- Home
- States
- Chhattisgarh
- रियल मर्दानी: गर्भवती होने पर भी एके-47 लिए नक्सलियों से लोहा लेती रही यह लेडी कमांडो, अब बनी मां
रियल मर्दानी: गर्भवती होने पर भी एके-47 लिए नक्सलियों से लोहा लेती रही यह लेडी कमांडो, अब बनी मां
- FB
- TW
- Linkdin
कमांडो सुनैना पटेल ने अपनी ड्यूटी को कभी बोझ की तरह नहीं लिया। उनका मानना है कि पुलिस में हम सोच-समझकर आए..तो फर्ज बनता है कि उसे पूरी ईमानदारी, जोश और जज्बे के साथ निभाया जाए। बता दें कि बस्तर में मई 2019 को 'दंतेश्वरी फाइटर्स' का गठन किया गया था। इसमें महिला पुलिसकर्मियों के अलावा सरेंडर करने वालीं महिला नक्सली शामिल की गई हैं।
'दंतेश्वरी फाइटर्स' में 30 लेडी कमांडो हैं। यह टीम डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड्स (डीआरजी) के तहत कंट्रोल की जाती है। इस टीम के लिए बकायदा कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है। इस टीम को लीड करती रही हैं सुनैना पटेल। (अपनी बेटी के साथ सुनैना)
बता दें कि जब सुनैना इस टीम का हिस्सा बनीं, तो कुछ महीने बाद ही उन्हें अपनी प्रेग्नेंसी का पता चला। लेकिन उन्होंने अपने अफसरों को इस बारे में नहीं बताया। सुनैना कहती हैं कि वे अपने 'ऑपरेशन' को अधूरा नहीं छोड़ना चाहती थीं। उन्होंने गांवों में देखा है कि लोग किस तरह की जिंदगी गुजर-बसर कर रहे हैं। उन असहाय-बीमार लोगों को हमारी जरूरत है। इसलिए मैं बगैर किसी को बताए अपने ड्यूटी करती रही। हालांकि मैंने अपना और अपने बच्चे का भी पूरा ख्याल रखा।
सुनैना ने गश्त के समय बताया था कि उनकी टीम अकसर ऐसे गांवों में पहुंचती थी, जहां आम आदमी आसानी से नहीं पहुंच सकता। कई जगह नदी-नाले..तो कई जगह पहाड़ पार करने पड़ते हैं। इन घने जंगलों में नक्सलियों का खतरा तो होता ही है। इस सबके बावजूद कमांडो को अपने कंधे पर एके 47 राइफल के अलावा दवाइयों और जरूरी चीजों से भरा करीब 25 किलो भारी बैग भी लादना पड़ता है। इन गांवों तक पहुंचने के लिए कोई गाड़ी आदि नहीं मिलती। आपको पैदल ही जाना पड़ता है।
सुनैना ने अपने गर्भवती होने की जानकारी अफसरों को नहीं दी थी। उनके मुताबिक, अगर वे ऐसा करतीं, तो उन्हें फील्ड की ड्यूटी पर जाने से रोक दिया जाता। वे ऐसा नहीं चाहती थीं। सुनैना बताती हैं कि इस बारे में सिर्फ उनके पति को बताया था। उन्होंने हमेशा मेरा सपोर्ट किया।
हालांकि अब अफसरों को इस बारे में पता चला है। लिहाजा 7 महीने के गर्भ को देखते हुए सुनैना और उसके बच्चे की सेहत को देखते हुए उन्हें फील्ड ड्यूटी से रोक दिया गया था। अब सुनैना बच्चे के जन्म के बाद फिर से फील्ड ड्यूटी चाहेंगी।
डीआरजी टीम की प्रभारी डीएसपी शिल्पा साहू ने मीडिया को बताया कि सुनैना जैसी कमांडोज ही 'दंतेश्वरी फाइटर्स' की जान-शान हैं। इन्हीं की बदौलत हम अपने ऑपरेशन को सफल कर पाते हैं।
बता दें कि नक्सलियों के गढ़ में जब डीआरजी की टीम को भेजा गया था, तब सुनैना 45 दिनों तक दुर्गम गांवों में अपनी टीम के साथ मौजूद रहीं।
ये लेडी कमांडो सिर्फ नक्सलियों से लोहा नहीं लेतीं, बल्कि गांवों में हेल्थ कैंप चलाकर लोगों की मदद करना..नक्सलियों के बहकावे से लोगों को जागरूक करना आदि काम भी करती हैं।
लेडी कमांडो दो तरह की जिम्मेदारियां निभाती हैं। पहली नक्सलियों की गतिविधियों को रोकना, दूसरा गांववालों की मदद करना।
सुनैना मीडिया की सुर्खियों में आई थीं।