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- जब सुध बुध खो बिना कपड़ों के ही इस शख्स के पीछे दौड़ पड़ी थी ये एक्ट्रेस, हो गई थी मेंटली डिस्टर्ब
जब सुध बुध खो बिना कपड़ों के ही इस शख्स के पीछे दौड़ पड़ी थी ये एक्ट्रेस, हो गई थी मेंटली डिस्टर्ब
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यहीं वो वक्त था जब परवीन फिल्म अमर अकबर एंथनी और काला पत्थर फिल्म की शूटिंग कर रही थीं। दोनों की जिंदगी बहुत अच्छी चल रही थी। परवीन भले ही सुपरस्टार थीं लेकिन घर पर वो एक साधारण लड़की थीं, जो महेश भट्ट से बहुत प्यार करती थी।
कहा जाता है कि एक रात जब परवीन बाबी से गुस्सा होकर महेश भट्ट चले गए थे, तब परवीन भी उनके पीछे दौड़ी थीं। प्यार में बेपरवाह परवीन ने ये तक नहीं देखा था कि उन्होंने कुछ पहन भी रखा है या नहीं। एक इंटरव्यू में महेश भट्ट ने बताया था कि परवीन की एक शर्त की वजह से वे नाराज होकर बेडरूम से बाहर चले गए थे। महेश ने बताया था- मुझे याद है परवीन मुझसे संबंध बनाना चाहती थी। हम एक-दूसरे के करीब आए। तभी परवीन ने कुछ ऐसा कहा कि मैं हैरान रह गया। इसके बाद मैंने कपड़े पहन लिए और चुपचाप कमरे से बाहर निकल गया।
महेश ने बताया था- परवीन ने मेरा नाम लेकर आवाज दी पर मैंने उसे अनसुना कर दिया। मैंने लिफ्ट का इंतजार नहीं किया और सीढ़ियों से ही नीचे उतरने लगा। मैंने सीढ़ियों से उसके दौड़ने की आवाज सुनी। मैं वापस लौटकर उससे कहना चाहता था कि देखो तुम इस हालत में (बिना कपड़ों के) बाहर नहीं आ सकतीं। लेकिन मैं बिना परवाह किए आगे बढ़ गया।
1979 में एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि सब कुछ बदल गया। महेश भट्ट जब घर आए तो उन्होंने देखा कि परवीन एक फिल्म का कॉस्ट्यूम पहनकर तैयार हैं और घर के एक कोने में बैठी हैं। उनके हाथ में चाकू था। परवीन ने महेश को देखकर चुप रहने का इशारा करते हुए कहा- बोलो मत। घर में कोई है और मुझे मारने की कोशिश कर रहा है। यह पहली बार था जब महेश ने परवीन को इस हालत में देखा था। इसके बाद अक्सर परवीन को इस तरह के अटैक आने लगे और इलाज के दौरान पता चला कि उन्हें पैरानॉयड स्किजोफ्रेनिया नाम की गंभीर बीमारी है।
वो फिल्ममेकर जिनकी फिल्मों में परवीन काम कर रहीं थीं, चाहते थे कि परवीन इस बीमारी का इलाज करवाएं। इसके लिए परवीन को बिजली के झटके दिए जाते, यह टेंपररी इलाज था। लेकिन महेश, परवीन के साथ खड़े रहे और उन्हें बचाने की पूरी कोशिश करते रहे। इस दौरान कबीर बेदी और डैनी ने उन्हें अमेरिका में कई अस्पताल बताए जहां परवीन का इलाज करवाया जा सकता था।
परवीन की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उन्हें लगता था कि उनकी कार में बम है और उन्हें उसकी आवाज भी सुनाई देती थी। इतना ही नहीं उन्हें लगता था कि अमिताभ बच्चन, जिनके साथ उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, उन्हें मारना चाहते हैं।
परवीन की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी और अब इलेक्ट्रिक शॉक थेरेपी ही एक ऑप्शन बाकी था, लेकिन महेश इसके खिलाफ थे। जब परवीन के ठीक होने की कोई उम्मीद नहीं बची तो महेश भट्ट उन्हें लेकर बेंग्लुरु चले गए। उन्हें लगा कि शांत जगह पर रहने से परवीन की सेहत में सुधार आएगा। बेंगलुरु में एक फिलोसफर ने महेश को परवीन से अलग रहने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि उनकी मौजूदगी से परवीन की हालत और बिगड़ रही है। 2005 में परवीन का निधन हो गया।
परवीन ने मजबूर, दीवार, अमर अकबर एंथोनी, सुहाग, कालिया, शान, द बर्निंग ट्रेन, नमक हलाल, काला पत्थर, एक और एक ग्यारह, अशांति, अर्पण, रंग बिरंगी, देश प्रेमी, क्रांति, रजिया सुल्तान, चोर पुलिस जैसी कई फिल्मों में काम किया।