूजा चोपड़ा से सगाई की थी, लेकिन 2001 में यह टूट गई। इसके बाद उन्होंने 2005 में रितु गोस्वामी से शादी की। उनका एक बेटा है, जिसका नाम कर्म है।
कुणाल गोस्वामी ने फिल्मों के अलावा टीवी सीरियल 'भारत के शहीद', 'किट्टी पार्टी' 'अलग-अलग' और 'परंपरा' में भी काम किया है।
कुणाल गोस्वामी ने क्रांति, कलाकार, दो गुलाब, आखिरी बाजी, पाप की कमाई, नंबरी आदमी, विषकन्या और जयहिंद जैसी फिल्मों में काम किया है।