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इस मजबूरी के चलते एक्ट्रेस को बाथरूम में बैठकर करना पड़ा था मेकअप, वजह जान सोच में पड़ जाएंगे सभी
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स्मिता पाटिल के पर्सनल मेकअप आर्टिस्ट रहे दीपक सावंत की मानें तो उन्होंने स्मिता का पहला मेकअप बाथरूम में किया था। बात 1982 की है, जब फिल्म 'भीगी पलकें' की शूटिंग चल रही थी, जिसका सेट कटक, उड़ीसा में लगा था। इस दौरान स्मिता ने पहले दीपक से सलाह ली कि उन्हें मेकअप करना चाहिए या नहीं? दीपक ने बताया था, "मैंने उनसे कहा कि आप आर्ट फिल्में करती हैं तो कोई बात नहीं, लेकिन यह कमर्शियल फिल्म है और इसमें यदि आप मेकअप करती हैं तो अच्छा होगा।"
दीपक ने बताया था- सेट पर लाइट कम होने के चलते मेकअप नहीं कर सकते थे, इसलिए उन्होंने बाथरूम में स्मिता का पहला मेकअप किया। उन्होंने बताया था, "मैंने बाथरूम में देखा कि वहां एक ट्यूब लाइट थी। मैंने स्मिता को कहा कि यहां मेकअप कर सकते हैं और वे राजी हो गईं। इसके बाद हमने बेसिन के ऊपर प्लाईवुड और उसके ऊपर एक तौलिया डाला। फिर उस पर बैठाकर स्मिता का मेकअप किया गया। इसके बाद जब वे सेट पर गईं तो हर कोई उन्हें देखता ही रह गया।
फिल्मों के साथ ही स्मिता की पर्सनल लाइफ भी हमेशा सुर्खियों में रही। राज बब्बर से शादी करने के बाद उन पर घर तोड़ने तक के आरोप लगे और मीडिया में उन्हें काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। उन्होंने राज बब्बर से गुपचुप शादी की थी। इससे पहले वो उनके साथ लिव-इन में भी रही थीं, लेकिन ये शादी ज्यादा समय तक नहीं चली। मां बनने के करीब दो हफ्ते बाद स्मिता पाटिल की मौत हो गई थी। उनके बेटे का नाम प्रतीक है।
बता दें कि राज बब्बर और स्मिता पाटिल की लव स्टोरी फिल्म 'भीगी पलकें' की शूटिंग के दौरान शुरू हुई थी। इसके बाद राज बब्बर ने अपनी पहली पत्नी नादिरा से अलग होकर स्मिता से शादी कर ली थी। राज बब्बर के तीन बच्चे जूही, आर्य और प्रतीक हैं। जूही और आर्य नादिरा से हैं तो वहीं प्रतीक, स्मिता और राज बब्बर के बेटे हैं। स्मिता के निधन के बाद राज बब्बर फिर से पहली पत्नी नादिरा के पास वापस लौट गए।
स्मिता पाटिल की काफी कम उम्र में मौत हो गई थी। वह अपने बेटे प्रतीक बब्बर को जन्म देने के 6 घंटे बाद ही चल बसी थीं। बाद में कहा गया कि इलाज में हुई लापरवाही की वजह से उनकी मृत्यु हुई थी।
अमिताभ बच्चन के मुताबिक, स्मिता को फिल्म नमक हलाल का गाना आज रपट जाएं.. बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन वो फिल्म के लिए कमिटमेंट कर चुकी थीं। इसलिए उन्होंने मजबूरी में इसे किया। इस गाने को वो अपने करियर में शर्मिंदगी की तरह देखती थीं।
उनकी करीब 14 फिल्में ('मिर्च मसाला', 'डांस-डांस', 'ठिकाना', 'सूत्रधार', 'इंसानियत के दुश्मन', 'अहसान', 'राही', नजराना', 'आवाम', 'शेर शिवाजी', 'वारिस', 'हम फरिश्ते नहीं', 'आकर्षण' और 'गलियों के बादशाह') मौत के बाद रिलीज हुई थीं। 21 साल की कम उम्र में उन्हें फिल्म 'भूमिका' में संवेदनशील अभिनय करने के लिए नेशनल अवॉर्ड दिया गया था।