- Home
- Entertianment
- Other Entertainment News
- जब सलमान और उनके भाइयों ने मिलकर जला दिए पापा की सैलरी के पैसे, फिर सलीम खान ने यूं सिखाया था सबक
जब सलमान और उनके भाइयों ने मिलकर जला दिए पापा की सैलरी के पैसे, फिर सलीम खान ने यूं सिखाया था सबक
- FB
- TW
- Linkdin
ये किस्सा सलमान के बचपन से जुड़ा है, जब उन्होंने अपने पिता सलीम खान को मिली सैलरी के पैसों में आग लगा दी थी। इसके बाद सलीम ने उन्हें जो सबक सिखाया था, उसे सलमान आज तक नहीं भुला पाए हैं।
संजुक्ता नंदी की किताब 'खानटास्टिक: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बॉलीवुड ट्रायो' (Khantastic: The Untold Story of Bollywood's Trio) में इस बात का खुलासा किया गया है कि किस तरह सलमान को पैसों की अहमियत पता चली थी।
ये किस्सा उस दौरान का है, जब सलमान खान इंदौर में अपने परिवार के साथ रहते थे। किताब में बताया है कि एक दीवाली पर सलमान अपने भाई-बहनों के साथ मस्ती के मूड में थे। सभी मिलकर कागज जला रहे थे। जब कागज खत्म हो गए तो सलमान को आसपास कुछ और नहीं मिला।
ऐसे में सलमान अपने पापा के स्टडी रूम में गए। वहां टेबल पर रखे कागज के बंडल को उठाकर ले आए। सलमान ने ये कागज का बंडल अपने भाई-बहनों को जलाने के लिए दे दिया। वैसे, सलमान के लिए भले ये सिर्फ कागज के टुकड़े थे लेकिन असल में ये सलीम खान की महीनेभर की कमाई थी। बच्चों ने मिलकर उनकी सैलरी के 750 रुपए आग में फूंक दिए थे।
जब ये बात सलीम खान को पता चली तो वो अपने बच्चों पर गुस्सा नहीं हुए बल्कि उन्हें प्यार से समझाया कि आखिर पैसे की अहमियत क्या होती है। कैसे इसके जरिए ही उनके घर पर खाने का इंतजाम होता है। इसके बाद सलमान पर इस बात का गहरा असर हुआ। उन्होंने पापा से ये वादा किया कि वो इस बात को जीवनभर याद रखेंगे और ऐसा ही हुआ।
सलीम और सलमा के चार बच्चे हैं सलमान खान, अरबाज खान, सोहैल खान और बेटी अलविरा। 1981 में सलीम खान ने अपने जमाने की मशहूर डांसर हेलेन से दूसरी शादी की। दोनों को कोई औलाद नहीं हुई, जिसके बाद उन्होंने एक छोटी बच्ची को गोद लिया और उसका नाम है अर्पिता।
बता दें कि सलीम खान पहले स्क्रिप्ट राइटर नहीं बल्कि एक्टर बनना चाहते थे। इसीलिए वो इंदौर से मुंबई आए थे। शुरुआत में उन्हें छोटे-मोटे रोल भी मिले। उन्होंने करीब 14 फिल्मों में कैमियो रोल किए, लेकिन बतौर एक्टर कुछ खास नहीं कर पाए। बतौर एक्टर वो 'तीसरी मंजिल' (1966) और 'सरहदी लुटेरा', 'दीवाना' (1967) और 'वफादार' (1977) जैसी फिल्मों में नजर आ चुके हैं।
सलीम खान जब एक्टिंग में हाथ-पैर मार रहे थे। उस वक्त 'सरहदी लुटेरा' के लिए जावेद अख्तर डायलॉग लिख रहे थे। जावेद को यह मौका असल डायलॉग राइटर की तबीयत बिगड़ने की वजह से मिला था। यहीं से दोनों की दोस्ती हुई। इन दोनों ने 70 और 80 के दशक में कुल 24 फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी, जिसमें 20 फिल्में सुपरहिट हुईं।