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प्यार के लिए हिंदू से मुसलमान बन गई थी ये एक्ट्रेस! ड्रग माफिया से जुड़ा नाम तो अचानक छोड़ दिया था बॉलीवुड
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ममता कुलकर्णी अपनी फिल्मों से कहीं ज्यादा विवादों की वजह से सुर्खियों में रहीं। 1993 में स्टारडस्ट मैगजीन में टॉपलेस होने से लेकर इस्लाम धर्म अपनाने तक, ममता और विवादों का गहरा नाता रहा है।
ममता ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1992 में फिल्म तिरंगा से की। उसके बाद बॉलीवुड में उन्होंने कई हिट फिल्में दीं, लेकिन 2000 के बाद ममता अचानक ही इंडस्ट्री से गायब हो गईं।
ममता कुलकर्णी ड्रग्स माफिया विकी गोस्वामी से प्यार करती थी। विकी जेल में बंद था उसे छुड़ाने के लिए उन्होंने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया और दुबई जाकर बस गईं थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ममता कुलकर्णी ने अंडरवर्ल्ड ड्रग माफिया विकी गोस्वामी से शादी कर ली थी।
मई 2016 में एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक दुबई की जेल में विकी को लगा कि अगर वो इस्लाम धर्म कबूल कर ले तो कानून में उसकी सजा कम हो जाएगी। खबरों के मुताबिक कानून के शिकंजे से बचने के लिए विकी ने इस्लाम कुबूल कर लिया था।
कहा जाता है कि विकी के प्यार में पागल ममता कुलकर्णी भी मुस्लिम बन गईं थी। विकी ने अपना नाम यूसुफ अहमद रखा और ममता ने आयशा बेगम। फिर 15 साल जेल में रहने के बाद विकी गोस्वामी की 10 साल की सजा कम कर दी गई थी।
विक्की ने 2013 में ममता से शादी की और वर्तमान में दोनों केन्या के मोम्बासा में रहते हैं। हालांकि, ममता ने अपनी शादी की खबरों को हमेशा ही अफवाह बताया। ममता के मुताबिक, "मैंने कभी किसी से शादी नहीं की थी और न ही अब शादीशुदा हूं। यह सही है कि मैं विक्की से प्यार करती हूं, लेकिन उसे भी पता होगा कि अब मेरा पहला प्यार ईश्वर है।"
डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने ममता को फिल्म 'चाइना गेट' में बतौर लीड एक्ट्रेस लिया था। शुरुआती अनबन के बाद संतोषी, ममता को फिल्म से बाहर निकालना चाहते थे। खबरों के मुताबिक, अंडरवर्ल्ड से प्रेशर बढ़ने के बाद, उन्हें फिल्म में रखा गया। बाद में ममता ने संतोषी पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का आरोप भी लगाया था।
1992 में फिल्म 'तिरंगा' से बॉलीवुड में डेब्यू करने वालीं ममता कुलकर्णी को 1993 में आई फिल्म 'आशिक आवारा' ने स्टार बना दिया। इस फिल्म के लिए उन्हें 'फिल्मफेयर न्यू फेस' अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके बाद वे 'वक्त हमारा है', 'क्रांतिवीर', 'करण अर्जुन', 'बाजी' जैसी फिल्मों में नजर आई। उनकी लास्ट रिलीज फिल्म 'कभी तुम कभी हम' 2002 में रिलीज हुई थी।
कभी अपने बोल्ड अंदाज से सुर्खियां बटोरने वाली ममता साध्वी भी बनीं। बॉलीवुड की गलियों को छोड़ उन्होंने अध्यात्म की राह पकड़ी। 2013 में उन्होंने अपनी किताब 'ऑटोबायोग्राफी ऑफ एन योगिनी' रिलीज की थी।
फिल्मी दुनिया को अलविदा कहने की वजह बताते हुए ममता कुलकर्णी ने कहा था, 'कुछ लोग दुनिया के कामों के लिए पैदा होते है, जबकि कुछ ईश्वर के लिए पैदा होते हैं। मैं भी ईश्वर के लिए पैदा हुई हूं।'
20 अप्रैल, 1972 को मुंबई के एक मराठी परिवार में जन्मी ममता कुलकर्णी की दो बहनें मिथिला एवं मोलिना हैं। ममता ने 90 के दशक में 'आशिक आवारा' और 'करन-अर्जुन' जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया है।